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अनोखा विरोध: 4 साल 1 महीना 15 दिन का वेतन नहीं मिला, PU पर बकाया है 3,67,220 रुपया - कृष्णा घाट पर धरना

गंगा पाथ वे पर जहां चारों तरफ लोग सेल्फी लेते रहते हैं, वहीं कोने में एक व्यक्ति इंसाफ के इंतजार में बैठा रहता है. पिछले छह माह से वे इसी जगह पर बैठे हैं. वे पटना विश्वविद्यालय के बिजली डिपार्टमेंट के एक छोटे कर्मचारी का काम करते थे. पढ़ें रिपोर्ट.

मुझे इंसाफ चाहिए
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Published : Jul 27, 2021, 7:38 AM IST

पटना: राजधानी के गंगा पाथ-वे (Ganga PathWay) पर सुबह से लेकर शाम तक लोगों की भीड़ रहती है. इसी भीड़ में पटना के कृष्णा घाट (Krishna Ghaat) पर एक मजदूर नजर आता है. जो लगभग 7 महीने से यहां एक ही जगह धरने पर बैठा है. दरअसल यह कहानी है पटना के प्रतिष्ठित पटना विश्वविद्यालय (Patna University) के बिजली डिपार्टमेंट में काम करने वाले एक पूर्व मजदूर परमेश्वर प्रसाद की. परमेश्वर अपने साथ एक फाइल में ढेर सारे कागजात लेकर बैठे रहते हैं. अब तक वे अपने पैसे को निकलवाने के लिए कहां-कहां तक जा चुके हैं, सबका लेटर उनके पास रखा हुआ है.

यह भी पढ़ें- 'अब सिर्फ जनता दरबार से है आस, मेरी बेटी को इंसाफ दिलाएंगे मुख्यमंत्री'

परमेश्वर प्रसाद बताते हैं कि उन्होंने पटना विश्वविद्यालय में 4 साल 1 महीना 15 दिन काम किया है. इसका उन्हें मेहनताना नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि विद्युत अभियंता ने उन्हें बहाल किया था. उनका काम था कि पटना विश्वविद्यालय में वीसी आवास तक शाम होते ही लाइट जलाना और उसे बंद करना. इसके अलावा विभिन्न हॉस्टलों में भी उनकी यही ड्यूटी रहती थी.

देखें पूरी रिपोर्ट

उन्होंने बताया कि जब वे विद्युत अभियंता से अपना पैसा मांगे तो उन्हें बताया गया कि हॉस्टल जो अभी बन रहा है, वह विश्वविद्यालय को हैंडओवर हो जाएगा. तब उन्हें रुपए मिल जाएंगे. घबराने की बात नहीं है. परमेश्वर प्रसाद ने बताया कि इसी बीच वह पटना विश्वविद्यालय के वीसी को पैसे की मांग को लेकर पत्र लिखे. उस समय वीसी रास बिहारी सिंह थे.

यह भी पढ़ें- Begusarai News: न्याय की आस में दर-दर की ठोकर खा रही अपहृत नाबालिग बच्ची की मां

वीसी की तरफ से पैसा जारी करने के लिए स्वीकृति भी दी गई. लेकिन आगे फाइल लटक गया और अब तक उनका पैसा नहीं मिल पाया है. उन्होंने बताया कि पटना विश्वविद्यालय में उनका 3,67,220 रुपया बकाया है. रुपए के लिए वे लोकसंपर्क में भी जा चुके हैं. जनता दरबार में भी जाने के लिए पत्र लिखकर समय की मांग की है. इसके अलावा वे विश्वविद्यालय के नए वीसी गिरीश चौधरी के पास भी अपनी समस्या को लेकर पत्र लिखे हुए हैं. उनके जवाब का इंतजार है.

