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World Yoga Day 2022: पटना साहिब में 45 मिनट में 1500 प्रतिभागी करेंगे 25 आसन और प्राणायाम - 75 ऐतिहासिक जगहों पर योग कार्यक्रम का आयोजन

विश्व योग दिवस 2022 के मौके पर कल देश के 75 ऐतिहासिक जगहों पर योग कार्यक्रम का आयोजन (Yoga program organized at 75 historical places) किया जा रहा है. जिसको लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है. बिहार में पटना, नालंदा और राजगीर में कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है. पढ़ें पूरी खबर..

पटना में विश्व योग दिवस की तैयारी
पटना में विश्व योग दिवस की तैयारी
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Published : Jun 20, 2022, 7:49 PM IST

पटना: कल विश्व योग दिवस 2022 (World Yoga Day 2022) है. इस बार योग दिवस को 'मानवता के लिए योग' (Yoga For Humanity) के थीम पर मनाया जा रहा है. यह साल आजादी के 75 वर्ष का है. ऐसे में आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत देश भर में 75 ऐतिहासिक जगहों पर इस बार योगा का केंद्र की ओर से भव्य आयोजन किया जा रहा है. इन 75 ऐतिहासिक जगहों में बिहार के तीन जगह पटना साहिब, नालंदा और बोध गया शामिल है. जहां सुबह पांच से आठ बजे के बीच योग दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा और कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को इस बात की जानकारी दी जाएगी की स्वस्थ शरीर के लिए योग कितना जरूरी है.

ये भी पढे़ं-बिहार विधानसभा में कल होगा योग दिवस कार्यक्रम, मुख्यमंत्री-मंत्री समेत सभी विधायकों को किया गया आमंत्रित

पटना साहिब में योग दिवस कार्यक्रम: पटना साहिब में योग दिवस कार्यक्रम तीन घंटे तक चलेगा. इस योग दिवस कार्यक्रम में 45 मिनट योगाभ्यास का होगा, जिसमें 1500 प्रतिभागी 25 प्रकार के आसन और प्राणायाम का अभ्यास करेंगे. जिसमें कपालभाति, अनुलोम विलोम, भुजंगासन, सेतुबंधासन, भस्त्रिका जैसे आसन और प्राणायाम शामिल हैं. इस योग दिवस कार्यक्रम में भारत स्वाभिमान संस्था अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर रहा है और योग गुरु बाबा रामदेव की यह संस्था योग दिवस में लोगों कि अधिक से अधिक भागीदारी हो इसके लिए लगातार अपील भी कर रही है.

योग में बाबा रामदेव का बड़ा योगदान: अभी के समय के भारत में योग के प्रचार-प्रसार और लोगों में इसको लेकर जागृति पैदा करने में पतंजलि और बाबा रामदेव का बड़ा योगदान रहा है. ऐसे में भारत स्वाभिमान संस्था के दक्षिण भारत प्रभारी अनिल कुमार ने बताया कि स्वस्थ जीवन के लिए योग बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग को एक वैश्विक पहचान दिलाई और 21 जून अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस के रूप में स्थापित हुआ. जिसके बाद अब दुनिया भर में योग को लेकर के लोग जागृत हुए हैं और योग का कितना महत्व है, स्वस्थ जीवन के लिए सभी समझने लगे हैं.

विदेशों में भी हो रहे भव्य कार्यक्रम: योग दिवस के मौके पर विदेशों में भी अब भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. कोरोना महामारी के बाद योग की महत्ता और अधिक लोगों को समझ में आई है कि स्वसन क्रिया को दुरुस्त करने के लिए प्राणायाम कितना आवश्यक है. वहीं, शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए योगासन कितने जरूरी हैं. योग के दौरान लोगों को बताया जाएगा कि पेट के रोग, माइग्रेन, मधुमेह, मोटापा जैसे विभिन्न प्रकार की सामान्य से लेकर गंभीर बीमारियों के लिए कौन से आसन और प्राणायाम कितने समय के लिए आवश्यक हैं.

योग से जीवन रहता है स्वस्थ्य: भारत स्वाभिमान संस्था और पतंजलि योगपीठ के दक्षिण भारत प्रभारी अनिल कुमार ने बताया कि कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका और विभिन्न प्रकार के जो प्राणायाम हैं, वह फेफड़े को मजबूत बनाते हैं. साथ ही साथ हृदय संबंधी बीमारियों में भी बेहद कारगर हैं. आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत इस बार मानवता के लिए योग की थीम पर योग दिवस मनाया जा रहा है, लेकिन योग की जो अवधारणा है वह शुरू से ही मानवता के हित में है और योग मानवता के लिए ही है.

75 ऐतिहासिक जगहों पर हो रहा योग कार्यक्रम: पतंजलि योगपीठ के दक्षिण भारत प्रभारी ने बताया कि इस बार 75 ऐतिहासिक जगहों पर बड़े पैमाने पर योग दिवस का आयोजन किया जा रहा है, लेकिन योग दिवस के मौके पर ब्लॉक पंचायत और गांव के लेवल पर योग दिवस कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि योग को लेकर भारत के लोगों में जागृति पहले से काफी बढ़ गई है. जो लोग अभी भी योग नहीं करते हैं, उनसे वह यह अपील करेंगे कि अपनी दिनचर्या में कुछ समय योग के लिए दें और इसका वह अनुभूति करेंगे कि वह पहले से अधिक तरोताजा महसूस कर रहे हैं और कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी खत्म होंगी. स्वस्थ जीवन किसी को जीना है तो योग को आदत में ढ़ालना बहुत जरूरी है.

