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वाहन प्रदूषण जांच कराना होगा अब आसान, 500 से ज्यादा खोले जा रहे नए जांच केंद्र - Secretary Sanjay Kumar Aggarwal

बिहार के हर प्रखंड में कम से कम एक वाहन जांच प्रदूषण केंद्र खोला जाएगा. इससे लगभग 1000 लोगों को रोजगार मिलेगा.

पटना
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Published : Dec 11, 2019, 7:58 PM IST

Updated : Dec 11, 2019, 9:56 PM IST

पटना: परिवहन विभाग प्रदूषण को लेकर काफी अलर्ट है. राज्य में 500 से ज्यादा जगह पर प्रदूषण जांच केंद्र खोलने की तैयारी में जुटी हुई है. साथ ही 1000 से ज्यादा लोगों को इससे रोजगार भी मिलेगा. बिहार कैबिनेट की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया.

बिहार मोटर अधिनियम में बदलाव के बाद परिवहन विभाग एक्शन में दिख रहा है. परिवहन विभाग के अनुसार वाहनों के प्रदूषण की जांच और आम लोगों की सुविधा के लिए राज्यभर में प्रदूषण जांच केंद्र खोले जाएंगे. इससे प्रदेश में रोजगार भी सृजन होने जा रहा है. लगभग 1000 लोगों को रोजगार मिलेगा. इसके साथ ही लाइसेंस रिनुअल एप्लीकेशन शुल्क में भी काफी कमी की गई है.

पेश है रिपोर्ट

'चलंत प्रदूषण जांच केंद्र का है प्रावधान'
परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि बिहार के हर प्रखंड में कम से कम एक वाहन जांच प्रदूषण केंद्र खोला जाएगा. इसके साथ ही पेट्रोल पंप और गाड़ियों की डीलर पॉइंट के साथ सर्विस सेंटर में भी प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. साथ ही चलंत प्रदूषण जांच केंद्रों की स्थापना के भी प्रावधान किए गए हैं. इससे ज्यादा से ज्यादा वाहनों की प्रदूषण जांच की जा सके.

ये भी पढ़ें: सिवान स्टेशन पर हुए मर्डर के बाद जागा रेल प्रशासन, अब लगाए जाएंगे CCTV

लाइसेंस शुल्क में की गई कमी
प्रदूषण जांच केंद्र के लाइसेंस के लिए पहले ₹12000 देने पड़ते थे, जो अब ₹5000 कर दिया गया है. वहीं, जांच केंद्र के रिन्यूअल के लिए पहले ₹12000 चुकाने पड़ते थे, जो अब महज ₹5000 कर दिया गया है. प्रदूषण जांच केंद्र के लाइसेंस के लिए आवेदन फीस पहले ₹3000 था,जो अब ₹1000 कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मुजफ्फरपुर और गया जिलों में 55 ईंट भट्ठों को बंद करने के दिए आदेश

साइंस स्ट्रीम वाले कर सकते है आवेदन
बता दें कि अब वाहन प्रदूषण जांच केंद्र साइंस स्ट्रीम से इंटर पास व्यक्ति भी चला सकता है. पहले वाहन प्रदूषण जांच केंद्र के लिए मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग या डिप्लोमा का डिग्री होना आवश्यक था. लेकिन अब साइंस स्ट्रीम से इंटर पास व्यक्ति भी जांच केंद्र खोल सकता है.

पटना: परिवहन विभाग प्रदूषण को लेकर काफी अलर्ट है. राज्य में 500 से ज्यादा जगह पर प्रदूषण जांच केंद्र खोलने की तैयारी में जुटी हुई है. साथ ही 1000 से ज्यादा लोगों को इससे रोजगार भी मिलेगा. बिहार कैबिनेट की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया.

बिहार मोटर अधिनियम में बदलाव के बाद परिवहन विभाग एक्शन में दिख रहा है. परिवहन विभाग के अनुसार वाहनों के प्रदूषण की जांच और आम लोगों की सुविधा के लिए राज्यभर में प्रदूषण जांच केंद्र खोले जाएंगे. इससे प्रदेश में रोजगार भी सृजन होने जा रहा है. लगभग 1000 लोगों को रोजगार मिलेगा. इसके साथ ही लाइसेंस रिनुअल एप्लीकेशन शुल्क में भी काफी कमी की गई है.

