नवादा: 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में बिहार की धरती पर अंग्रेजों को पानी पिलाने वाले नवादा के योद्धा जवाहर रजवार, ऐतवा रजवार और कारू रजवार को राजकीय सम्मान दिलाने के लिए आज स्थानीय नगर भवन में एक दिवसीय रजवार महासम्मेलन का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश महासचिव भाई विनोद यादव ने किया. इस सम्मेलन में जिले के हर एक कोने से हजारों लोग शामिल हुए. संचालन का दायित्व मुकेश राजवंशी ने निभाया.
देश के लिए बलिदान तक देते हैं रजवार सामाज: मंच की अध्यक्षता करते हुए इंद्रदेव राम ने कहा कि रजवार समाज को अपने पूर्वजों की शौर्यगाथा सुनाकर प्रेरित करें. ताकि हम अपने हक की लड़ाई को आगे बढ़ा सकें. उन्होंने कहा कि रजवार सामाज ने विडंबनाओं का अपमान झेलते हुए भी देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है. इस दौरान रजवार जाति के योद्धाओं की कुर्बानियों को भी याद किया गया.
जातीय विकास राजनीति से ही खुल सकता: उन्होंने कहा कि जातीय विकास का द्वार राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं से ही खुल सकता है. इसके लिए बाबा साहब का मन्त्र ही काफी है शिक्षित बनों, संगठित बनों और संघर्ष करो. अबतक यह समाज काफी उपेक्षित रहा है, जिसकी मुक्ति का रास्ता आज के इस महासम्मेलन से खुल सकता है. उन्होंने स्प्ष्ट संकेत दिया कि अबतक नवादा का नेतृत्व बाहरी लोगों के हाथ में रहा है. जो साइबेरियन पंक्षी की तरह मौसमी प्रवास के लिए आते हैं. उनको हमारे सुख-दुःख से कोई वास्ता नहीं होता.
बाबा साहेब के आदर्शो को आत्मसात करना: पुष्पा राजवंशी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राजवंशी समाज का इतिहास काफी गौरवपूर्ण और सम्मानजनक रहा है किन्तु राजनीतिक रूप से पंगु और निष्क्रिय बनाकर काफी क्षति पहुंचाई गई है. उन्होंने बाबा साहेब के आदर्शों को आत्मसात करने का आह्वान करते हुए कहा कि राजनितिक रूप से सबल समाज ही विकास की दौड़ में आगे बढ़ सकता है. इस दौरान मंच पर मुखिया भोला राजवंशी, विकास राजवंशी, वीरेंद्र राजवंशी, रेनू देवी, सुरेन्द्र रजवार, उमेश राजवंशी आदि शामिल रहे.
"हमे अपने चट्टानी एकता और जुझारू व्यक्तित्व के साथ आगे बढ़ना होगा. हमारी संख्या इतनी है कि रजवार विरोधी सरकार के किले हिला सकते हैं." - कुणाल राजवंशी, रजवार समाज के युवा नेता.
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