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सावधान! कहीं मिलावटी मिठाई तो नहीं खरीद रहे हैं आप

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Published : Oct 24, 2019, 1:21 PM IST

त्यौहारों के मद्देनजर शहर के कई मिठाई दुकानों पर छापेमारी की जा रही है. अभी तक 17 सैंपल इकट्ठा कर जांच के लिए भेजा गया है. अगर खाद्य पदार्थों में मिलावट पायी गयी, तो दुकानदारों पर कार्रवाई की प्रक्रिया तेज कर दी जाएगी

मिठाई दुकानों पर छापेमारी

नवादा: शहर के की मिठाई दुकानों पर छापेमारी की गई. खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी मुकेश कुमार कश्यप ने करीब आधा दर्जन मिठाई दुकानों में खाद्य सामाग्रियों का जायजा लिया. इस दौरान दुकानों से खाद्य सामाग्रियों का नमूना लिया गया और इन नमूनों को जांच के लिए लैब भेजने की बात कही गयी.

पिछले दो वित्तीय वर्ष में 150 खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी के द्वारा लिए गए सैंपल में अभी तक 13 सैंपल को नेगेटिव पाया गया है. उसपर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अनुसार कार्रवाई भी की जा रही है. फिलहाल मिलावट की अंदेशा को देखते हुए शहर के कई दुकानों में छापेमारी की जा रही है जिसमें अभी तक 17 सैंपल इकट्ठा कर जांच के लिए भेजा गया है.

nawada
मिठाई के 17 सैंपल जांच के लिये भेजे गए

सैंपल नेगेटिव पाने पर होगी कार्रवाई
पिछले दो वित्तीय वर्ष यानी 2018-19 और 2019-20 में कुल 150 सैम्पल लिए गए थे जिनमें कुल 13 शिकायतों में से 10 की सुनवाई अपर समाहर्ता के न्यायालय में और 4 का विचार सिविल कोर्ट में किया जा रहा है. मिलावटखोरी करने पर खाद सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत सजा का प्रावधान है. घटिया मिलावट सामग्री बिक्री करने पर 5 लाख जुर्माना, मिस ब्रैंडिंग में 3 लाख जुर्माना, अगर मिलावटी समान के खाने से मौत हो जाती है तो उम्रकैद व 10 लाख रुपए तक की जुर्माना भी हो सकती है.

रिपोर्ट देखिये

मिलावट वाली मिठाइयां खाने से आप हो सकते हैं बीमार
दुकानों में छापेमारी से दुकानदारों में हड़कंप मच गया. इस दौरान काजू बर्फी, पेड़ा, लड्डू आदि मिठाइयों के सैम्पल लिये. इन्हें जांच के लिए भेजा जा रहा है. अगर खाद्य पदार्थों में मिलावट पायी गयी, तो दुकानदारों पर कार्रवाई की प्रक्रिया तेज कर दी जाएगी. मिलावट वाली मिठाइयां खाने से कई तरह की बीमारियां हो सकती है. जैसे कि डायरिया, किडनी में इंफेक्शन आदि. क्योंकि मिलावटखोरों ने इस तरह की मिठाई किसी असली दूध, पनीर या मेवा से नहीं बल्कि नकली पनीर, दूध और मेवा से बनाई है.

नवादा: शहर के की मिठाई दुकानों पर छापेमारी की गई. खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी मुकेश कुमार कश्यप ने करीब आधा दर्जन मिठाई दुकानों में खाद्य सामाग्रियों का जायजा लिया. इस दौरान दुकानों से खाद्य सामाग्रियों का नमूना लिया गया और इन नमूनों को जांच के लिए लैब भेजने की बात कही गयी.

पिछले दो वित्तीय वर्ष में 150 खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी के द्वारा लिए गए सैंपल में अभी तक 13 सैंपल को नेगेटिव पाया गया है. उसपर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अनुसार कार्रवाई भी की जा रही है. फिलहाल मिलावट की अंदेशा को देखते हुए शहर के कई दुकानों में छापेमारी की जा रही है जिसमें अभी तक 17 सैंपल इकट्ठा कर जांच के लिए भेजा गया है.

nawada
मिठाई के 17 सैंपल जांच के लिये भेजे गए

सैंपल नेगेटिव पाने पर होगी कार्रवाई
पिछले दो वित्तीय वर्ष यानी 2018-19 और 2019-20 में कुल 150 सैम्पल लिए गए थे जिनमें कुल 13 शिकायतों में से 10 की सुनवाई अपर समाहर्ता के न्यायालय में और 4 का विचार सिविल कोर्ट में किया जा रहा है. मिलावटखोरी करने पर खाद सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत सजा का प्रावधान है. घटिया मिलावट सामग्री बिक्री करने पर 5 लाख जुर्माना, मिस ब्रैंडिंग में 3 लाख जुर्माना, अगर मिलावटी समान के खाने से मौत हो जाती है तो उम्रकैद व 10 लाख रुपए तक की जुर्माना भी हो सकती है.

