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ओमीक्रोन संक्रमण: विदेश से बिहार लौटे 100 लोगों को ढूंढ रही सरकार, पासपोर्ट में दर्ज पते पर नहीं मिल रहे प्रवासी

ओमीक्रोन वेरिएंट ने बिहार सरकार की चिंता बढ़ा दी है. बिहार में पाबंदी वाले देशों से लौटे 281 लोगों में से 100 लोगों का पता नहीं चल पा रहा है. पासपोर्ट में दर्ज पते पर प्रवासी नहीं मिल रहे हैं (Migrants are not getting at the address recorded in the passport). अकेले पटना में ही विदेश से लौटे 11 से 12 लोगों की जानकारी नहीं मिल पा रही है. स्वास्थ्य विभाग इन लोगों के सैंपल कलेक्ट करके जांच कराना चाहता है.

बिहार में लापता हुए विदेश से लौटे 100 प्रवासी
बिहार में लापता हुए विदेश से लौटे 100 प्रवासी
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Published : Nov 29, 2021, 9:29 PM IST

पटना: कोरोना वायरस का नया वेरिएंट (New Variant Of Corona Virus) लोगों की जान के लिए खतरनाक माना जा रहा है. ऐसे में भारत सरकार ने अफ्रीकी देशों से आने वाले यात्रियों पर पाबंदी लगा दी है. पिछले 12 दिनों में प्रतिबंधित देशों से यात्रा कर बिहार लौटे यात्रियों के स्वास्थ्य के लिए बिहार स्वास्थ्य विभाग तलाश रहा है (People Returned From Abroad Missing In Bihar). एक आंकड़े के मुताबिक बिहार में 281 लोगों में से विदेश से लौटे 100 लोग लापता हैं (100 People Who Returned From Abroad Out Of 281 People Missing). स्वास्थ्य विभाग की टीम को पासपोर्ट में दर्ज पते पर प्रवासी नहीं मिल रहे हैं.

ये भी पढ़ें- corona omicron variant : भारत आने वाले यात्रियों को दिखानी होगी 14 दिनों की ट्रैवल हिस्ट्री

इसकी वजह से बिहार में ओमीक्रोन संक्रमण पर मुस्तैदी के मामले को झटका लग रहा है. जो यात्री विदेश से लौटे हैं वो पासपोर्ट में दर्ज पते पर नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलों के साथ चिंता भी बढ़ गईं है. 100 लोगों को बिहार का स्वास्थ्य विभाग अभी भी ढूंढ रहा है. अकेले पटना के पते पर 30 लोग लौटे हैं लेकिन उनमें 11 से 12 लोगों का कोई अता-पता नहीं चल रहा है.

बिहार सरकार इन लोगों की कोरोना जांच कराकर संतुष्ट हो जाना चाहती है. लेकिन सैंपल के लिए पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम को ये लोग मिल ही नहीं रहे. बिहार सरकार भी अब उनको ढूंढने के लिए सक्रिय हो गई है. हालाकि इन लोगों को ढूंढना अब सरकार और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती हो गई है. डब्ल्यूएचओ ने भी इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न के रूप में घोषित किया है. नए वैरिएंंट को लेकर अब आम लोग भी चिंतित हो गए हैं.

ये भी पढ़ें- WHO ने गंभीर परिणाम की दी चेतावनी, कहा- ओमीक्रोन से संबंधित जोखिम 'बहुत अधिक'

केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को 281 ऐसे लोगों की सूची सौंपी है जो हाल ही में पाबंदी वाले देशों से लौटे हैं. अब सरकार चाहती है कि ये लोग अपना सेंपल स्वास्थ्य विभाग को दें. ताकि वायरोलॉजी डिपॉर्टमेंट इसके म्यूटेंट को समय रहते जान सके. अगर ये डेल्टा वेरिएंट की तरह फैला तो बर्बादी उससे सात गुना ज्यादा होगी. डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना वायरस का नया वेरिएंट 7 गुना ज्यादा खतरनाक है. इसके संक्रमण फैलने की दर 7 गुना ज्यादा है.

पटना के सिविल सर्जन ने बताया कि अब तक राजधानी में 11 सैंपल का जांच रिपोर्ट प्राप्त हो गया ही. इन सभी की रिपोर्ट नेगेटिव है. सिविल सर्जन जानकारी देते हुए कहा कि और लोगों को भी ढूंढने का प्रयास चल रहा है. लोगों के जरिए संपर्क नंबर निकालकर उनसे बात करने का प्रयास किया जा रहा है. इस दौरान उनसे (विदेश लौटने वालों से) अपील की जा रही है कि वो ज्यादा लोगों के संपर्क में ना रहें. जल्द से जल्द कोरोना जांच करवाएं और खुद को और समाज को सुरक्षित रखने में अपनी भूमिका का निर्वहन करें.

विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना के इस नए वेरिएंंट से बचना है तो कोविड गाइडलाइन के अलावा जरूरी (Know About Prevention Of Omicron ) है कि अब वैक्सीन की बूस्टर डोज की भी शुरुआत की जाए. जिन लोगों ने सिंगल डोज लिया है उन्हें डबल डोज दिया जाए और जिनको डबल डोज लिए हुए 9 महीना से अधिक समय होने जा रहे है, उन्हें बूस्टर डोज दिया जाए. क्योंकि 6 महीने के बाद वैक्सीन का एंटीबॉडी लेवल शरीर से कम होने लगता है.

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पटना: कोरोना वायरस का नया वेरिएंट (New Variant Of Corona Virus) लोगों की जान के लिए खतरनाक माना जा रहा है. ऐसे में भारत सरकार ने अफ्रीकी देशों से आने वाले यात्रियों पर पाबंदी लगा दी है. पिछले 12 दिनों में प्रतिबंधित देशों से यात्रा कर बिहार लौटे यात्रियों के स्वास्थ्य के लिए बिहार स्वास्थ्य विभाग तलाश रहा है (People Returned From Abroad Missing In Bihar). एक आंकड़े के मुताबिक बिहार में 281 लोगों में से विदेश से लौटे 100 लोग लापता हैं (100 People Who Returned From Abroad Out Of 281 People Missing). स्वास्थ्य विभाग की टीम को पासपोर्ट में दर्ज पते पर प्रवासी नहीं मिल रहे हैं.

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इसकी वजह से बिहार में ओमीक्रोन संक्रमण पर मुस्तैदी के मामले को झटका लग रहा है. जो यात्री विदेश से लौटे हैं वो पासपोर्ट में दर्ज पते पर नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलों के साथ चिंता भी बढ़ गईं है. 100 लोगों को बिहार का स्वास्थ्य विभाग अभी भी ढूंढ रहा है. अकेले पटना के पते पर 30 लोग लौटे हैं लेकिन उनमें 11 से 12 लोगों का कोई अता-पता नहीं चल रहा है.

बिहार सरकार इन लोगों की कोरोना जांच कराकर संतुष्ट हो जाना चाहती है. लेकिन सैंपल के लिए पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम को ये लोग मिल ही नहीं रहे. बिहार सरकार भी अब उनको ढूंढने के लिए सक्रिय हो गई है. हालाकि इन लोगों को ढूंढना अब सरकार और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती हो गई है. डब्ल्यूएचओ ने भी इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न के रूप में घोषित किया है. नए वैरिएंंट को लेकर अब आम लोग भी चिंतित हो गए हैं.

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केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को 281 ऐसे लोगों की सूची सौंपी है जो हाल ही में पाबंदी वाले देशों से लौटे हैं. अब सरकार चाहती है कि ये लोग अपना सेंपल स्वास्थ्य विभाग को दें. ताकि वायरोलॉजी डिपॉर्टमेंट इसके म्यूटेंट को समय रहते जान सके. अगर ये डेल्टा वेरिएंट की तरह फैला तो बर्बादी उससे सात गुना ज्यादा होगी. डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना वायरस का नया वेरिएंट 7 गुना ज्यादा खतरनाक है. इसके संक्रमण फैलने की दर 7 गुना ज्यादा है.

पटना के सिविल सर्जन ने बताया कि अब तक राजधानी में 11 सैंपल का जांच रिपोर्ट प्राप्त हो गया ही. इन सभी की रिपोर्ट नेगेटिव है. सिविल सर्जन जानकारी देते हुए कहा कि और लोगों को भी ढूंढने का प्रयास चल रहा है. लोगों के जरिए संपर्क नंबर निकालकर उनसे बात करने का प्रयास किया जा रहा है. इस दौरान उनसे (विदेश लौटने वालों से) अपील की जा रही है कि वो ज्यादा लोगों के संपर्क में ना रहें. जल्द से जल्द कोरोना जांच करवाएं और खुद को और समाज को सुरक्षित रखने में अपनी भूमिका का निर्वहन करें.

विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना के इस नए वेरिएंंट से बचना है तो कोविड गाइडलाइन के अलावा जरूरी (Know About Prevention Of Omicron ) है कि अब वैक्सीन की बूस्टर डोज की भी शुरुआत की जाए. जिन लोगों ने सिंगल डोज लिया है उन्हें डबल डोज दिया जाए और जिनको डबल डोज लिए हुए 9 महीना से अधिक समय होने जा रहे है, उन्हें बूस्टर डोज दिया जाए. क्योंकि 6 महीने के बाद वैक्सीन का एंटीबॉडी लेवल शरीर से कम होने लगता है.

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