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रेल कौशल विकास योजना के तहत 50 हजार युवाओं को प्रशिक्षित करेगा रेलवे

रेल कौशल विकास योजना के तहत रेलवे अगले तीन वर्षों में 18 से 35 साल के 50,000 युवाओं को प्रशिक्षित करेगा. योजना के तहत युवाओं को रेलवे प्रशिक्षण संस्थानों में उद्योग से संबंधित कौशल में प्रशिक्षण दिया जाएगा. आरकेवीवाई आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक पहल है और यह आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला का भी हिस्सा है.

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Published : Sep 17, 2021, 7:32 PM IST

पटना: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Rail Minister Ashwini Vaishnav) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तत्वावधान में रेल कौशल विकास योजना (Rail Skill development scheme) का शुभारंभ किया. युवाओं को सशक्त बनाने के लिए मंत्री ने रेल भवन (Rail Bhawan) में आयोजित एक कार्यक्रम में रेल कौशल विकास योजना का शुभारंभ किया. इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनीत शर्मा तथा रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.

यह भी पढ़ें- पटना में 71 किलो दूध से दुग्धाभिषेक कर मनाया गया PM मोदी का 71वां जन्मदिन

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह एक शुभ दिन है, क्योंकि विश्वकर्मा पूजा पूरे देश में मनाया जा रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री को जन्मदिन की बधाई भी दी. वैष्णव ने प्रधानमंत्री को उनके जन्मदिन पर रेलवे की ओर से उपहार के रूप में रेल कौशल विकास योजना को समर्पित किया.

उन्होंने कहा, कौशल विकास का विजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन का अभिन्न अंग है. रेल कौशल विकास योजना के तहत 50 हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा. इस पहल का उद्देश्य गुणात्मक सुधार लाने के लिए युवाओं को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण कौशल प्रदान करना है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि रेल कौशल विकास योजना के तहत दूरस्थ क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाए.

मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुरू किए गए भारतीय रेल के 75 प्रशिक्षण केंद्रों में पूर्व मध्य रेल के भी 03 प्रशिक्षण केंद्र भी शामिल हैं. पूर्व मध्य रेल के सुपरवाइजर ट्रेनिंग सेंटर/समस्तीपुर, बेसिक ट्रेनिंग सेंटर/हरनौत तथा इलैक्ट्रिक ट्रैक्सन ट्रेनिंग सेंटर, गया कॉलोनी, पंडित दीन दीयाल उपाध्याय नगर में रेल कौशल विकास योजना के अंतर्गत युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा.

इस अवसर पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा सुपरवाइजर ट्रेनिंग सेंटर/समस्तीपुर स्थित प्रशिक्षु अनिकेत कुमार सिंह से उनके ट्रेड को लेकर उनकी रूचि के बारे में पूछा गया. इस अवसर पर समस्तीपुर में पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक अनुपम शर्मा सहित मुख्यालय तथा मंडल के वरिष्ठ उच्चाधिकारीगण उपस्थित थे.

रेल कौशल विकास योजना के तहत तीन साल की अवधि में 50,000 उम्मीदवारों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. प्रारंभ में 1,000 उम्मीदवारों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. प्रशिक्षण चार ट्रेडों में दिया जाएगा. इलेक्ट्रीशियन, वेल्डर, मशीनिस्ट और फिटर तथा इसमें 100 घंटे का प्रारंभिक बुनियादी प्रशिक्षण शामिल होगा.

क्षेत्रीय मांगों और जरूरतों के आकलन के आधार पर क्षेत्रीय रेलवे और उत्पादन इकाइयों द्वारा अन्य ट्रेडों में प्रशिक्षण कार्यक्रम जोड़े जाएंगे. प्रशिक्षण नि:शुल्क प्रदान किया जाएगा और प्रतिभागियों का चयन मैट्रिक में अंकों के आधार पर एक पारदर्शी तंत्र का पालन करते हुए ऑनलाइन प्राप्त किए गए आवेदनों में से किया जाएगा. 10वीं पास और 18-35 साल के बीच के उम्मीदवार आवेदन करने के पात्र होंगे.

प्रशिक्षुओं को एक मानकीकृत मूल्यांकन से गुजरना होगा और उनके कार्यक्रम के समापन पर राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान द्वारा आवंटित व्यापार में प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा. उन्हें उनके व्यापार के लिए यथोचित टूलकिट भी प्रदान किए जाएंगे, जिससे इन प्रशिक्षुओं को अपनी शिक्षा का उपयोग करने और स्वरोजगार के साथ-साथ विभिन्न उद्योगों में रोजगार की क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी.

