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पटनाः जीविका की ओर से आयोजित 15 दिवसीय सरस मेले का समापन, लोगों ने जमकर की खरीदारी - सरस मेला

मेले में पिछले वर्षों की तुलना इस बार लोगों की भारी भीड़ रही. हर रोज करीब 40 हजार लोगों से ज्यादा लोगों ने मेले का लुत्फ उठाया. डिजिटल ट्रांजक्शन सखी बैंक के माध्यम से हुआ. इसके तहत बैंक से 1.52 करोड़ का ट्रांजक्शन किया गया.

Saras Fair concludes
सरस मेले का समापन
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Published : Dec 16, 2019, 9:14 PM IST

Updated : Dec 16, 2019, 9:20 PM IST

पटनाः जिले के गांधी मैदान में पिछले 15 दिनों से चल रहे सरस मेले का रविवार को समापन हो गया. इस बार मेले का आयोजन मैदान के 3 लाख स्क्वायर फीट क्षेत्र में किया गया था. जीविका की ओर से आयोजित मेले का थीम 'स्वावलंबी महिला विकसित बिहार' रखा गया था.

आकर्षण का केंद्र बना सरस पार्क
1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक चले सरस मेला में रोजाना सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसके माध्यम से लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ लोगों को सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ भी जागरुक किया गया. मेले में मनोरंजन के लिए सरस पार्क बनाया गया था. जो लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना रहा. लोगों ने सरस पार्क में खूब सेल्फी ली. मेले में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर उसके माध्यम से लोगों में जन जागरुकता का संदेश दिया गया.

Saras Fair
मेले में खरीदारी करती लड़कियां

ये भी पढ़ें- औरंगाबाद में सुर संग्राम और नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन, कई बड़े कलाकारों ने की शिरकत

पिछले साल की अपेक्षा रही भारी भीड़
मेले में पिछले वर्षों की तुलना इस बार लोगों की भारी भीड़ रही. हर रोज करीब 40 हजार लोगों से ज्यादा लोगों ने मेले का लुत्फ उठाया. डिजिटल ट्रांजक्शन सखी बैंक के माध्यम से संपन्न हुआ. इसके तहत बैंक से 1.52 करोड़ का ट्रांजक्शन किया गया. वहीं, इस बार मेले से 9 करोड़ 5 लाख 82 हजार रुपये की खरीदारी हुई है.

Saras Fair
मेले में खरीदारी करते लोग

10 करोड़ के आसपास ट्रांजक्शन
जीविका के डायरेक्टर कुमार अंशुमाली ने बताया कि इस बार मेले का सफल आयोजन रहा. यहां लोगों ने जमकर लुफ्त उठाया और जमकर खरीदारी की. उन्होंने बताया कि मेले का ट्रांजक्शन लगभग 10 करोड़ के आसपास रहा है. इस बार ग्रामीण उद्यमिता और हस्तशिल्प को बढ़ावा दिया गया और इसका परिणाम भी अच्छा देखने को मिला है. इस बार मेले में हस्तशिल्प उत्पादों की खूब बिक्री हुई है.

पटनाः जिले के गांधी मैदान में पिछले 15 दिनों से चल रहे सरस मेले का रविवार को समापन हो गया. इस बार मेले का आयोजन मैदान के 3 लाख स्क्वायर फीट क्षेत्र में किया गया था. जीविका की ओर से आयोजित मेले का थीम 'स्वावलंबी महिला विकसित बिहार' रखा गया था.

आकर्षण का केंद्र बना सरस पार्क
1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक चले सरस मेला में रोजाना सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसके माध्यम से लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ लोगों को सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ भी जागरुक किया गया. मेले में मनोरंजन के लिए सरस पार्क बनाया गया था. जो लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना रहा. लोगों ने सरस पार्क में खूब सेल्फी ली. मेले में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर उसके माध्यम से लोगों में जन जागरुकता का संदेश दिया गया.

