नवादा: आरएलएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा 'समझो, समझाओ, देश बचाओ' जागरूकता यात्रा के तहत सोमवार को नवादा पहुंचे. जहां उन्होंने सीएए और एनआरसी को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने साफ कहा कि इससे सिर्फ मुसलमान भाइयों को ही नहीं, देश के गरीब-वंचितों का भी नुकसान होगा.
नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा अपने समझो समझो देश बचाओ जागरूकता यात्रा के तहत सोमवार को नवादा जिले के प्रजातंत्र चौक पर पहुंचे. इस दौरान मंच पर उनके साथ रालोसपा के वरिष्ठ नेता फजल इमाम और भूदेव चौधरी समेत जिले के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे. कुशवाहा ने सबसे पहले बाबा साहब अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और फिर सभा स्थल पर पहुंचकर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस बात पर हम सब बहस में उलझ गए हैं इस बात की जरूरत नहीं थी.
'इन मुद्दों से भटकाया गया'
कुशवाहा ने कहा कि विमर्श इस बात पर होना चाहिए था कि नौजवानों को रोजगार कैसे मिले, किसान भाइयों को आमदनी कैसे दुगुनी हो और अस्पताल में लोगों अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं कैसे मिले. लेकिन अब हम लोग इस बात पर बहस करने को विवश हैं कि हम हिंदुस्तान के नागरिक हैं भी की नहीं.
बीजेपी-जेडीयू को दी चुनौती
अपने संबोधन के दौरान कुशवाहा ने बीजेपी और जेडीयू को चुनौती देते हुए कहा कि वो हमसे सीएए और एनआरसी को लेकर खुले मंच पर आकर बहस करे. अगर मैं तथ्यों के आधार पर गलत साबित हो जाता हूं, तो मैं उनके साथ झंडा उठाकर चलने को तैयार हूं.
देश के नौजवानों की हक मारने नहीं देंगे- कुशवाहा
साथ हीं कुशवाहा ने यह भी कहा कि नागरिकता कानून के तहत अब लाखों शरणार्थी एक साथ अपने देश में आएंगे. इन्हें न सिर्फ रहने के लिए जगह दी जाएगी बल्कि सरकार उन्हें और उनके बच्चे को रोजगार भी मुहैया कराएगी. ऐसे में हमारे देश के नौजवानों का हक मारा जाएगा. यहां के नौजवानों को नौकरी कम मिलेगी. इसलिए हम ऐसा नहीं होने देंगे. हम अपने नौजवानों के हक को मारने नहीं देंगे इसलिए इसका विरोध करते हैं.
एक ही है एनआरसी और एनपीआर- कुशवाहा
कुशवाहा ने कहा कि एनआरसी और एनपीआर दोनों एक ही हैं. देश की सरकार लोगों को गुमराह कर ही है. वो कह जरूर रही है कि एनआरसी और एनपीआर अलग-अलग है. लेकिन सदन में यही सरकार एनआरसी और एनपीआर को एक मानती आई है. सरकार की वेबसाइट पर जाकर इस बात की पुष्टि की जा सकती है.