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नल-जल योजना अधर में लटकने से 46 मुखिया और 76 वार्ड सदस्य चुनाव के लिए हो सकते हैं अयोग्य घोषित

जिले में नल-जल योजना में लापरवाही बरतने वाले मुखिया और वार्ड पार्षदों को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. पंचायती विभाग के नए निर्देश के अनुसार ऐसे पंचायत प्रतिनिधियों के दोबारा चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है. जिस पंचायत में नल-जल योजना आधी-अधूरी है. जिसके चलते जिले के 46 मुखिया और 76 वार्ड सदस्य पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं.

समस्तीपुर
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Published : Mar 25, 2021, 4:26 PM IST

समस्तीपुर: दोबारा मुखिया और वार्ड सदस्य बनने का सपना टूटने वाला है. आधे-अधूरे नल-जल योजना को लेकर पंचायती विभाग के नए निर्देश के बाद जिले के कई मुखिया और वार्ड सदस्यों के दोबारा चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें: समस्तीपुर में हर घर नल का जल योजना फेल, आखिर कहां गए 18 करोड़ रुपये?

विभाग द्वारा चिह्नित 46 पंचायतों में योजना अधूरी
जनहित से जुड़ी अहम योजना को लेकर हवा-हवाई में रहने वाले जनप्रतिनिधियों का नए नियम आने के बाद चेहरे की हवाइयां उड़ी हुई है. पंचायती विभाग के नए निर्देश के अनुसार, ऐसे पंचायत प्रतिनिधियों के दोबारा चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है. जिस पंचायत में नल-जल योजना आधी-अधूरी है. जिला पंचायती विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जिले भर में कुल 46 पंचायत अबतक चिह्नित हुए हैं, जहां योजना अधर में लटकी हुई है. बहरहाल नए नियम के तहत इससे सम्बंधित 46 मुखिया और 76 वार्ड सदस्य के ऊपर दोबारा चुनाव लड़ने को लेकर संशय के बादल मंडराने लगे हैं.

देखें रिपोर्ट

गैरतलब है कि अबतक जिले के सभी 381 पंचायतों में हुए जांच के दौरान 335 में नल-जल योजना लगभग पूरा किया जा चुका है. वहीं, 46 पंचायत ऐसे चिन्हित किए गए हैं जहां योजना आधी-अधूरी है.

समस्तीपुर: दोबारा मुखिया और वार्ड सदस्य बनने का सपना टूटने वाला है. आधे-अधूरे नल-जल योजना को लेकर पंचायती विभाग के नए निर्देश के बाद जिले के कई मुखिया और वार्ड सदस्यों के दोबारा चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.

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विभाग द्वारा चिह्नित 46 पंचायतों में योजना अधूरी
जनहित से जुड़ी अहम योजना को लेकर हवा-हवाई में रहने वाले जनप्रतिनिधियों का नए नियम आने के बाद चेहरे की हवाइयां उड़ी हुई है. पंचायती विभाग के नए निर्देश के अनुसार, ऐसे पंचायत प्रतिनिधियों के दोबारा चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है. जिस पंचायत में नल-जल योजना आधी-अधूरी है. जिला पंचायती विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जिले भर में कुल 46 पंचायत अबतक चिह्नित हुए हैं, जहां योजना अधर में लटकी हुई है. बहरहाल नए नियम के तहत इससे सम्बंधित 46 मुखिया और 76 वार्ड सदस्य के ऊपर दोबारा चुनाव लड़ने को लेकर संशय के बादल मंडराने लगे हैं.

देखें रिपोर्ट

गैरतलब है कि अबतक जिले के सभी 381 पंचायतों में हुए जांच के दौरान 335 में नल-जल योजना लगभग पूरा किया जा चुका है. वहीं, 46 पंचायत ऐसे चिन्हित किए गए हैं जहां योजना आधी-अधूरी है.

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