पटना: राजधानी पटना के शास्त्रीनगर स्थित दीप नारायण सिंह क्षेत्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान में प्रमंडलीय लेखा पदाधिकारी और लेखाकार संघ का दूसरा द्विवार्षिक अधिवेशन (Second Biennial Session Of Association Of Accountants) का शुभारंभ किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बिहार के प्रधान महालेखाकार प्रवीण कुमार सिंह और विशिष्ट अतिथि के तौर पर महालेखाकार (लेखा परीक्षा) रामावतार शर्मा शामिल हुए. इस दौरान महालेखाकार ने लेखा पदाधिकारियों और लेखाकारों को निडर होकर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया.
बिहार के प्रधान महालेखाकार प्रवीण कुमार सिंह (Principal Accountant General Praveen Kumar Singh) ने कहा कि डिविजनल अकाउंट ऑफिसर और अकाउंटेंट का कार्य काफी महत्वपूर्ण होता है. यह कार्य स्टेट गवर्नमेंट के लिए करते हैं लेकिन उनका ट्रांसफर पोस्टिंग और कंट्रोल महालेखाकार के पास होता है और यह इसलिए ताकि यह सब सरकार के दबाव में आए बिना काम करें. उन्होंने कहा कि चाणक्य की भूमि पर हैं और चाणक्य ने कहा था कि अर्थ का व्यर्थ अनर्थ की तरफ ले जाता है. डिविजनल अकाउंट ऑफिसर और अकाउंटेंट की जिम्मेदारी सिर्फ अकाउंट कंपाइल करना नहीं है बल्कि यह सभी डिपार्टमेंट के इंटरनल फाइनेंशियल एडवाइजर भी है.
प्रधान महालेखाकार ने कहा कि इनकी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है कि वेस्टफुल एक्सपेंडिचर को सिस्टम से कम किया जाए. उन्होंने कहा कि 2 सालों से बिहार में जो सीएफएमएस लागू हुआ है, उससे डिविजनल अकाउंट ऑफिसर और अकाउंटेंट के वर्क एनवायरमेंट में पैराडाइम शिफ्ट आया है. ऐसे में बहुत सारे रिक्वायरमेंट्स बन पाए हैं और बहुत सारे बचे हुए हैं. जिसे सभी अधिवेशन में डेलीब्रेट करेंगे और वह इसे स्टेट गवर्नमेंट के नोटिस में लाएंगे, ताकि इनके कार्य को सुचारू रूप से लाया जा सके.
वहीं महालेखाकार, लेखा परीक्षा रामावतार शर्मा (Accountant General Ramavtar Sharma) ने कहा कि प्रमंडलीय लेखा पदाधिकारी और लेखाकार इसलिए महत्वपूर्ण हो जाते हैं कि यह एग्जीक्यूटिव का काम करते हैं, बिना एग्जीक्यूटिव के दबाव में आए हुए. उन्होंने कहा कि यह कैग संस्था का एक एक्सटेंशन रूप है. जिसमें सरकार के लिए बिना सरकारी दबाव में काम किया जाता है. इस अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य यह है कि प्रमंडलीय लेखा पदाधिकारी और लेखक और निर्भय होकर अपने कर्तव्यों का पालन करें और यही उनसे अपेक्षा भी की जाती है.
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