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महीनों से उद्घाटन की राह देख रहा बुनियाद केंद्र हो रहा जर्जर, बदमाशों ने बनाया अड्डा

राज्य सरकार सूबे के सभी 101 अनुमंडलों में इस तरह के केंद्र खोल रही है. 38 जिलों के मुख्यालयों में बने बुनियाद केंद्र 5-5 हजार वर्गफुट में होंगे. जबकि मुख्यालयों के अलावा अन्य जगहों पर बने केंद्र 4-4 हजार वर्गफुट में होंगें.

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Published : Jun 29, 2019, 2:06 PM IST

बुनियाद केंद्र

नवादा: जिले में बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं की देखभाल के लिए करोड़ों की लागत वाला बुनियाद केंद्र बनकर तैयार हो गया है. लेकिन डेढ़ साल पहले बना ये केंद्र आज भी उद्घाटन को तरस रहा है. अधिकारियों ने बताया कि भवन निर्माण विभाग की तरफ से अभी तक इसे समाज कल्याण विभाग को नहीं सौंपा गया है, जिस कारण इसका उद्घाटन अधर में लटका है. इस केंद्र के शुरू होने से रजौली अनुमंडल के सैकड़ों बुजुर्ग, दिव्यांग और विधवा महिलाएं लाभान्वित होंगे.

NAWADA
बुनियाद केंद्र की बिल्डिंग

उद्घाटन से पहले ही इस भवन के शीशे टूट गये हैं. कैम्पस में लगी लाइटें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं. चारदीवारी पर ईंट से बने गुम्बद टूटकर नीचे गिर गये हैं और उसके कैंपस के अंदर जहां-तहां कचरा फैला हुआ है. अगर जल्द ही इसे चालू नहीं किया गया तो करोड़ों की राशि से बना ये भवन किसी पुरानी जर्जर बिल्डिंग में तब्दील हो जायेगा.

NAWADA
बुनियाद केंद्र की बिल्डिंग

हाईटेक सुविधाओं से लैस है यह भवन
विश्व बैंक द्वारा संपोषित और बिहार राज्य एकीकृत सामाजिक सुरक्षा समाज सुदृढ़ीकरण योजना के तहत बिहार सरकार के सामाज कल्याण विभाग के तहत काम करने के लिये इसे बनाया गया है. इसे भवन निर्माण विभाग की तरफ से बनवाया गया है. यह हाईटेक सुविधाओं से लैस है. दो मंजिला इस भवन में बड़े-बड़े रूम के साथ परामर्श केंद्र, स्टोर रूम, वेटिंग रूम, स्टॉफ रूम, फिजिथेरेपिस्ट व काउंसलर केबिन, डोरमेट्री, किचेन, शौचालय और बाथरूम बनाए गये हैं.

जानकारी देती स्थानीय महिला और संवाददाता

इस भवन में ये सुविधाएं मिलेंगी:
●फिजियोथेरेपी की सुविधा.
●स्वास्थ्य व कानूनी सहायता.
●कौशल विकास रोजगार के लिए सहायता.
● दिव्यांगता का इलाज एवं कृत्रिम अंग की सुविधा.
●केंद्र पर मोबाईल थेरेपी वाहन की सुविधा.

यहां इन समस्याओं का समाधान होगा:
● निःशक्त वृद्ध के पेंशन संबंधी समस्याओं का समाधान.
● दृष्टि एवं श्रवण संबंधी समस्याओं की जांच कर समाधान.

सूबे के 101 अनुमंडल में खोले जा रहे बुनियाद केंद्र
बता दें कि राज्य सरकार सूबे के सभी 101 अनुमंडलों में इस तरह के केंद्र खोल रही है. 38 जिलों के मुख्यालयों में बने बुनियाद केंद्र 5-5 हजार वर्गफुट में होंगे. जबकि मुख्यालयों के अलावा अन्य जगहों पर बने केंद्र 4-4 हजार वर्गफुट में होंगें. रजौली में भी 4 हजार वर्गफुट के एरिया में भवन बनाया गया है.

क्या कहते हैं स्थानीय
केंद्र के उद्घाटन में हो रही देरी को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि साल भर से ज्यादा हो गये हैं इस केंद्र को बने हुये लेकिन कोई देखनेवाला नहीं है. इसकी सुरक्षा के लिये किसी गार्ड की भी तैनाती नहीं की गई है. सभी लाइट्स टूट गये हैं. खाली पड़ी ये बिल्डिंग एक तरह से असमाजिक तत्वों के लिये भी बदमाशी का अड्डा बन गया है.