पेश है रिपोर्ट

'चलंत प्रदूषण जांच केंद्र का है प्रावधान'
परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि बिहार के हर प्रखंड में कम से कम एक वाहन जांच प्रदूषण केंद्र खोला जाएगा. इसके साथ ही पेट्रोल पंप और गाड़ियों की डीलर पॉइंट के साथ सर्विस सेंटर में भी प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. साथ ही चलंत प्रदूषण जांच केंद्रों की स्थापना के भी प्रावधान किए गए हैं. इससे ज्यादा से ज्यादा वाहनों की प्रदूषण जांच की जा सके.

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लाइसेंस शुल्क में की गई कमी
प्रदूषण जांच केंद्र के लाइसेंस के लिए पहले ₹12000 देने पड़ते थे, जो अब ₹5000 कर दिया गया है. वहीं, जांच केंद्र के रिन्यूअल के लिए पहले ₹12000 चुकाने पड़ते थे, जो अब महज ₹5000 कर दिया गया है. प्रदूषण जांच केंद्र के लाइसेंस के लिए आवेदन फीस पहले ₹3000 था,जो अब ₹1000 कर दिया गया है.

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साइंस स्ट्रीम वाले कर सकते है आवेदन
बता दें कि अब वाहन प्रदूषण जांच केंद्र साइंस स्ट्रीम से इंटर पास व्यक्ति भी चला सकता है. पहले वाहन प्रदूषण जांच केंद्र के लिए मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग या डिप्लोमा का डिग्री होना आवश्यक था. लेकिन अब साइंस स्ट्रीम से इंटर पास व्यक्ति भी जांच केंद्र खोल सकता है.

Intro:बिहार में 500 से ज्यादा जगह पर प्रदूषण जांच खोलने की तैयारी चल रही है परिवहन विभाग बहुत जल्द वैकेंसी निकालने वाला है जिसके जरिए करीब 1000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सकेगा ऐसा संभव हुआ है बिहार कैबिनेट के नए आदेश के बाद।


Body:परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक वाहनों के प्रदूषण की जांच और आम लोगों की सहूलियत के लिए पूरे बिहार में पर्याप्त संख्या में प्रदूषण जांच खोले जाने हैं ज्यादा से ज्यादा वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खुले और आम लोग भी केंद्रों को चला सके इसके लिए बिहार मोटर नियमावली 1992 के नियम में संशोधन किया गया है परिवहन सचिव ने बताया कि राज्य में 500 से ज्यादा जगह पर प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए परिवहन विभाग बहुत जल्द वैकेंसी निकालने जा रहा है जिसमें करीब 1000 से भी ज्यादा लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा बता दें कि अब वाहन प्रदूषण जांच केंद्र इंटर साइंस पास व्यक्ति भी चला सकता है पहले वाहन प्रदूषण जांच केंद्र पर मैकेनिकल इलेक्ट्रिकल या ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में डिग्री धारी या डिप्लोमा धारी को ही रखा जाना आवश्यक था लेकिन अब विज्ञान के साथ इंटर पास व्यक्ति जांच केंद्र खोल सकता है इसके साथ ही लाइसेंस रिनुअल एप्लीकेशन शुल्क में भी काफी कमी की गई है।
प्रदूषण जांच केंद्र के लाइसेंस के लिए पहले ₹12000 देने पड़ते थे जो अब ₹5000 कर दिया गया है। वहीं जांच केंद्र के रिन्यूअल के लिए पहले ₹12000 चुकाने पड़ते थे जो अब महज ₹5000 कर दिया गया है। प्रदूषण जांच केंद्र के लाइसेंस के लिए आवेदन फीस पहले ₹3000 था जो अब ₹1000 कर दिया गया है।


Conclusion:परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि बिहार के हर प्रखंड में कम से कम एक वाहन जांच प्रदूषण केंद्र खोला जाएगा। इसके साथ ही पेट्रोल पंप और गाड़ियों के डीलर प्वाइंट के साथ सर्विस सेंटर में भी प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यही नहीं चलंत प्रदूषण जांच केंद्रों की स्थापना के भी प्रावधान किए गए हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा वाहनों की प्रदूषण जांच की जा सके।
Last Updated : Dec 11, 2019, 9:56 PM IST
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