पटना: बिहार के विभिन्न जिलों में शनिवार को चले विशेष वाहन जांच अभियान में मोटरवाहन अधिनियम के विभिन्न नियमों के उल्लंघन में कुल 1560 वाहन चालकों पर लगभग 1.15 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया. राज्य परिवहन आयुक्त बी. कार्तिकेय धनजी ने बताया कि हेलमेट प्रशासन और पुलिस के डर से नहीं, बल्कि अपने परिवार के लिए और अपनी सुरक्षा के लिए पहनना चाहिए. दोपहिया वाहन चला रहे हों या पीछे बैठे हो दोनों स्थिति में हेलमेट लगाना अनिवार्य है. सर पर हेलमेट नहीं है तो आपकी जान जोखिम में है. बिहार में वर्ष 2022 में हेलमेट नहीं पहनने की वजह से 1628 लोगों की मृत्यु हुई. वहीं बिना सीटबेल्ट लगाए वाहन चलाते 405 लोगों की मृत्यु सड़क दुर्घटना में हुई है.
हेलमेट और सीट बेल्ट से कमेगी दुर्घटना दर: अगर वाहन चालक यातायात के नियमों का पालन करते हुए हेलमेट और सीट बेल्ट का प्रयोग करें तो सड़क दुर्घटना में नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है. राज्य परिवहन आयुक्त ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए मोटर वाहन अधिनियमों को सख्ती से लागू किया जाना आवश्यक है. इसी उद्देश्य से विशेष सघन वाहन जांच अभियान चलाया जा रहा है. बार-बार नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों का ड्राइविंग लाइसेंस निलंबन की भी कार्रवाई की जायेगी. रविवार को भी सभी जिलों में विशेष वाहन जांच अभियान चलाया जायेगा. यातायात के नियमों के उल्लंघनों पर रोकथाम एवं सुगम परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भीड़-भाड़ वाले मार्गों पर अभियान चला कर उल्लंघनकर्ताओं पर कार्रवाई की जायेगी.
"सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए मोटर वाहन अधिनियमों को सख्ती से लागू किया जाना आवश्यक है. इसी उद्देश्य से विशेष सघन वाहन जांच अभियान चलाया जा रहा है. बार-बार नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों का ड्राइविंग लाइसेंस निलंबन की भी कार्रवाई की जायेगी. रविवार को भी सभी जिलों में विशेष वाहन जांच अभियान चलाया जायेगा." -बी. कार्तिकेय धनजी, राज्य परिवहन आयुक्त
हर सप्ताह विशेष वाहन जांच: सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके इसके लिए सड़क सुरक्षा एवं मोटरवाहन अधिनियम के तहत नियमों का अनुपालन कराने के लिए हर सप्ताह विशेष वाहन जांच अभियान चलाया जायेगा. ओवर स्पीडिंग, खतरनाक तरीके से वाहन चलाना एवं यातायात नियमों का पालन नहीं किया जाना सड़क दुर्घटनाओं का एक महत्वपूर्ण कारण है. अभियान के दौरान वाहनों में लगे स्पीड लिमिट डिवाइस की जांच की गई. कई वाहनों की जांच में पाया गया कि कई वाहनों में स्पीड गवर्नर लगे होने के बाद भी कार्यरत नहीं था. जबकि कई वाहनों में स्पीड गवर्नर नहीं लगे थे. ऐसे वाहन चालकों से जुर्माना लिया गया एवं सख्त निर्देश दिया गया कि अविलंब स्पीड गवर्नर लगाएं. वाहनों में स्पीड लिमिट डिवाइस लगे होने से गति को नियंत्रित रखा जा सकता है एवं सड़क दुर्घटना की संभावना भी कम जाती है.