पटना: भारत बंद को लेकर आरजेडी ने किसान संगठन के भारत बंद का समर्थन किया है. लिहाजा, इस बंद को सफल बनाने के लिए कार्यकर्ता सक्रिय दिखाई दिये. लेकिन बिहार की सड़कों पर आरजेडी के बड़े नेता और खुद तेजस्वी यादव नदारद दिखे. इस मामले पर आरजेडी खुद सवालों से घिर गई है.
कृषि कानून को लेकर किसान संगठनों ने भारत बंद किया. इस राष्ट्रव्यापी बंद को बिहार में विपक्ष का पूरा समर्थन मिला. बिहार के मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के साथ कांग्रेस और वामदलों ने भी इस बंद का समर्थन किया. इसके अलावा रालोसपा और पप्पू यादव की पार्टी जाप ने भी किसान संगठनों के बंद को सही बताते हुए इसमें अपनी भागीदारी दिखाई. अन्य पार्टियों के बड़े नेता बंद में कहीं न कहीं प्रदर्शन करते दिखाए दिए लेकिन आरजेडी नेता तेजस्वी यादव बंद में कहीं नहीं दिखे.
बिहार में तेजस्वी की अनुपस्थिति
राष्ट्रीय जनता दल ने इसमें अग्रिम भूमिका में होने का दावा तो किया लेकिन भारत बंद के पहले ही तेजस्वी दिल्ली रवाना हो गए. ऐसे अहम दिन पर नेता प्रतिपक्ष के नाते तेजस्वी की अनुपस्थिति कहीं न कहीं एक बार फिर सवालों के घेरे में है. वहीं सिर्फ तेजस्वी ही नहीं पटना में प्रदर्शन के दौरान राजद का कोई बड़ा नेता नजर नहीं आया. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी डाक बंगला चौराहा पर नहीं नजर आए. पार्टी नेताओं का दावा था कि हम सब में लालू और तेजस्वी बसते हैं.
'केंद्र सरकार को लेना होगा कानून वापस'
उन्होंने कहा कि किसी निजी कारण से वे दिल्ली में है इसलिए नहीं आ पाए. राजद नेता ने कहा कि हमारे प्रोटेस्ट से जो संदेश केंद्र सरकार तक जाना था वह जा चुका है. हमें विश्वास है कि केंद्र सरकार को विपक्ष के दबाव में यह काला कानून वापस लेना होगा.
प्रदर्शन में बड़े चेहरे नदारद
बता दें कि तेजस्वी के ना होने की कसक लेफ्ट और कांग्रेस नेताओं के चेहरे पर भी नजर आ रही थी. डाक बंगला चौराहे पर अन्य प्रदर्शन की तुलना में यह प्रदर्शन काफी फीका नजर आया. गाड़ियों की आवाजाही पर भी कोई खास फर्क नहीं दिखा.