पटना: पटना के कदमकुआं स्थित आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल का 93 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आज स्थापना समारोह दिवस मनाया गया. इस मौके पर आयुर्वेद के एक पुस्तक का विमोचन भी किया गया. जिसमें आयुर्वेद से जुड़ी सभी पुरानी जानकारियां लिखी गई हैं. तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में आयुर्वेद से जुड़े दवाओं की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. आपको बता दें की यह बिहार का पहला आयुर्वेदिक महाविद्यालय है.
आयुष योजना को दे रहे बढ़ावा
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि आयुर्वेद निर्देश में बिहार ने अपनी एक अलग पहचान बनायी है. अगर इस साल की बात करें तो पटना के आयुर्वेदिक महाविद्यालय की सीट बढ़ाकर 30 से 100 कर दी गयी है. वहीं आयुष विधा में दवाइयों की काफी कमी है, जिसकी जल्द ही पूर्ति की जाएगी. राज्य में 26 जिलों में आयुर्वेद औषधालय किराए के मकान में चल रहे हैं. इन्हें जल्द हीं 3 से 4 महीने में भवन मिलने की भी बात कही.
डॉक्टरों में जगायी सेवा भावना
प्रधान सचिव ने कार्यक्रम में मौजूद कॉलेज के प्राचार्य से कॉलेज में एचआर की कमी को दूर करने का भी आदेश दिया. साथ हीं कार्यक्रम में मौजूद डॉक्टरों से मरीजों के प्रति सेवा भावना बढ़ाने का आग्रह किया. आयुष के क्षेत्र में बिहार सरकार काफी काम कर रही है. इसकी बेहतरी के लिए सरकार ने बहुत इंतजाम किए हैं.
क्या है आयुष योजना
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना की शुरुआत 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत की गई थी. इस योजना का मकसद आयुष चिकित्सा पद्धति जिसमें आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देना है. इसके साथ हीं देशभर में मौजूद सभी आयुष अस्पतालों और दवाओं को अपग्रेड किया जाएगा. आयुष सुविधाओं को प्राइमरी हेल्थ सेंटर, जिला हेल्थ सेंटर और कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों तक पहुंचाया जाएगा, ताकि लोगों को कम पैसों में बेहतर इलाज मिल सके. खास बात यह है कि राज्य स्तर पर मौजूद संस्थाओं की कार्यक्षमताओं को भी बढ़ाया जाएगा. प्रदेश स्तर पर मेडिकल कालेज, लेबोरेटरी की स्थापना की जाएगी.