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93 साल का हुआ प्रदेश का पहला आयुर्वेद महाविद्यालय, बेहतरी के लिए सरकार कर रही कोशिश

आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए सरकार हमेशा प्रयास कर रही है. राज्य के 26 जिलों में आयुर्वेद औषधालय किराए के मकान में चल रहे हैं. इन्हें जल्द हीं 3 से 4 महीने में भवन मिलने की भी बात भी कही.

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Published : Jul 26, 2019, 7:21 PM IST

पुस्तक विमोचन करते संजय कुमार

पटना: पटना के कदमकुआं स्थित आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल का 93 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आज स्थापना समारोह दिवस मनाया गया. इस मौके पर आयुर्वेद के एक पुस्तक का विमोचन भी किया गया. जिसमें आयुर्वेद से जुड़ी सभी पुरानी जानकारियां लिखी गई हैं. तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में आयुर्वेद से जुड़े दवाओं की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. आपको बता दें की यह बिहार का पहला आयुर्वेदिक महाविद्यालय है.

आयुष योजना को दे रहे बढ़ावा
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि आयुर्वेद निर्देश में बिहार ने अपनी एक अलग पहचान बनायी है. अगर इस साल की बात करें तो पटना के आयुर्वेदिक महाविद्यालय की सीट बढ़ाकर 30 से 100 कर दी गयी है. वहीं आयुष विधा में दवाइयों की काफी कमी है, जिसकी जल्द ही पूर्ति की जाएगी. राज्य में 26 जिलों में आयुर्वेद औषधालय किराए के मकान में चल रहे हैं. इन्हें जल्द हीं 3 से 4 महीने में भवन मिलने की भी बात कही.

93 साल का हुआ आयुर्वेद महाविद्यालय

डॉक्टरों में जगायी सेवा भावना
प्रधान सचिव ने कार्यक्रम में मौजूद कॉलेज के प्राचार्य से कॉलेज में एचआर की कमी को दूर करने का भी आदेश दिया. साथ हीं कार्यक्रम में मौजूद डॉक्टरों से मरीजों के प्रति सेवा भावना बढ़ाने का आग्रह किया. आयुष के क्षेत्र में बिहार सरकार काफी काम कर रही है. इसकी बेहतरी के लिए सरकार ने बहुत इंतजाम किए हैं.

पटना
बच्चों को दवा पिलाते प्रधान सचिव

क्या है आयुष योजना
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना की शुरुआत 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत की गई थी. इस योजना का मकसद आयुष चिकित्सा पद्धति जिसमें आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देना है. इसके साथ हीं देशभर में मौजूद सभी आयुष अस्पतालों और दवाओं को अपग्रेड किया जाएगा. आयुष सुविधाओं को प्राइमरी हेल्थ सेंटर, जिला हेल्थ सेंटर और कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों तक पहुंचाया जाएगा, ताकि लोगों को कम पैसों में बेहतर इलाज मिल सके. खास बात यह है कि राज्य स्तर पर मौजूद संस्थाओं की कार्यक्षमताओं को भी बढ़ाया जाएगा. प्रदेश स्तर पर मेडिकल कालेज, लेबोरेटरी की स्थापना की जाएगी.

पटना: पटना के कदमकुआं स्थित आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल का 93 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आज स्थापना समारोह दिवस मनाया गया. इस मौके पर आयुर्वेद के एक पुस्तक का विमोचन भी किया गया. जिसमें आयुर्वेद से जुड़ी सभी पुरानी जानकारियां लिखी गई हैं. तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में आयुर्वेद से जुड़े दवाओं की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. आपको बता दें की यह बिहार का पहला आयुर्वेदिक महाविद्यालय है.

आयुष योजना को दे रहे बढ़ावा
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि आयुर्वेद निर्देश में बिहार ने अपनी एक अलग पहचान बनायी है. अगर इस साल की बात करें तो पटना के आयुर्वेदिक महाविद्यालय की सीट बढ़ाकर 30 से 100 कर दी गयी है. वहीं आयुष विधा में दवाइयों की काफी कमी है, जिसकी जल्द ही पूर्ति की जाएगी. राज्य में 26 जिलों में आयुर्वेद औषधालय किराए के मकान में चल रहे हैं. इन्हें जल्द हीं 3 से 4 महीने में भवन मिलने की भी बात कही.

