नवादा: लॉकडाउन का असर इस बार राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर भी पड़ता दिखाई दिया. पूर्व के वर्षों में इस दिन अस्पतालों में कैम्प लगाकर लोगों को डेंगू के बारे में जानकारी दी जाती थी, लेकिन कोरोना महामारी ने ऐसा आतंक मचाया कि इस बार डेंगू दिवस बड़े ही सादगी के साथ मनाया गया. मौके पर हमने जिला वेक्टर बोर्न डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. वीरेंद्र कुमार से खास बातचीत की.
डॉ. वीरेंद्र ने बताया कि इस बार कोरोना की वजह से वृहत पैमाने पर कार्यक्रम नहीं किया. विभाग का ये निर्देश था कि किसी कार्यक्रम को करने की बजाय सोशल मीडिया के जरिये लोगों को जागरूक किया जाए. बातचीत के दौरान डेंगू के लक्षण और उनसे बचाव के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुये उन्होंने कहा कि ये बीमारी मच्छरों के काटने से होता है. बदन दर्द, बुखार आना, प्लेटलेट्स में गिरावट आंख, नाक या अन्य हिस्सों से ब्लीडिंग के साथ ही काला शौच होना भी इसके मुख्य लक्षण हैं.
'केवल पैरासिटामोल का करें इस्तेमाल'
डेंगू वैक्सिन उपलब्ध नहीं होने की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इससे बचाव ही एकमात्र उपचार है. जागरूकता ही बचाव है. डेंगू का अब-तक कोई वैक्सिन नहीं बनी है. इससे बचने के लिए अपने आसपास साफ-सफाई रखना, घर के जंगले-कूलर आदि के पानी समय-समय पर बदलते रहना और मच्छरदानी का उपयोग करके भी इससे बचा जा सकता है. अंत में, उन्होंने लोगों से अपील करते हुये कहा कि बीमारी के दौरान पैरासिटामोल के अलावा अन्य कोई पेन किलर का इस्तेमाल ना करें. ऐसा करना काफी खतरनाक हो सकता है.
16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस
गौरतलब है कि देश मे 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है. जिसकी घोषणा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने की थी. जिसके आलोक में हर वर्ष 16 मई को यह दिवस मनाया जाता है. जिसमें स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारी भी शामिल होते हैं.