पटना: लॉक डाउन की वजह से बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के 16 मजदूर शनिवार को हरियाणा से पटना पहुंचे. हरियाणा से पैदल पटना पहुंचने में उन्हें 8 दिन लग गए. पटना पहुंचते ही उन्होंने राहत की सांस ली. सरकार की ओर से चलाए जा रहे राहत शिविर में पहुंचने पर उन्होंने बताया कि कहीं भी उनकी जांच नहीं की गई है.
बता दें बिहार सरकार कोरोना वायरस को देखते हुए काफी सतर्क है. जिस तरह से लगातार बिहार के बाहर रह रहे लोगों का बिहार में आगमन हो रहा है. उसके मद्देनजर बिहार सरकार ने बिहार के तमाम जिलों में राहत शिविर और कम्युनिटी किचन चलाने का निर्णय लिया है.
हरियाणा से पैदल चल कर आए 16 मजदूर
देश में बढ़ते कोरोना वायरस को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में लॉक डाउन कर दिया है. लॉक डाउन होने के कारण उनका काम बंद हो गया था. जिसकी वजह से उन्होंने निर्णय लिया कि पैदल ही अपने घर जाएंगे. जिसके बाद 22 मार्च को हरियाणा से पैदल चल कर 16 बिहारी मजदूर रविवार को पटना के गर्दनीबाग हाई स्कूल पहुंचे. पैदल चलने की वजह से मजदूरों के पैरों में छाले पड़ गए हैं.
सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन की तरफ से राजधानी पटना के कई जगहों पर राहत शिविर और कम्युनिटी किचन चलाए जा रहे हैं. सभी मजदूरों ने पटना के राहत शिविर में पहुंचकर कई दिनों के बाद खाना खाया.
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राहत शिविर में रहने की व्यवस्था
मुजफ्फरपुर जिला के रहने वाले शिबू कुमार ने बताया कि 8 दिन से बिना खाए और बिना सोए आज पटना पहुंचे हैं. यूपी में कल पुलिस प्रशासन की तरफ से हमें खाना खिलाया गया था और यूपी के कानपुर में हमारी कोरोना की जांच भी की गई. वहीं शिबू का कहना है कि पटना पहुंचने तक बिहार सरकार की तरफ से हमारी जांच नहीं करवाई गई है.
इस मामले पर पटना के डीएम कुमार रवि ने बताया कि बिहार सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन की तरफ से पटना के अंदर कई बंद स्कूलों में राहगीर और कम्युनिटी किचन चलाए जा रहे हैं. बिहार के बाहर से आ रहे लोगों के लिए राहत शिविर में रहने, खाने-पीने के साथ-साथ उनके इलाज की भी व्यवस्था की जा रही है.