नवादा: जिले में बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं की देखभाल के लिए करोड़ों की लागत वाला बुनियाद केंद्र बनकर तैयार हो गया है. लेकिन डेढ़ साल पहले बना ये केंद्र आज भी उद्घाटन को तरस रहा है. अधिकारियों ने बताया कि भवन निर्माण विभाग की तरफ से अभी तक इसे समाज कल्याण विभाग को नहीं सौंपा गया है, जिस कारण इसका उद्घाटन अधर में लटका है. इस केंद्र के शुरू होने से रजौली अनुमंडल के सैकड़ों बुजुर्ग, दिव्यांग और विधवा महिलाएं लाभान्वित होंगे.

NAWADA
बुनियाद केंद्र की बिल्डिंग

उद्घाटन से पहले ही इस भवन के शीशे टूट गये हैं. कैम्पस में लगी लाइटें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं. चारदीवारी पर ईंट से बने गुम्बद टूटकर नीचे गिर गये हैं और उसके कैंपस के अंदर जहां-तहां कचरा फैला हुआ है. अगर जल्द ही इसे चालू नहीं किया गया तो करोड़ों की राशि से बना ये भवन किसी पुरानी जर्जर बिल्डिंग में तब्दील हो जायेगा.

NAWADA
बुनियाद केंद्र की बिल्डिंग

हाईटेक सुविधाओं से लैस है यह भवन
विश्व बैंक द्वारा संपोषित और बिहार राज्य एकीकृत सामाजिक सुरक्षा समाज सुदृढ़ीकरण योजना के तहत बिहार सरकार के सामाज कल्याण विभाग के तहत काम करने के लिये इसे बनाया गया है. इसे भवन निर्माण विभाग की तरफ से बनवाया गया है. यह हाईटेक सुविधाओं से लैस है. दो मंजिला इस भवन में बड़े-बड़े रूम के साथ परामर्श केंद्र, स्टोर रूम, वेटिंग रूम, स्टॉफ रूम, फिजिथेरेपिस्ट व काउंसलर केबिन, डोरमेट्री, किचेन, शौचालय और बाथरूम बनाए गये हैं.

जानकारी देती स्थानीय महिला और संवाददाता

इस भवन में ये सुविधाएं मिलेंगी:
●फिजियोथेरेपी की सुविधा.
●स्वास्थ्य व कानूनी सहायता.
●कौशल विकास रोजगार के लिए सहायता.
● दिव्यांगता का इलाज एवं कृत्रिम अंग की सुविधा.
●केंद्र पर मोबाईल थेरेपी वाहन की सुविधा.

यहां इन समस्याओं का समाधान होगा:
● निःशक्त वृद्ध के पेंशन संबंधी समस्याओं का समाधान.
● दृष्टि एवं श्रवण संबंधी समस्याओं की जांच कर समाधान.

सूबे के 101 अनुमंडल में खोले जा रहे बुनियाद केंद्र
बता दें कि राज्य सरकार सूबे के सभी 101 अनुमंडलों में इस तरह के केंद्र खोल रही है. 38 जिलों के मुख्यालयों में बने बुनियाद केंद्र 5-5 हजार वर्गफुट में होंगे. जबकि मुख्यालयों के अलावा अन्य जगहों पर बने केंद्र 4-4 हजार वर्गफुट में होंगें. रजौली में भी 4 हजार वर्गफुट के एरिया में भवन बनाया गया है.

क्या कहते हैं स्थानीय
केंद्र के उद्घाटन में हो रही देरी को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि साल भर से ज्यादा हो गये हैं इस केंद्र को बने हुये लेकिन कोई देखनेवाला नहीं है. इसकी सुरक्षा के लिये किसी गार्ड की भी तैनाती नहीं की गई है. सभी लाइट्स टूट गये हैं. खाली पड़ी ये बिल्डिंग एक तरह से असमाजिक तत्वों के लिये भी बदमाशी का अड्डा बन गया है.

