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Black Fungus In Patna: बीते 24 घंटे में ब्लैक फंगस के 8 नए मामले, 3 की मौत - corona news update

बिहार में कोरोना के बाद ब्लैक फंगस का संकट गहराता जा रहा है. नए मामलों के साथ-साथ इससे मरीजों की लगातार मौत हो रही है. रविवार को ब्लैक फंगस से संक्रमित 3 मरीजों की मौत हो गई. वहीं, 8 नए मामलों की पुष्टि की गई है. पढ़ें पूरी खबर...

Bihar Black Fungus Update
Bihar Black Fungus Update
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Published : Jun 14, 2021, 1:03 PM IST

Updated : Jun 14, 2021, 2:12 PM IST

पटना: सूबे में ब्लैक फंगस (Black Fungus in Bihar) से पीड़ितों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. स्वास्थ्य विभाग ( Health Department ) के अनुसार, प्रदेश में बीते 24 घंटों में 8 नए मरीज मिलने के बाद अब ब्लैक फंगस के मामले बढ़कर 562 हो गई है. वहीं, 3 नए मरीजों की मौत के बाद अब ब्लैक फंगस ( Black Fungus ) से मौतों की संख्या बढ़कर 76 हो चुकी है.

यह भी पढ़ें - IGIMS में कोरोना से ज्यादा ब्लैक फंगस से मौत, 2 नए मरीज भी हुए भर्ती

बीते 24 घंटे में 4 मरीज ठीक होने के साथ अब तक प्रदेश में ब्लैक फंगस के 153 मरीज ठीक हुए हैं. जबकि 333 मरीजों का बिहार के आईजीआईएमएस (IGIMS), पीएमसीएच (PMCH) और पटना एम्स ( Patna AIIMS ) में इलाज चल रहा है. सरकार ब्लैक फंगस के लिए अस्पतालों में इलाज की पर्याप्त व्यवस्था की बात कह रही है.

बता दें कि आईजीआईएमएस में 27 ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है. जिसमें बीते 24 घंटे में 3 नए मरीज ब्लैक फंगस के अस्पताल में एडमिट हुए हैं जबकि एक मरीज को रविवार को डिस्चार्ज किया गया और दो मरीज लामा हो गए. रविवार को अस्पताल में ब्लैक फंगस की एक भी सर्जरी नहीं हुई और ना ही ब्लैक फंगस से कोई मौत दर्ज की गई. अस्पताल में अब तक 18 मरीजों की सर्जरी हो गई है.

यह भी पढ़ें - PMCH में नहीं हो रही ब्लैक फंगस की सर्जरी, डॉक्टर दे रहे 'बाहर से ऑपरेशन कराने की सलाह'

पटना के एआईआईएमएस (AIIMS) में बीते 24 घंटे में ब्लैक फंगस से 3 मरीज की मौत हुई है और 5 नए मरीज भर्ती हुए हैं. अस्पताल में अभी के समय 114 मरीज एडमिट है. वहीं पटना एम्स की बात करें तो अभी के समय 102 मरीज ब्लैक फंगस के अस्पताल के ब्लैक फंगस वार्ड में एडमिट हैं. रविवार को 2 नए मरीज एडमिट हुए और दोनों मरीज ब्लैक फंगस के साथ-साथ कोरोना से भी संक्रमित हैं.

क्या है ब्लैक फंगस
पटना एम्स के उपाधीक्षक डॉ. अनिल कुमार ने बताया है कि ब्लैक फंगस एक फंगल बीमारी है. यह तभी होती है, जब मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर हो जाती है. ब्लैक फंगस शरीर में नाक, मुंह और कटे फटे हिस्से के माध्यम से ही प्रवेश करते हैं. इसके प्रमुख शुरुआती लक्षण नाक से पानी आना और खून निकलना, नाक में काला पपड़ी जमना और आंख में सूजन होना और रोशनी कम होना है.

क्या हैं लक्षण
इस बीमारी के और भी कई लक्षण हो सकते हैं. नाक के अंदर रुकावट, आंखों और गाल का फूलना, नाक के अंदर दिक्कत जैसे कुछ अटक रहा हो, इसके लक्षणों में एक हैं. डॉक्टर्स कहते हैं कि ये संकेत दिखने के तुरंत बाद बायोप्सी कराई जाती है और एंटी-फंगल उपचार शुरू कर दिया जाता है. देश के कई राज्यों में भी इस फंगस की समस्या देखी जा रही है.

तेजी से फैलता है फंगस
इस बीमारी से मस्तिष्क, फेफड़े और त्वचा पर भी असर देखने को मिलता है. इसके कारण आंखों की रोशनी भी चली जाती है. वहीं कुछ मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी तक गल जाती है. अगर समय रहते इसका उपचार नहीं किया गया तो मरीज की मौत हो जाती है.

