पटना: आईपीएस आदित्य कुमार (IPS Aditya Kumar Froud Case) को विभागीय कार्रवाई से क्लीन चिट दिलाने वाला जालसाज अभिषेक को EoU ने 48 घंटों की रिमांड पर लिया है. बता दें कि अभिषेक ने मुख्य न्यायाधीश बनकर बिहार के डीजीपी एसके सिंघल को फोन किया और आईपीएस आदित्य कुमार पर चल रहे प्रोसीडिंग खत्म करने का आदेश दिया था. आदित्य और अभिषेक ने मिलकर ही ये प्लान किया था.
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ईओयू ने सवालों की लंबी लिस्ट बनाई है.गौरतलब है कि आईपीएस आदित्य कुमार के करीबी मित्र अभिषेक को आर्थिक अपराध इकाई ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था. जबकि नंबर वन अभियुक्त गया का तत्कालीन एसएसपी आईपीएस आदित्य कुमार फरार चल रहा है. अभिषेक से आदित्य के ठिकानों को लेकर EoU पूछताछ करेगी.
शराबबंदी कानून के उल्लंघन का मामला दर्जः पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ गया के फतेहपुर थाना में शराबबंदी कानून का उल्लंघन कराने का मामला दर्ज है. इसी आरोप में उनको गया से हटाया गया था. अब फोन करने के मामले में पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार समेत पांच पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इओयू ने रविवार को इस मामले में अभिषेक कुमार और तीन अन्य काे गिरफ्तार किया था. पूरे मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने आधिकारिक तौर पर कुछ भी बताने से इंकार किया. इसी बीच उसे पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है.
ADG पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि अभिषेक नामक एक शख्स जो पहले भी इस तरह के अपराध में शामिल रहा है वो अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर आदित्य कुमार को उनके विरुद्ध दर्ज एक आपराधिक मामले में लाभ पहुंचाना चाहता था. इसलिए उसने पूरी प्लानिंग की. DGP को व्हाट्सएप कॉल कर गुमराह किया और आदित्य कुमार को लाभ पहुंचाने में कामयाब रहा. इस मामले की जांच EOU अपने स्तर से कर रही चुकी. इस मामले में आदित्य कुमार भी दोषी पाए गए हैं. जल्द ही आदित्य कुमार को भी गिरफ्तार किया जायेगा. फिलहाल आदित्य फरार है.