नवादा: रजौली में अवैध खनन के दौरान वन अधिनियम के तहत पकड़े गए महिंद्रा जेसीबी मशीन से वन पदाधिकारी के निर्देशानुसार कार्य में उपयोग लिया जा रहा है. जिसको लेकर कंपनी के लोगों के साथ ग्रामीणों ने मशीन को रोक कर जमकर हंगामा किया. लोगों ने कहा कि जब मामला कोर्ट में चल रहा है तो वन पदाधिकारी इसे अपने निजी कार्य में कैसे लगा रहे हैं.
दरअसल, केएलडी कंपनी के द्वारा रेलवे लाइन में कार्य कराया जा रहा था. वन विभाग के क्षेत्र में खनन कर महिंद्रा जेसीबी मशीन से रेलवे लाइन में मिट्टी की भराई की जा रही थी. उस वक्त वन अधिकारी ने वन क्षेत्र में खनन का आरोप लगाते हुए वाहन को जब्त कर लिया था. जिसे वन परिसर में रखा गया था. लेकिन वनपाल वीरेंद्र पाठक के मनमानी के कारण उसे भाड़े और निजी कार्यों में खुलेआम प्रयोग किया जा रहा है. इसकी सूचना मिलने के उपरांत जब रजौली पहुंचे तो वन विभाग में जेसीबी मशीन नहीं दिखाई दिया.
जब्त जेसीबी को लिया जा रहा उपयोग
जानकारी मिली की जेसीबी मशीन हरदिया के पड़रिया गांव में वन भूमि पर कार्य कर रही है. जिसके बाद ग्रामीणों के सहयोग से एनएच-31 सड़क पर हरदिया सेक्टर ए के नजदीक जेसीबी मशीन को रोका गया. कंपनी के लोग कह रहे थे मेरी गाड़ी पर कोर्ट में जब्त केस चल रहा है तो इसे विभाग के लोग कैसे अपने उपयोग में ला रहे हैं.
'वनपाल वीरेंद्र पाठक के द्वारा काम करने के लिए भेजा गया था. जिसके बाद काम कर शाम में लौट रहे थे, तो ग्रामीण अपनी मशीन पहचान कर रोक दिए. चालक सह केयर टेकर की सूचना के बाद वनपाल विरेंद्र पाठक मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों की समझाने की लाख कोशिश की ग्रामीणों ने एक न मानी जिसके बाद वन अधिकारी ने रजौली थाने को सूचना दी.'- नरेश प्रसाद, जेसीबी चालक
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मामला कोर्ट में है लंबित
गौरतलब हो कि, 30 अक्टूबर 2020 को गुप्त सूचना के आधार पर सुरक्षित वन क्षेत्र में जेसीबी मशीन द्वारा मिट्टी खुदाई के दौरान जब्त किया गया था. उसके बाद वन अधिनियम के तहत वन रक्षी अभिषेक कुमार के लिखित बयान पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. जिसका मामला कोर्ट में अभी लंबित है. उसके बावजूद विभाग के अधिकारियों के द्वारा मशीन का मिस यूज किए जाने के मामले से ग्रामीण आहत होकर हंगामा करने लगे.