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नवादाः लॉकडाउन में मटके की बिक्री पर लगा बट्टा, सरकार से लगाई मदद की गुहार

कुम्हारों ने बताया कि हमें गर्मी के सीजन का इंतजार रहता है. इस समय मटके खूब बिकते हैं, लेकिन लॉकडाउन में बिक्री ठप है. ऐसे में परिवार का पेट भरना इनके लिए बड़ी चुनौती है.

नवादा
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Published : Apr 27, 2020, 10:33 AM IST

Updated : Apr 27, 2020, 1:48 PM IST

नवादा: कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से कुम्हारों की हालत बिगड़ गई है. उनके लिए अब परिवार चलाना भी मुश्किल हो रहा है. पहले अप्रैल महीने में मटकों की अच्छी-खासी बिक्री हो जाती थी, जो इस बार नहीं हो सकी.

इस सीजन में होती थी बिक्री, लेकिन...
जिले के सद्भावना चौक के पास सड़क किनारे मिट्टी के मटके बनाकर जीवनयापन करने वाले कुम्हार दुर्गी पंडित ने बताया कि इस सीजन में मटके की बिक्री सबसे ज्यादा होती थी. लेकिन लॉकडाउन की वजह से इस बार धंधा नहीं हो पा रहा है. उन्होंने बतााया कि अब तो खाना भी मुश्किल हो गया है. किसी तरह नमक-रोटी से परिवार का पेट भर रहे हैं.

पेश है एक रिपोर्ट

नहीं होती है बोहनी
कुम्हार का ही काम करने वाली मुन्नी देवी ने कहा कि लॉकडाउन के कारण बोहनी भी नहीं हो रही है. ऐसी स्थिति में हम कहां जाएंगे. दो पैसे के इंतजार में यहीं झोपड़ी में बैठे रहते हैं.

नवादा
ग्राहक के इंतजार में महिला कुम्हार

मटके की बिक्री पर बट्टा
गर्मी के सीजन में कई लोग सत्तू, शरबत या अन्य पेय पदार्थों की दुकानें लगाते हैं. इन धंधों में मटकों का इस्तेमाल होता है. लेकिन फिलहाल इस तरह के धंधे भी ठप पड़े हैं, तो इसका असर मटके की बिक्री पर भी पड़ा है.

नवादा
ईटीवी भारत की अपनी समस्या बताते कुम्हार दुर्गी पंडित

सरकार से गुहार
ऐसे में कुम्हारों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. ताकि संकट के समय में उनके परिवारों का भी भरण-पोषण हो सके.

नवादा: कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से कुम्हारों की हालत बिगड़ गई है. उनके लिए अब परिवार चलाना भी मुश्किल हो रहा है. पहले अप्रैल महीने में मटकों की अच्छी-खासी बिक्री हो जाती थी, जो इस बार नहीं हो सकी.

इस सीजन में होती थी बिक्री, लेकिन...
जिले के सद्भावना चौक के पास सड़क किनारे मिट्टी के मटके बनाकर जीवनयापन करने वाले कुम्हार दुर्गी पंडित ने बताया कि इस सीजन में मटके की बिक्री सबसे ज्यादा होती थी. लेकिन लॉकडाउन की वजह से इस बार धंधा नहीं हो पा रहा है. उन्होंने बतााया कि अब तो खाना भी मुश्किल हो गया है. किसी तरह नमक-रोटी से परिवार का पेट भर रहे हैं.

पेश है एक रिपोर्ट

नहीं होती है बोहनी
कुम्हार का ही काम करने वाली मुन्नी देवी ने कहा कि लॉकडाउन के कारण बोहनी भी नहीं हो रही है. ऐसी स्थिति में हम कहां जाएंगे. दो पैसे के इंतजार में यहीं झोपड़ी में बैठे रहते हैं.

नवादा
ग्राहक के इंतजार में महिला कुम्हार

मटके की बिक्री पर बट्टा
गर्मी के सीजन में कई लोग सत्तू, शरबत या अन्य पेय पदार्थों की दुकानें लगाते हैं. इन धंधों में मटकों का इस्तेमाल होता है. लेकिन फिलहाल इस तरह के धंधे भी ठप पड़े हैं, तो इसका असर मटके की बिक्री पर भी पड़ा है.

नवादा
ईटीवी भारत की अपनी समस्या बताते कुम्हार दुर्गी पंडित

सरकार से गुहार
ऐसे में कुम्हारों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. ताकि संकट के समय में उनके परिवारों का भी भरण-पोषण हो सके.

Last Updated : Apr 27, 2020, 1:48 PM IST
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