Saras Fair
मेले में खरीदारी करती लड़कियां

ये भी पढ़ें- औरंगाबाद में सुर संग्राम और नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन, कई बड़े कलाकारों ने की शिरकत

पिछले साल की अपेक्षा रही भारी भीड़
मेले में पिछले वर्षों की तुलना इस बार लोगों की भारी भीड़ रही. हर रोज करीब 40 हजार लोगों से ज्यादा लोगों ने मेले का लुत्फ उठाया. डिजिटल ट्रांजक्शन सखी बैंक के माध्यम से संपन्न हुआ. इसके तहत बैंक से 1.52 करोड़ का ट्रांजक्शन किया गया. वहीं, इस बार मेले से 9 करोड़ 5 लाख 82 हजार रुपये की खरीदारी हुई है.

Saras Fair
मेले में खरीदारी करते लोग

10 करोड़ के आसपास ट्रांजक्शन
जीविका के डायरेक्टर कुमार अंशुमाली ने बताया कि इस बार मेले का सफल आयोजन रहा. यहां लोगों ने जमकर लुफ्त उठाया और जमकर खरीदारी की. उन्होंने बताया कि मेले का ट्रांजक्शन लगभग 10 करोड़ के आसपास रहा है. इस बार ग्रामीण उद्यमिता और हस्तशिल्प को बढ़ावा दिया गया और इसका परिणाम भी अच्छा देखने को मिला है. इस बार मेले में हस्तशिल्प उत्पादों की खूब बिक्री हुई है.

Intro:पिछले 15 दिनों से गांधी मैदान में चल रहे सरस मेला का समापन हुआ. ग्रामीण विकास विभाग की ओर से जीविका द्वारा आयोजित सरस मेला में इस बार स्वावलंबी महिला विकसित बिहार थीम रखा गया था. गांधी मैदान में 300000 स्क्वायर फीट क्षेत्र में सरस मेला को आयोजित किया गया था और मेले में हस्तशिल्प को प्रमुखता से बढ़ावा दिया गया. 1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक चले सरस मेला में ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने के साथ-साथ सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन और सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के प्रति जन जागरूकता अभियान भी चलाया गया.


Body:सरस मेला में रोजाना प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया और इस माध्यम से लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ लोगों के बीच सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूक भी किया गया. सरस मेला में सरस पार्क बनाया गया था जहां आई लव सरस लिखा गया था. यहां लोगों की खूब दिलचस्पी देखने को मिली और लोगों ने सरस पार्क में जमकर सेल्फी खिंचाई.
इस बार सरस मेला में पिछले वर्षों की तुलना में सर्वाधिक भीड़ उमड़ी और करीब 10 लाख से ज्यादा लोग सरस मेला में पहुंचे. रविवार के दिन लोगों की संख्या एक लाख से ज्यादा रही. सरस मेला में डिजिटल ट्रांजैक्शन सखी बैंक के माध्यम से संपन्न हुआ और इस दौरान 1.52 करोड़ का ट्रांजैक्शन इस बैंक से हुआ. वहीं इस बार 9 करोड़ 5 लाख 82 हजार रुपए की खरीदारी सरस मेला से हुई है. प्रतिदिन 40000 लोगों से ज्यादा की भीड़ उमड़ी.


Conclusion:जीविका के डायरेक्टर कुमार अंशुमाली ने बताया कि इस बार का सरस मेला काफी सफल आयोजन रहा. उन्होंने बताया कि सरस मेला में इस बार बाजार काफी अच्छा रहा है और लोगों ने जमकर खरीदारी की है. उन्होंने बताया कि लगभग 10 करोड़ के आसपास इस बार का सरस मेला का ट्रांजैक्शन रहा है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण उद्यमिता और हस्तशिल्प को ऐसे आयोजन के माध्यम से बढ़ावा दिया जाता है और इसका परिणाम भी अच्छा देखने को मिला. उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प के प्रति लोगों का अच्छा रुझान देखने को मिला और हस्तशिल्प के उत्पादों की खूब बिक्री हुई है.
Last Updated : Dec 16, 2019, 9:20 PM IST
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