परमेश्वर प्रसाद ने बताया कि वे दिन भर जनवरी माह से यहीं कृष्णा घाट पर बैनर लेकर बैठे रहते हैं. जिस पर उनके साथ जो अन्याय हुआ है, उसके बारे में जानकारी रहती है. इसके साथ ही वे अपने साथ वेट मशीन लेकर बैठे रहते हैं. जिससे दिन भर उनका 30 से 40 रुपए की आमदनी हो जाती है. उन्होंने बताया कि वेट मशीन का उनका काम नहीं है. मगर खाली बैठे रहने से बेहतर है कि दो पैसे आने का जुगाड़ भी हो. क्योंकि पैसे की उनके पास काफी किल्लत है. उनका काफी सारा पैसा पटना विश्वविद्यालय में फंसा हुआ है.

यह भी पढ़ें- Kaimur News : न्याय के लिए दर्जनों किन्नर पहुंचे थाना, मारपीट व छिनतई का लगाया आरोप

पटना: राजधानी के गंगा पाथ-वे (Ganga PathWay) पर सुबह से लेकर शाम तक लोगों की भीड़ रहती है. इसी भीड़ में पटना के कृष्णा घाट (Krishna Ghaat) पर एक मजदूर नजर आता है. जो लगभग 7 महीने से यहां एक ही जगह धरने पर बैठा है. दरअसल यह कहानी है पटना के प्रतिष्ठित पटना विश्वविद्यालय (Patna University) के बिजली डिपार्टमेंट में काम करने वाले एक पूर्व मजदूर परमेश्वर प्रसाद की. परमेश्वर अपने साथ एक फाइल में ढेर सारे कागजात लेकर बैठे रहते हैं. अब तक वे अपने पैसे को निकलवाने के लिए कहां-कहां तक जा चुके हैं, सबका लेटर उनके पास रखा हुआ है.

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परमेश्वर प्रसाद बताते हैं कि उन्होंने पटना विश्वविद्यालय में 4 साल 1 महीना 15 दिन काम किया है. इसका उन्हें मेहनताना नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि विद्युत अभियंता ने उन्हें बहाल किया था. उनका काम था कि पटना विश्वविद्यालय में वीसी आवास तक शाम होते ही लाइट जलाना और उसे बंद करना. इसके अलावा विभिन्न हॉस्टलों में भी उनकी यही ड्यूटी रहती थी.

देखें पूरी रिपोर्ट

उन्होंने बताया कि जब वे विद्युत अभियंता से अपना पैसा मांगे तो उन्हें बताया गया कि हॉस्टल जो अभी बन रहा है, वह विश्वविद्यालय को हैंडओवर हो जाएगा. तब उन्हें रुपए मिल जाएंगे. घबराने की बात नहीं है. परमेश्वर प्रसाद ने बताया कि इसी बीच वह पटना विश्वविद्यालय के वीसी को पैसे की मांग को लेकर पत्र लिखे. उस समय वीसी रास बिहारी सिंह थे.

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वीसी की तरफ से पैसा जारी करने के लिए स्वीकृति भी दी गई. लेकिन आगे फाइल लटक गया और अब तक उनका पैसा नहीं मिल पाया है. उन्होंने बताया कि पटना विश्वविद्यालय में उनका 3,67,220 रुपया बकाया है. रुपए के लिए वे लोकसंपर्क में भी जा चुके हैं. जनता दरबार में भी जाने के लिए पत्र लिखकर समय की मांग की है. इसके अलावा वे विश्वविद्यालय के नए वीसी गिरीश चौधरी के पास भी अपनी समस्या को लेकर पत्र लिखे हुए हैं. उनके जवाब का इंतजार है.

परमेश्वर प्रसाद ने बताया कि वे दिन भर जनवरी माह से यहीं कृष्णा घाट पर बैनर लेकर बैठे रहते हैं. जिस पर उनके साथ जो अन्याय हुआ है, उसके बारे में जानकारी रहती है. इसके साथ ही वे अपने साथ वेट मशीन लेकर बैठे रहते हैं. जिससे दिन भर उनका 30 से 40 रुपए की आमदनी हो जाती है. उन्होंने बताया कि वेट मशीन का उनका काम नहीं है. मगर खाली बैठे रहने से बेहतर है कि दो पैसे आने का जुगाड़ भी हो. क्योंकि पैसे की उनके पास काफी किल्लत है. उनका काफी सारा पैसा पटना विश्वविद्यालय में फंसा हुआ है.

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