ETV Bharat / state

बिहार-झारखंड को जोड़ता कोडरमा घाटी: 36 तीखे मोड़ दुर्घटना की मुख्य वजह, ट्रामा सेंटर खोलेने की तैयारी - jharkhand news

बिहार-झारखंड की लाईफ लाइन मानी जाने वाली कोडरमा घाटी में ऐसे तीखे मोड़ हैं जो दुर्घटना की मुख्य वजह बनते हैं. घायलों के इलाज के लिए जिला प्रशासन वहां एक ट्रामा सेंटर खोलेने (Trauma Center Will Open in Kodema) की तैयारी में है.

kodema
kodema
author img

By

Published : Oct 22, 2022, 11:04 PM IST

कोडरमा/नवादा : बिहार-झारखंड को जोड़ने वाली कोडरमा घाटी (Bihar Jharkhand connector Koderma valley ) में आए दिन हादसे होते रहते हैं. जिसमें कई लोगों की जान चली जाती हैं. आपको बता दें कि कोडरमा से रजौली तक 22 किलोमीटर की इस घाटी में 36 ऐसे तीखे मोड़ हैं. जहां वाहन चालक वाहन को ओवरटेक करने या वाहन को चलाते समय अपना संतुलन खो देते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं. घायलों के इलाज के लिए जिला प्रशासन वहां ट्रामा सेंटर खोलेने की तैयारी में है (Trauma Center Will Open in Kodema). दरअसल कोडरमा घाटी में आए दिन सड़क दुर्घटनाएं घटती रहती हैं और घायलों को कोडरमा सदर अस्पताल पहुंचाने में काफी समय लग जाता हैं और समय पर इलाज न होने से कई घायल रास्ते मे ही दम तोड़ देते हैं.

ये भी पढ़ें - नवादा में तेज रफ्तार बोलेरो ने बाइक को मारी टक्कर, पिता-पुत्र की मौत

ट्रामा सेंटर खोलने की तैयारी: कोडरमा घाटी में हादसे को देखते हुए एक ट्रामा सेंटर खोले जाने की जरूरत हैं. ताकि गंभीर रूप से घायलों को तत्काल इलाज किया जा सकें और उसकी जान बचाई जा सके. इधर दिन-प्रतिदिन कोडरमा घाटी में हो रहे सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने घाटी में कई जगह ब्लैक- स्पॉट चिन्हित किया हैं. साथ ही घाटी में जगह-जगह वाहन चालकों के लिए सुरक्षा मानकों के साथ वाहन चलाने के निर्देश के बोर्ड लगाए गए हैं. उसके बावजूद भी कोडरमा घाटी में सड़क दुर्घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. वहीं कोडरमा घाटी में सड़क दुर्घटना में घायलों को तुरंत राहत पहुंचाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने घाटी में एक ट्रामा सेंटर खोले जाने की फाइल राज्य सरकार को भेजी है. जैसे ही राज्य सरकार से जिला प्रशासन को घाटी में ट्रामा सेंटर खोले जाने की अनुमति मिल जाती है, वैसे ही मेघातरी या दिबोर में ट्रामा सेंटर की स्थापना कर दी जाएगी.

बिहार-झारखंड की लाइफ लाइन: कोडरमा घाटी बिहार-झारखंड की लाइफ लाइन मानी जाती है. इस घाटी से हजारों वाहन बिहार और झारखंड में प्रवेश करते हैं. ऐसे में अक्सर बड़े वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने से कोडरमा घाटी में घंटों जाम लगी रहती हैं. जंगलों से घिरे होने के कारण अगर घाटी में जाम लग गया तो बिहार-झारखंड जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं. यात्रियों को घाटी में न पीने का पाने मिल पाता हैं और न कुछ खाने का समान मिल पाता है.

कोडरमा/नवादा : बिहार-झारखंड को जोड़ने वाली कोडरमा घाटी (Bihar Jharkhand connector Koderma valley ) में आए दिन हादसे होते रहते हैं. जिसमें कई लोगों की जान चली जाती हैं. आपको बता दें कि कोडरमा से रजौली तक 22 किलोमीटर की इस घाटी में 36 ऐसे तीखे मोड़ हैं. जहां वाहन चालक वाहन को ओवरटेक करने या वाहन को चलाते समय अपना संतुलन खो देते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं. घायलों के इलाज के लिए जिला प्रशासन वहां ट्रामा सेंटर खोलेने की तैयारी में है (Trauma Center Will Open in Kodema). दरअसल कोडरमा घाटी में आए दिन सड़क दुर्घटनाएं घटती रहती हैं और घायलों को कोडरमा सदर अस्पताल पहुंचाने में काफी समय लग जाता हैं और समय पर इलाज न होने से कई घायल रास्ते मे ही दम तोड़ देते हैं.

ये भी पढ़ें - नवादा में तेज रफ्तार बोलेरो ने बाइक को मारी टक्कर, पिता-पुत्र की मौत

ट्रामा सेंटर खोलने की तैयारी: कोडरमा घाटी में हादसे को देखते हुए एक ट्रामा सेंटर खोले जाने की जरूरत हैं. ताकि गंभीर रूप से घायलों को तत्काल इलाज किया जा सकें और उसकी जान बचाई जा सके. इधर दिन-प्रतिदिन कोडरमा घाटी में हो रहे सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने घाटी में कई जगह ब्लैक- स्पॉट चिन्हित किया हैं. साथ ही घाटी में जगह-जगह वाहन चालकों के लिए सुरक्षा मानकों के साथ वाहन चलाने के निर्देश के बोर्ड लगाए गए हैं. उसके बावजूद भी कोडरमा घाटी में सड़क दुर्घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. वहीं कोडरमा घाटी में सड़क दुर्घटना में घायलों को तुरंत राहत पहुंचाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने घाटी में एक ट्रामा सेंटर खोले जाने की फाइल राज्य सरकार को भेजी है. जैसे ही राज्य सरकार से जिला प्रशासन को घाटी में ट्रामा सेंटर खोले जाने की अनुमति मिल जाती है, वैसे ही मेघातरी या दिबोर में ट्रामा सेंटर की स्थापना कर दी जाएगी.

बिहार-झारखंड की लाइफ लाइन: कोडरमा घाटी बिहार-झारखंड की लाइफ लाइन मानी जाती है. इस घाटी से हजारों वाहन बिहार और झारखंड में प्रवेश करते हैं. ऐसे में अक्सर बड़े वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने से कोडरमा घाटी में घंटों जाम लगी रहती हैं. जंगलों से घिरे होने के कारण अगर घाटी में जाम लग गया तो बिहार-झारखंड जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं. यात्रियों को घाटी में न पीने का पाने मिल पाता हैं और न कुछ खाने का समान मिल पाता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.