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नवादा में कड़ाके की ठंड, नहीं बांटे गए गरीबों को कंबल

जिला प्रशासन ने कंबल बांटने की जिम्मेदारी सामाजिक सुरक्षा कोषांग को दिया है. कंबल के लिए राशि भी आवंटित हो गई है लेकिन अभी तक कंबल की खरीद नहीं हो सकी है.

Nawada
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Published : Dec 29, 2019, 10:02 AM IST

नवादाः पूरा बिहार ठंड की चपेट में है. नवादा में पारा 6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है. लगाता बढ़ती ठंड और कोहरे से जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित है. सबसे ज्यादा परेशानी गरीब और बेघरों को है. जो इस कड़ाके की ठंड में भी खुले आसमान के नीचे सोने को विवश है. जिला प्रशासन की और से अब तक कंबल का वितरण नहीं हो सका है.

Nawada
सड़कों पर छाया कोहरा

सरकार से कोई मदद नहीं
स्थानीय बुजूर्ग बेदामी देवी ने कहा कि उनका बेटा कमाने के लिए परदेस चला गया है. वो परिवार के साथ वहां ही रहता है. वो यहां अकेली रहती हूं. ना खाने को कुछ है और ना ही ठंड से बचने के लिए कपड़े. उन्होंने कहा कि सरकार से भी कोई मदद नहीं मिल रही है. सुक्की मांझी ने कहा कि ठंड बहुत बढ़ गया है. जिला प्रशासन से ना तो कंबल मिला है और ना ही अलाव की व्यवस्था की गई है. लोग अपने स्तर से अलाव जला रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

ये भी पढ़ेंः गया का न्यूनतम तापमान हुआ 3.2 डिग्री सेल्सियस, राज्य का सबसे ठंडा जिला बना मोक्षनगरी

नहीं खरीदा हो सका है कंबल
बता दें कि जिला प्रशासन ने कंबल बांटने की जिम्मेदारी सामाजिक सुरक्षा कोषांग को दिया है. कंबल के लिए राशि भी आवंटित हो गई है लेकिन अभी तक कंबल की खरीद नहीं हो सकी है. जबकि आपदा विभाग ने 10 दिसंबर को ही निर्देश दे चुकी है. गरीब और वंचितों के लिए कंबल खरीदने के लिए 3 लाख 50 हजार रुपये की राशि आवंटित की गई है.

नवादाः पूरा बिहार ठंड की चपेट में है. नवादा में पारा 6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है. लगाता बढ़ती ठंड और कोहरे से जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित है. सबसे ज्यादा परेशानी गरीब और बेघरों को है. जो इस कड़ाके की ठंड में भी खुले आसमान के नीचे सोने को विवश है. जिला प्रशासन की और से अब तक कंबल का वितरण नहीं हो सका है.

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सड़कों पर छाया कोहरा

सरकार से कोई मदद नहीं
स्थानीय बुजूर्ग बेदामी देवी ने कहा कि उनका बेटा कमाने के लिए परदेस चला गया है. वो परिवार के साथ वहां ही रहता है. वो यहां अकेली रहती हूं. ना खाने को कुछ है और ना ही ठंड से बचने के लिए कपड़े. उन्होंने कहा कि सरकार से भी कोई मदद नहीं मिल रही है. सुक्की मांझी ने कहा कि ठंड बहुत बढ़ गया है. जिला प्रशासन से ना तो कंबल मिला है और ना ही अलाव की व्यवस्था की गई है. लोग अपने स्तर से अलाव जला रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

ये भी पढ़ेंः गया का न्यूनतम तापमान हुआ 3.2 डिग्री सेल्सियस, राज्य का सबसे ठंडा जिला बना मोक्षनगरी

नहीं खरीदा हो सका है कंबल
बता दें कि जिला प्रशासन ने कंबल बांटने की जिम्मेदारी सामाजिक सुरक्षा कोषांग को दिया है. कंबल के लिए राशि भी आवंटित हो गई है लेकिन अभी तक कंबल की खरीद नहीं हो सकी है. जबकि आपदा विभाग ने 10 दिसंबर को ही निर्देश दे चुकी है. गरीब और वंचितों के लिए कंबल खरीदने के लिए 3 लाख 50 हजार रुपये की राशि आवंटित की गई है.

Intro:समरी- नवादा जिला ठंड के चपेट में है। गरीबों के सहायता के लिए सरकार ने राशि भी आवंटित कर दी ही लेकिन जिला प्रशासन अभी भी तक कंबल नहीं खरीद पाई है। जिसके वजह से लोग परेशान हैं।

नवादा। पूरे राज्य ठंड की चपेट में है। नवादा में पारा अधिकतम 17 तो न्यूनतम 6 डिग्री तक पहुंच चुकी है। बढ़ रहे ठंड और कोहरे ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। गरीब- असहाय लोग अलाव का सहारा लेकर ठंड से बचने का कर रहे हैं लेकिन उनकी परेशानियों पर जिला प्रशासन की कोई चिंता नहीं है। पूस का रुख साफ़ है कि अभी कुछ दिनों तक ठंड से राहत नहीं मिलनेवाली है बावजूद जिला प्रशासन अभी तक कंबल खरीद नहीं पाई है।


उधर गरीब-वंचित कंबल बैगर ठिठुरने को मजबूर हैं बेदामी देवी कहती है, कभी कमल वगैरह नहीं मिला है बाल बच्चा सब बाहर चला गया है ये बूढ़ी यहां मर रही है। वहीं, सुक्की मांझी का कहना है ठंडा बढ़ गया है लेकिन कुछ मिल रहा हैये नहीं। हम गरीब लोग कंबल कहां से लाएं।

बाइट- बेदामी देवी, स्थानीय लोग
बाइट- सुक्की मांझी, स्थानीय लोग




Body:अलाव जलाकर काट रहे दिन

गरीब- गुरबा ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं उनके पास न पैसे है न कंबल। बस एक सहारा है तो वो है आग। उसी के पास बैठकर अपना ठंड दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।

3 लाख 50 हजार से होनी है कंबल की खरीद

सरकार ने गरीब-गुरबा, वंचित और भिक्षुकों के लिए करीब साढ़े तीन लाख रुपए की राशि कंबल खरीदने के लिए दी है जिसमें से भिक्षुकों के लिए 82 हाजर 500 और 2 लाख 80 हजार गरीब-गुरबा के लिए आवंटित किया गया है।


नहीं खरीदा गया कंबल

बता दें कि, जिला प्रशासन ने कंबल बांटने की जिम्मेदारी सामाजिक सुरक्षा कोषांग को दिया है। कंबल के लिए राशि भी आवंटित हो गई है। लेकिन कंबल की खरीद नहीं होने से गरीबों के बीच अभी तक कंबल को वितरण नहीं किया जा सका है। सवाल ये है कि दिसंबर खत्म होने को है और जिला प्रशासन अभी तक कंबल नहीं खरीद पाई है? जबकि आपदा विभाग 10 दिसंबर को ही निर्देश दे चुकी है।








Conclusion:लोग ठंड से ठिठुर रहे हैं सरकार ने भी गरीबों को ठंड से बचाने के लिए राशि का आवंटन कर दिया है जिला प्रशासन के ढुलमुल रवैये के कारण गरीबों को कनकनाती ठंड में कंबल नसीब नहीं हो सका है।
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