पूरे देश के युवाओं को इसमें शामिल करने के लिए, उपरोक्त ट्रेडों में प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से देशभर में फैले 75 रेलवे प्रशिक्षण संस्थानों को चिन्हित किया गया है. यह योजना न केवल युवाओं की रोजगार क्षमता में सुधार करेगी, बल्कि स्वरोजगार के कौशल को भी उन्नत करेगी.

यह भी पढ़ें- पीएम मोदी के जन्मदिन पर बीजेपी कार्यालय में लगायी गयी चित्र प्रदर्शनी

पटना: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Rail Minister Ashwini Vaishnav) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तत्वावधान में रेल कौशल विकास योजना (Rail Skill development scheme) का शुभारंभ किया. युवाओं को सशक्त बनाने के लिए मंत्री ने रेल भवन (Rail Bhawan) में आयोजित एक कार्यक्रम में रेल कौशल विकास योजना का शुभारंभ किया. इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनीत शर्मा तथा रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.

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अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह एक शुभ दिन है, क्योंकि विश्वकर्मा पूजा पूरे देश में मनाया जा रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री को जन्मदिन की बधाई भी दी. वैष्णव ने प्रधानमंत्री को उनके जन्मदिन पर रेलवे की ओर से उपहार के रूप में रेल कौशल विकास योजना को समर्पित किया.

उन्होंने कहा, कौशल विकास का विजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन का अभिन्न अंग है. रेल कौशल विकास योजना के तहत 50 हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा. इस पहल का उद्देश्य गुणात्मक सुधार लाने के लिए युवाओं को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण कौशल प्रदान करना है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि रेल कौशल विकास योजना के तहत दूरस्थ क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाए.

मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुरू किए गए भारतीय रेल के 75 प्रशिक्षण केंद्रों में पूर्व मध्य रेल के भी 03 प्रशिक्षण केंद्र भी शामिल हैं. पूर्व मध्य रेल के सुपरवाइजर ट्रेनिंग सेंटर/समस्तीपुर, बेसिक ट्रेनिंग सेंटर/हरनौत तथा इलैक्ट्रिक ट्रैक्सन ट्रेनिंग सेंटर, गया कॉलोनी, पंडित दीन दीयाल उपाध्याय नगर में रेल कौशल विकास योजना के अंतर्गत युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा.

इस अवसर पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा सुपरवाइजर ट्रेनिंग सेंटर/समस्तीपुर स्थित प्रशिक्षु अनिकेत कुमार सिंह से उनके ट्रेड को लेकर उनकी रूचि के बारे में पूछा गया. इस अवसर पर समस्तीपुर में पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक अनुपम शर्मा सहित मुख्यालय तथा मंडल के वरिष्ठ उच्चाधिकारीगण उपस्थित थे.

रेल कौशल विकास योजना के तहत तीन साल की अवधि में 50,000 उम्मीदवारों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. प्रारंभ में 1,000 उम्मीदवारों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. प्रशिक्षण चार ट्रेडों में दिया जाएगा. इलेक्ट्रीशियन, वेल्डर, मशीनिस्ट और फिटर तथा इसमें 100 घंटे का प्रारंभिक बुनियादी प्रशिक्षण शामिल होगा.

क्षेत्रीय मांगों और जरूरतों के आकलन के आधार पर क्षेत्रीय रेलवे और उत्पादन इकाइयों द्वारा अन्य ट्रेडों में प्रशिक्षण कार्यक्रम जोड़े जाएंगे. प्रशिक्षण नि:शुल्क प्रदान किया जाएगा और प्रतिभागियों का चयन मैट्रिक में अंकों के आधार पर एक पारदर्शी तंत्र का पालन करते हुए ऑनलाइन प्राप्त किए गए आवेदनों में से किया जाएगा. 10वीं पास और 18-35 साल के बीच के उम्मीदवार आवेदन करने के पात्र होंगे.

प्रशिक्षुओं को एक मानकीकृत मूल्यांकन से गुजरना होगा और उनके कार्यक्रम के समापन पर राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान द्वारा आवंटित व्यापार में प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा. उन्हें उनके व्यापार के लिए यथोचित टूलकिट भी प्रदान किए जाएंगे, जिससे इन प्रशिक्षुओं को अपनी शिक्षा का उपयोग करने और स्वरोजगार के साथ-साथ विभिन्न उद्योगों में रोजगार की क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी.

पूरे देश के युवाओं को इसमें शामिल करने के लिए, उपरोक्त ट्रेडों में प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से देशभर में फैले 75 रेलवे प्रशिक्षण संस्थानों को चिन्हित किया गया है. यह योजना न केवल युवाओं की रोजगार क्षमता में सुधार करेगी, बल्कि स्वरोजगार के कौशल को भी उन्नत करेगी.

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