Intro:नवादा। बुजुर्गों, दिव्यांग और विधवाओं के देखभाल के लिए करोड़ों की लागत से बनाये गए बुनियाद केंद्र बनकर तो तैयार हो गये हैं लेकिन इसके उद्घटन को कोई राजी नहीं है करीब साल डेढ़ साल से यह उद्धघाटन के इंतजार में तैयार है पर इसपर किसी का ध्यान नहीं जा रहा। कहा जा रहा है कि इसे भवन निर्माण विभाग द्वारा समाज कल्याण विभाग को अभी तक सौंपा नहीं गया है। अगर यह शुरू हो जाती है तो रजौली अनुमंडल के सैकड़ों बुजुर्ग, दिव्यांग एयर विधवा महिलाएं लाभान्वित होंगी।

बाइट- इंदु पासवान, स्थानीय
बाइट- समाज कल्याण पदाधिकारी

(कल सुबह 10 बजे का टाइम दिया है बाइट मिलते ही आपको उपलब्ध करवा दूंगा)




Body:उद्घाटन से पहले ऐसी है हालत

भवन के शीशे टुट गये हैं, कैम्पस में लगी लाइटें भी क्षतिग्रस्त हो गई है, चारदीवारी पर ईंट से बने गुम्बद टुटकर नीचे गिर गये हैं और उसके कैंपस के अंदर जहां-तहां कचड़े फैले हुए हैं। अगर लोगों के सेवा में इसे शीघ्र नहीं लगाया गया तो न जाने और कितनी जर्जर हो जाएंगी।

हाईटेक सुविधाओं से लैस है यह भवन

विश्व बैंक द्वारा संपोषित और बिहार राज्य एकीकृत सामाजिक सुरक्षा समाज सुदृढ़ीकरण योजना के तहत करोडों की लागत से बिहार सरकार के सामाजिक कल्याण विभाग ने इसे बनाया है। यह हाईटेक सुविधाओं से लैस है भवन। इसे भवन निर्माण निगम ने बनाया है इसके अंदर हाईटेक सुविधाएं मुहैया कराई गई है। दो मंजिला भवन है में बड़े-बड़े रूम के साथ परामर्श केंद्र, स्टोर रूम, वेटिंग रूम, स्टॉफ रूम, फिजिथेरेपिस्ट व कॉन्सलर केबिन, डोरमेट्री,किचेन,शौचालय और स्नानागार बनाए गये हैं और किसी भी प्लोर जाना हो तो वहां तक जाने के लिए रैंप और सीढ़ी भी किए गये हैं।

मिलेंगें ये सुविधाएं और इसका होगा समाधान

सुविधाएं

●फिजियोथेरेपी की सुविधा
●स्वास्थ्य कानूनी सहायता
●कौशल विकास रोजगार के लिए सहायता
● दिव्यांगता का ईलाज़ एवं कृत्रिम अंग की सुविधा
●केंद्र पर मोबाईल थैरेपी वाहन की सुविधा

समाधान

● निःशक्त वृद्ध के पेंशन संबंधी समस्याओं का समाधान
● दृष्टि एवं श्रवण संबंधी समस्याओं की जांच कर समाधान

सूबे के 101 अनुमंडल में खोले जा रहे बुनियाद केंद्र

आपको बता दें कि राज्य सरकार सूबे के सभी अनुमंडल में खोले जा रहे हैं बुनियाद केंद्र जिनमें 38 जिले में 5-5 हजार फीट होगा इसके अलावे अन्य जगहों पर 4-4 हजार वर्गफुट फीट में होंगें। रजौली में भी 4 हजार वर्गफुट में भवन बनाये गये हैं।

यह कहना है स्थानीय लोगों का

तीन साल से बना है लेकिन कोई देखनेवाला नहीं है हमी लोग थोड़ा देख भी लेते हैं। कोई गार्ड वगैरह भी नहीं है लाइट टूट गया है। लड़का लोग बडा शैतानी करता है, छेड़ता रहता है।












Conclusion:करोड़ों की लागत से बनी बुनियाद भवन उद्घटन के इंतज़ार में जर्जर होने शुरू हो गये हैं लेकिन इसपे न संबंधित विभाग का ध्यान है और न जनप्रतिनिधियों का.. जिस प्रकार जिले में बने अन्य कार्यों के लिए बने नये भवन बदहाली विभागीय लापरवाही के शिकार हो गये हैं कहीं वैसा ही हाल इसका तो नहीं होगा?
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