93 साल का हुआ आयुर्वेद महाविद्यालय

डॉक्टरों में जगायी सेवा भावना
प्रधान सचिव ने कार्यक्रम में मौजूद कॉलेज के प्राचार्य से कॉलेज में एचआर की कमी को दूर करने का भी आदेश दिया. साथ हीं कार्यक्रम में मौजूद डॉक्टरों से मरीजों के प्रति सेवा भावना बढ़ाने का आग्रह किया. आयुष के क्षेत्र में बिहार सरकार काफी काम कर रही है. इसकी बेहतरी के लिए सरकार ने बहुत इंतजाम किए हैं.

पटना
बच्चों को दवा पिलाते प्रधान सचिव

क्या है आयुष योजना
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना की शुरुआत 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत की गई थी. इस योजना का मकसद आयुष चिकित्सा पद्धति जिसमें आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देना है. इसके साथ हीं देशभर में मौजूद सभी आयुष अस्पतालों और दवाओं को अपग्रेड किया जाएगा. आयुष सुविधाओं को प्राइमरी हेल्थ सेंटर, जिला हेल्थ सेंटर और कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों तक पहुंचाया जाएगा, ताकि लोगों को कम पैसों में बेहतर इलाज मिल सके. खास बात यह है कि राज्य स्तर पर मौजूद संस्थाओं की कार्यक्षमताओं को भी बढ़ाया जाएगा. प्रदेश स्तर पर मेडिकल कालेज, लेबोरेटरी की स्थापना की जाएगी.

Intro:बिहार का पहला पटना के कदम कुआं स्थित आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल का 93 वा स्थापना दिवस समारोह मनाया गया इस मौके पर भारतीय आयुष मंत्रालय के साथ साथ बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार के साथ साथ सैकड़ों आयुर्वेद के डॉक्टर मौजूद रहे...

इस कार्यक्रम के दौरान आयुर्वेद के एक पुस्तक का विमोचन भी किया गया जिसने आयुर्वेद से जुड़ी सभी पुरानी जानकारियां लिखी गई थी, इसके साथ हैं 3 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में आयुर्वेद से जुड़े दवाओं की प्रदर्शनी भी लगाई गई


Body:राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल के 93 वा स्थापना दिवस समारोह में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि आयुर्वेद निर्देश में बिहार को अपनी एक अलग पहचान दी है आयुष के क्षेत्र में बिहार सरकार काफी काम कर रही है और आयुष की बेहतरी के लिए सरकार बहुत इंतजाम किए जा रहे हैं अगर इस साल की बात करें तो पटना के आयुर्वेदिक महाविद्यालय किस सीट बढ़ाकर 100 कर दी गई है जो पिछले वर्ष तक 30 थी और इसी कड़ी में बिहार में स्थित चारों आयुर्वेदिक महाविद्यालय को सुदृढ़ करने का दृढ़ संकल्प सरकार ने लिया है...

वही इस कार्यक्रम में मौजूद कॉलेज के प्राचार्य से कॉलेज में एचआर की कमी को दूर करने का भी आदेश प्रधान सचिव ने दिया और इसके साथ ही कार्यक्रम में मौजूद डॉक्टरों से मरीजों के प्रति सेवा भावना बढ़ाने की बातें भी कहीं....




Conclusion:प्रधान सचिव ने कार्यक्रम के दौरान बताया कि आयुष विधा में दवाइयों की काफी कमी की शिकायतें उन्हें मिली है और इन दवाइयों की कमी की पूर्ति सरकार जल्द ही करेगी राज्य में 26 जिलों में आयुर्वेद के औषधालय हैं इनमें से अधिकांश किराए के मकान में चल रहे हैं अब इन औषधालय को अपना भवन 3 से 4 महीने में मिलने की भी बातें प्रधान सचिव ने कहीं हैं...


वहीं दूसरी ओर कार्यक्रम में मौजूद आयुर्वेद के डॉक्टरों से आयुर्वेद और आयुर्वेद विधा में मौलिक अनुसंधान को सही ढंग से करने की बातें भी प्रधान सचिव ने कही है उन्होंने बताया है के रिसर्च से ही हम आयुर्वेद को आगे बढ़ा सकते हैं प्रधान सचिव ने कहा कि बिहार का सरकार चाहती है कि आयुर्वेद के क्षेत्र में बिहार अग्रणी बने और इसके लिए सरकार की तरफ से जो भी प्रोत्साहन की बातें होंगी उसे पूरी की जाएंगी....
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