नवादा: बिहार में चार दिवसीय छठ महापर्व को लेकर जिस तरह से आम लोगों में उत्साह देखा जा रहा है, उतना ही उत्साह जेल के अंदर देखने को मिल रहा है. नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ छठ व्रत में नवादा मंडल कारा के अंदर महिला वार्ड में छठी मईया की गीत गुंज रही है. शहर से गांव तक लोग जिस स्तर से उत्साह पूर्व छठ मनाने जुटे हैं, उससे भी अधिक उत्साह से नवादा मंडल कारा के अंदर महिला बंदी छठ व्रत करने जुटी हैं. जेल के अंदर महिला बंदी ही नहीं बल्कि पुरूष बंदी भी आस्था के इस महापर्व में उत्साहित हैं.
36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू: जेल के अंदर छठ व्रत करने वाली तीन महिला बंदी शामिल हैं. उनके लिए जेल प्रशासन द्वारा समुचित व्यवस्था किया गया है. सभी महिला बंदी छठव्रती शनिवार को खरना का प्रसाद ग्रहण कर 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू कर दी है. सूर्याेपासना के महापर्व छठ व्रत के प्रति लोगों में जो आस्था बनी है, उससे ज्यादा जेल के अंदर देखने को मिल रहा है. बाहर की दुनिया में रह रहे लोगों ने अपने परिजनों के साथ छठ करने जुटे हैं, तो वहीं दूसरी ओर जेल में बंद महिला बंदियों ने अपनों से दूर रहकर छठ व्रत करने में जुटी हैं. जेल में बंद महिला कैदियों के सहयोग में जेल प्रशासन सहित जेल में बंद सभी कैदियों का भरपूर सहयोग मिल रहा है.
जेल के अंदर बनाया गया तालाब: जेल के अंदर महिला वार्ड में बंद तीन विचाराधीन महिला कैदी पूरी आस्था के साथ छठव्रत कर रही हैं. विभिन्न मामलों में जेल में भले ही इन महिलाओं को रहना पड़ रहा हो, लेकिन धर्म और आस्था के प्रति उनकी निष्ठा इतना अटूट है कि अपनों के बगैर ही छठ मइया की अराधना में छठ व्रत कर रही हैं. जेल के अंदर बने तालाब को कैदियों ने मिलकर साफ-सफाई कराया. इसके साथ उनके आने-जाने वाली मार्ग को भी साफ कर सजाने का काम किया है, जहां महिला छठव्रती बंदी रविवार को अस्ताचलगामी और सोमवार को उदयीमान भगवान सूर्य की पूजा अर्चना कर अर्घ्यदान करेंगी. इसको लेकर जेल प्रशासन की ओर से विशेष प्रबंध किया गया है.
जेल के अंदर शुद्धता का पूरा ख्याल: जेल अधीक्षक अजीत कुमार ने बताया कि जेल में छठ करने वाली तीन महिला बंदियों में बेबी देवी, ममता कुमारी तथा सरिता देवी शामिल हैं. जेल अधीक्षक ने कहा कि आस्था के इस महापर्व में जितने भी महिला बंदियों ने छठ व्रत किया है, उनके लिए जेल प्रशासन की ओर साड़ी से लेकर अन्य पूजन सामग्री का समुचित व्यवस्था किया है. साथ ही जेल के अंदर शुद्धता का पूरा ख्याल रखा जा रहा है.
"भगवान की आस्था के लिए जगह कोई मायने नहीं रखता है. हम अपने परिवार ही नहीं समाज और देश दुनिया की सुख समृद्धि की कामना के लिए छठ कर रहे हैं. जेल के महिला वार्ड में छठी मईया के गीतों से पूरा जेल का माहौल भक्तिमय और अस्था में डूब गया है." - बेबी देवी, महिला कैदी.
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