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पटनाः बिहार आर्ट थियेटर में 12वें पटना फिल्मोत्सव का हुआ शुभारंभ - patna film festival started

राजधानी पटना में आज से 12वें पटना फिल्मोत्सव का शुभारंभ हो गया. जिसका उद्घाटन वरिष्ठ कवि अरूण कमल ने किया.

फिल्मोत्सव
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Published : Feb 18, 2021, 12:53 AM IST

पटना: राजधानी पटना के गांधी मैदान स्थित बिहार आर्ट थियेटर में 12वें पटना फिल्मोत्सव का आज से शुभारंभ किया गया. पटना फिल्मोत्सव का शुभारंभ वरिष्ठ कवि अरुण कमल ने किया. फिल्मोत्सव का उद्घाटन दो बीघा जमीन फिल्म से किया गया.

फिल्म दो बीघा जमीन का प्रदर्शन
विमल राय की बहुचर्चित फिल्म दो बीघा जमीन 74 साल पहले बनी थी. यह फिल्म एक रिक्शा चालक के रूप में, महान अभिनेता बलराज साहनी के जबर्दस्त यथार्थ परक अभिनय के लिए जानी जाती है. सलिल चौधरी द्वारा संगीतबद्ध इसके गीत अत्यंत लोकप्रिय हैं. पूंजीवादी शक्तियां किस तरह सामंती शक्तियों के साथ मिलकर छोटे किसानों को उनकी जमीन और गांव से उन्हें विस्थापित करती हैं, इस फिल्म में दिखाया गया है.

ये भी पढ़ें- कलाकारों को पहचान दिलाने के लिए विश्वविद्यालय की होगी स्थापना, सांस्कृतिक महाकुंभ की तैयारी

किसानों और जमींदारों पर बनी है फिल्म
1953 में निर्मित फिल्म दो बीघा जमीन में एक सीधे-साधे किसान के बारे में दर्शाया गया है. जिसकी 2 बीघे जमीन पर जमींदार ठाकुर हरनाम सिंह की नजर थी. वह शहर के एक कारोबारी के साथ मिलकर गांव में मिल लगाना चाहता था. जिसके लिए उसे जमीन की जरूरत थी, लेकिन जमीन मालिक जमीन बेचना नहीं चाहता था. लेकिन अकाल पड़ने के कारण जमीन मालिक कर ले लेता है और कटिहार में जमींदार उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया.

पटना: राजधानी पटना के गांधी मैदान स्थित बिहार आर्ट थियेटर में 12वें पटना फिल्मोत्सव का आज से शुभारंभ किया गया. पटना फिल्मोत्सव का शुभारंभ वरिष्ठ कवि अरुण कमल ने किया. फिल्मोत्सव का उद्घाटन दो बीघा जमीन फिल्म से किया गया.

फिल्म दो बीघा जमीन का प्रदर्शन
विमल राय की बहुचर्चित फिल्म दो बीघा जमीन 74 साल पहले बनी थी. यह फिल्म एक रिक्शा चालक के रूप में, महान अभिनेता बलराज साहनी के जबर्दस्त यथार्थ परक अभिनय के लिए जानी जाती है. सलिल चौधरी द्वारा संगीतबद्ध इसके गीत अत्यंत लोकप्रिय हैं. पूंजीवादी शक्तियां किस तरह सामंती शक्तियों के साथ मिलकर छोटे किसानों को उनकी जमीन और गांव से उन्हें विस्थापित करती हैं, इस फिल्म में दिखाया गया है.

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किसानों और जमींदारों पर बनी है फिल्म
1953 में निर्मित फिल्म दो बीघा जमीन में एक सीधे-साधे किसान के बारे में दर्शाया गया है. जिसकी 2 बीघे जमीन पर जमींदार ठाकुर हरनाम सिंह की नजर थी. वह शहर के एक कारोबारी के साथ मिलकर गांव में मिल लगाना चाहता था. जिसके लिए उसे जमीन की जरूरत थी, लेकिन जमीन मालिक जमीन बेचना नहीं चाहता था. लेकिन अकाल पड़ने के कारण जमीन मालिक कर ले लेता है और कटिहार में जमींदार उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया.

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