ये भी पढ़ें-बोले उपेंद्र कुशवाहा- 'हम घर पर रोज करते हैं योगा, किसी के कहने पर नहीं करेंगे'

पटना: कल विश्व योग दिवस 2022 (World Yoga Day 2022) है. इस बार योग दिवस को 'मानवता के लिए योग' (Yoga For Humanity) के थीम पर मनाया जा रहा है. यह साल आजादी के 75 वर्ष का है. ऐसे में आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत देश भर में 75 ऐतिहासिक जगहों पर इस बार योगा का केंद्र की ओर से भव्य आयोजन किया जा रहा है. इन 75 ऐतिहासिक जगहों में बिहार के तीन जगह पटना साहिब, नालंदा और बोध गया शामिल है. जहां सुबह पांच से आठ बजे के बीच योग दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा और कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को इस बात की जानकारी दी जाएगी की स्वस्थ शरीर के लिए योग कितना जरूरी है.

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पटना साहिब में योग दिवस कार्यक्रम: पटना साहिब में योग दिवस कार्यक्रम तीन घंटे तक चलेगा. इस योग दिवस कार्यक्रम में 45 मिनट योगाभ्यास का होगा, जिसमें 1500 प्रतिभागी 25 प्रकार के आसन और प्राणायाम का अभ्यास करेंगे. जिसमें कपालभाति, अनुलोम विलोम, भुजंगासन, सेतुबंधासन, भस्त्रिका जैसे आसन और प्राणायाम शामिल हैं. इस योग दिवस कार्यक्रम में भारत स्वाभिमान संस्था अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर रहा है और योग गुरु बाबा रामदेव की यह संस्था योग दिवस में लोगों कि अधिक से अधिक भागीदारी हो इसके लिए लगातार अपील भी कर रही है.

योग में बाबा रामदेव का बड़ा योगदान: अभी के समय के भारत में योग के प्रचार-प्रसार और लोगों में इसको लेकर जागृति पैदा करने में पतंजलि और बाबा रामदेव का बड़ा योगदान रहा है. ऐसे में भारत स्वाभिमान संस्था के दक्षिण भारत प्रभारी अनिल कुमार ने बताया कि स्वस्थ जीवन के लिए योग बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग को एक वैश्विक पहचान दिलाई और 21 जून अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस के रूप में स्थापित हुआ. जिसके बाद अब दुनिया भर में योग को लेकर के लोग जागृत हुए हैं और योग का कितना महत्व है, स्वस्थ जीवन के लिए सभी समझने लगे हैं.

विदेशों में भी हो रहे भव्य कार्यक्रम: योग दिवस के मौके पर विदेशों में भी अब भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. कोरोना महामारी के बाद योग की महत्ता और अधिक लोगों को समझ में आई है कि स्वसन क्रिया को दुरुस्त करने के लिए प्राणायाम कितना आवश्यक है. वहीं, शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए योगासन कितने जरूरी हैं. योग के दौरान लोगों को बताया जाएगा कि पेट के रोग, माइग्रेन, मधुमेह, मोटापा जैसे विभिन्न प्रकार की सामान्य से लेकर गंभीर बीमारियों के लिए कौन से आसन और प्राणायाम कितने समय के लिए आवश्यक हैं.

योग से जीवन रहता है स्वस्थ्य: भारत स्वाभिमान संस्था और पतंजलि योगपीठ के दक्षिण भारत प्रभारी अनिल कुमार ने बताया कि कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका और विभिन्न प्रकार के जो प्राणायाम हैं, वह फेफड़े को मजबूत बनाते हैं. साथ ही साथ हृदय संबंधी बीमारियों में भी बेहद कारगर हैं. आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत इस बार मानवता के लिए योग की थीम पर योग दिवस मनाया जा रहा है, लेकिन योग की जो अवधारणा है वह शुरू से ही मानवता के हित में है और योग मानवता के लिए ही है.

75 ऐतिहासिक जगहों पर हो रहा योग कार्यक्रम: पतंजलि योगपीठ के दक्षिण भारत प्रभारी ने बताया कि इस बार 75 ऐतिहासिक जगहों पर बड़े पैमाने पर योग दिवस का आयोजन किया जा रहा है, लेकिन योग दिवस के मौके पर ब्लॉक पंचायत और गांव के लेवल पर योग दिवस कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि योग को लेकर भारत के लोगों में जागृति पहले से काफी बढ़ गई है. जो लोग अभी भी योग नहीं करते हैं, उनसे वह यह अपील करेंगे कि अपनी दिनचर्या में कुछ समय योग के लिए दें और इसका वह अनुभूति करेंगे कि वह पहले से अधिक तरोताजा महसूस कर रहे हैं और कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी खत्म होंगी. स्वस्थ जीवन किसी को जीना है तो योग को आदत में ढ़ालना बहुत जरूरी है.

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