नवादा: जिले में बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं की देखभाल के लिए करोड़ों की लागत वाला बुनियाद केंद्र बनकर तैयार हो गया है. लेकिन डेढ़ साल पहले बना ये केंद्र आज भी उद्घाटन को तरस रहा है. अधिकारियों ने बताया कि भवन निर्माण विभाग की तरफ से अभी तक इसे समाज कल्याण विभाग को नहीं सौंपा गया है, जिस कारण इसका उद्घाटन अधर में लटका है. इस केंद्र के शुरू होने से रजौली अनुमंडल के सैकड़ों बुजुर्ग, दिव्यांग और विधवा महिलाएं लाभान्वित होंगे.
उद्घाटन से पहले ही इस भवन के शीशे टूट गये हैं. कैम्पस में लगी लाइटें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं. चारदीवारी पर ईंट से बने गुम्बद टूटकर नीचे गिर गये हैं और उसके कैंपस के अंदर जहां-तहां कचरा फैला हुआ है. अगर जल्द ही इसे चालू नहीं किया गया तो करोड़ों की राशि से बना ये भवन किसी पुरानी जर्जर बिल्डिंग में तब्दील हो जायेगा.
हाईटेक सुविधाओं से लैस है यह भवन
विश्व बैंक द्वारा संपोषित और बिहार राज्य एकीकृत सामाजिक सुरक्षा समाज सुदृढ़ीकरण योजना के तहत बिहार सरकार के सामाज कल्याण विभाग के तहत काम करने के लिये इसे बनाया गया है. इसे भवन निर्माण विभाग की तरफ से बनवाया गया है. यह हाईटेक सुविधाओं से लैस है. दो मंजिला इस भवन में बड़े-बड़े रूम के साथ परामर्श केंद्र, स्टोर रूम, वेटिंग रूम, स्टॉफ रूम, फिजिथेरेपिस्ट व काउंसलर केबिन, डोरमेट्री, किचेन, शौचालय और बाथरूम बनाए गये हैं.
इस भवन में ये सुविधाएं मिलेंगी:
●फिजियोथेरेपी की सुविधा.
●स्वास्थ्य व कानूनी सहायता.
●कौशल विकास रोजगार के लिए सहायता.
● दिव्यांगता का इलाज एवं कृत्रिम अंग की सुविधा.
●केंद्र पर मोबाईल थेरेपी वाहन की सुविधा.
यहां इन समस्याओं का समाधान होगा:
● निःशक्त वृद्ध के पेंशन संबंधी समस्याओं का समाधान.
● दृष्टि एवं श्रवण संबंधी समस्याओं की जांच कर समाधान.
सूबे के 101 अनुमंडल में खोले जा रहे बुनियाद केंद्र
बता दें कि राज्य सरकार सूबे के सभी 101 अनुमंडलों में इस तरह के केंद्र खोल रही है. 38 जिलों के मुख्यालयों में बने बुनियाद केंद्र 5-5 हजार वर्गफुट में होंगे. जबकि मुख्यालयों के अलावा अन्य जगहों पर बने केंद्र 4-4 हजार वर्गफुट में होंगें. रजौली में भी 4 हजार वर्गफुट के एरिया में भवन बनाया गया है.
क्या कहते हैं स्थानीय
केंद्र के उद्घाटन में हो रही देरी को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि साल भर से ज्यादा हो गये हैं इस केंद्र को बने हुये लेकिन कोई देखनेवाला नहीं है. इसकी सुरक्षा के लिये किसी गार्ड की भी तैनाती नहीं की गई है. सभी लाइट्स टूट गये हैं. खाली पड़ी ये बिल्डिंग एक तरह से असमाजिक तत्वों के लिये भी बदमाशी का अड्डा बन गया है.