यह भी पढ़ें - Black Fungus: सर्जरी में देरी से मरीजों की हो सकती है मौत, जानिए क्या कहते हैं मेडिकल एक्सपर्ट

भारतीय चिकित्सा विज्ञान परिषद (ICMR) के मुताबिक, 'ब्लैक फंगस' एक विशेष तरह का फंगस है. यह फंगस शरीर में बहुत तेजी से फैलता है. यह इंफेक्शन उन लोगों में देखने को मिल रहा है जो कि कोरोना संक्रमित होने से पहले किसी दूसरी बीमारी से ग्रस्त है. इसके अलावा यह उन्हीं लोगों में देखने को मिल रहा है, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है.

पटना: सूबे में ब्लैक फंगस (Black Fungus in Bihar) से पीड़ितों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. स्वास्थ्य विभाग ( Health Department ) के अनुसार, प्रदेश में बीते 24 घंटों में 8 नए मरीज मिलने के बाद अब ब्लैक फंगस के मामले बढ़कर 562 हो गई है. वहीं, 3 नए मरीजों की मौत के बाद अब ब्लैक फंगस ( Black Fungus ) से मौतों की संख्या बढ़कर 76 हो चुकी है.

यह भी पढ़ें - IGIMS में कोरोना से ज्यादा ब्लैक फंगस से मौत, 2 नए मरीज भी हुए भर्ती

बीते 24 घंटे में 4 मरीज ठीक होने के साथ अब तक प्रदेश में ब्लैक फंगस के 153 मरीज ठीक हुए हैं. जबकि 333 मरीजों का बिहार के आईजीआईएमएस (IGIMS), पीएमसीएच (PMCH) और पटना एम्स ( Patna AIIMS ) में इलाज चल रहा है. सरकार ब्लैक फंगस के लिए अस्पतालों में इलाज की पर्याप्त व्यवस्था की बात कह रही है.

बता दें कि आईजीआईएमएस में 27 ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है. जिसमें बीते 24 घंटे में 3 नए मरीज ब्लैक फंगस के अस्पताल में एडमिट हुए हैं जबकि एक मरीज को रविवार को डिस्चार्ज किया गया और दो मरीज लामा हो गए. रविवार को अस्पताल में ब्लैक फंगस की एक भी सर्जरी नहीं हुई और ना ही ब्लैक फंगस से कोई मौत दर्ज की गई. अस्पताल में अब तक 18 मरीजों की सर्जरी हो गई है.

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पटना के एआईआईएमएस (AIIMS) में बीते 24 घंटे में ब्लैक फंगस से 3 मरीज की मौत हुई है और 5 नए मरीज भर्ती हुए हैं. अस्पताल में अभी के समय 114 मरीज एडमिट है. वहीं पटना एम्स की बात करें तो अभी के समय 102 मरीज ब्लैक फंगस के अस्पताल के ब्लैक फंगस वार्ड में एडमिट हैं. रविवार को 2 नए मरीज एडमिट हुए और दोनों मरीज ब्लैक फंगस के साथ-साथ कोरोना से भी संक्रमित हैं.

क्या है ब्लैक फंगस
पटना एम्स के उपाधीक्षक डॉ. अनिल कुमार ने बताया है कि ब्लैक फंगस एक फंगल बीमारी है. यह तभी होती है, जब मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर हो जाती है. ब्लैक फंगस शरीर में नाक, मुंह और कटे फटे हिस्से के माध्यम से ही प्रवेश करते हैं. इसके प्रमुख शुरुआती लक्षण नाक से पानी आना और खून निकलना, नाक में काला पपड़ी जमना और आंख में सूजन होना और रोशनी कम होना है.

क्या हैं लक्षण
इस बीमारी के और भी कई लक्षण हो सकते हैं. नाक के अंदर रुकावट, आंखों और गाल का फूलना, नाक के अंदर दिक्कत जैसे कुछ अटक रहा हो, इसके लक्षणों में एक हैं. डॉक्टर्स कहते हैं कि ये संकेत दिखने के तुरंत बाद बायोप्सी कराई जाती है और एंटी-फंगल उपचार शुरू कर दिया जाता है. देश के कई राज्यों में भी इस फंगस की समस्या देखी जा रही है.

तेजी से फैलता है फंगस
इस बीमारी से मस्तिष्क, फेफड़े और त्वचा पर भी असर देखने को मिलता है. इसके कारण आंखों की रोशनी भी चली जाती है. वहीं कुछ मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी तक गल जाती है. अगर समय रहते इसका उपचार नहीं किया गया तो मरीज की मौत हो जाती है.

यह भी पढ़ें - Black Fungus: सर्जरी में देरी से मरीजों की हो सकती है मौत, जानिए क्या कहते हैं मेडिकल एक्सपर्ट

भारतीय चिकित्सा विज्ञान परिषद (ICMR) के मुताबिक, 'ब्लैक फंगस' एक विशेष तरह का फंगस है. यह फंगस शरीर में बहुत तेजी से फैलता है. यह इंफेक्शन उन लोगों में देखने को मिल रहा है जो कि कोरोना संक्रमित होने से पहले किसी दूसरी बीमारी से ग्रस्त है. इसके अलावा यह उन्हीं लोगों में देखने को मिल रहा है, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है.

Last Updated : Jun 14, 2021, 2:12 PM IST
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