रिपोर्ट देखिये

मिलावट वाली मिठाइयां खाने से आप हो सकते हैं बीमार
दुकानों में छापेमारी से दुकानदारों में हड़कंप मच गया. इस दौरान काजू बर्फी, पेड़ा, लड्डू आदि मिठाइयों के सैम्पल लिये. इन्हें जांच के लिए भेजा जा रहा है. अगर खाद्य पदार्थों में मिलावट पायी गयी, तो दुकानदारों पर कार्रवाई की प्रक्रिया तेज कर दी जाएगी. मिलावट वाली मिठाइयां खाने से कई तरह की बीमारियां हो सकती है. जैसे कि डायरिया, किडनी में इंफेक्शन आदि. क्योंकि मिलावटखोरों ने इस तरह की मिठाई किसी असली दूध, पनीर या मेवा से नहीं बल्कि नकली पनीर, दूध और मेवा से बनाई है.

Intro:नवादा। दीवाली पर जिले में मिलावटी मिठाइयों का कारोबार आपके सेहत के खतरा बन सकता है। सिर्फ इन रंग-बिरंगी मिठाइयों को जी भरकर देखिए पर हां, लचाईएगा मत क्योंकि यह चमचमाती मिठाईयां आपको बीमार बना सकती है। ज़रा सी असावधानी आपको अस्पताल भी पहुंचा सकती है। और इससे आप कई तरह के बीमारियों के चपेट में आ सकते हैं जैसे, डायरिया, किडनी में इंफेक्शन आदि। क्योंकि मिलावटखोरों ने इस तरह की मिठाई किसी असली दूध, पनीर या मेवा से नहीं बल्कि नकली पनीर, दूध और मेवा से बनाई है।

बाइट- डॉ. उमेश चंद्रा, सदर अस्पताल नवादा





Body:ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पिछले दो वित्तीय वर्ष में 150 खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी के द्वारा लिए गए सेंपल में अभी तक 13 सेंपल को नेगेटिव पाया गया है और उसपे खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अनुसार कार्रवाई भी की जा रही है। और फिलहाल मिलावट की अंदेशा को देखते हुए शहर के कई दुकानों में छापेमारी की जा रही है जिसमें अभी तक 17 सेंपल इकट्ठा कर जांच के लिए ले जाया गया है अब उसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा लिए निगेटिव है पोजेटिव।

बाइट- मुकेश कुमार कश्यप, प्रभारी खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी

अगर आप खाद्य सुरक्षा पदाधिकारियों की कार्रवाई के रिजल्टों के भरोसे हैं तो चेत जाइए क्योंकि राज्य में विभाग खुद अधिकारियों व संसाधनों की कमी से जूझ रही है। राज्यभर में केवल 14 खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी के जिम्मे है 38 जिलों की खाद सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अनुसार निरीक्षण और कार्यवाही करने की जिम्मेवारी। गया में पदस्थापित खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी मुकेश कुमार कश्यप को नवादा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है जिससे आम जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा कर सके। ऐसे में आम लोगों की सुरक्षा की बातें करना बेईमानी होगी।

बाइट- मुकेश कुमार कश्यप, खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी

उम्रकैद और 10 लाख तक का जुर्माना भी हो सकती है

पिछले दो वित्तीय वर्षों में यानी 2018-19 और 2019-20 में कुल 150 सैम्पल लिए गए थे जिनमें कुल 13 शिकायतों में से 10 की सुनवाई अपर समाहर्ता के न्यायालय में और 4 का विचार सिविल कोर्ट में किया जा रहा है मिलावटखोरी करने पर है इस सजा का प्रावधान खाद सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के प्रावधानों के मुताबिक सजा का प्रावधान है जिसमें घटिया मिलावट सामग्री बिक्री करने पर 5 लाख जुर्माना, मिस ब्रैंडिंग में 3 लाख जुर्माना, अगर मिलावटी समान के खाने से मौत हो जाती है उम्रकैद व 10 लाख रुपए तक की जुर्माना भी हो सकती है।






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