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अस्पताल 'बीमार'... मरीज लाचार! 102 पर फोन नहीं लगा, मरीज को ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचे परिजन

Nawada News बिहार के नवादा में स्वास्थ्य व्यवस्था (Health Depaertment Of Navada) की पोल खुल गई है. जहां एंबुलेंस नहीं मिलने पर मरीज को ठेले पर इलाज कराने के लिए लाया गया है. परिजन ने 102 पर एंबुलेंस वाले को कई बार फोन किया गया (calling 102 many times ambulance not found), लेकिन व्यस्त बताता रहा. ऐसे में परिजन अपने मरीज को ठेले पर लिटाकर अस्पताल पहुंचे. पढ़ें पूरी खबर.

एंबुलेंस नहीं मिली तो ठेला पर मरीज को लेकर अस्पताल लेकर पहुंचे परिजन
एंबुलेंस नहीं मिली तो ठेला पर मरीज को लेकर अस्पताल लेकर पहुंचे परिजन
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Published : Nov 25, 2022, 1:56 PM IST

नवादाः बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के दावे तो बहुत किए जा रहे हैं, लेकिन आए दिन सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुलती नज़र आ रही है. मामला बिहार के नवादा जिला का है. यहां मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई हैं. शुक्रवार को सदर अस्पताल (Sadar Hospital Nawada) में एक मरीज को ठेले पर लिटाकर इलाज के लिए लाया (Patient on handcart in Nawada) गया. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की सुविधाओं पर सवाल उठने लगे है.

यह भी पढ़ेंः लावारिस मरीज की सहरसा सदर अस्पताल में मौत, 24 घंटे से हॉस्पिटल में पड़ा है शव, बदबू से लोग परेशान

बिना देखे कर दिया रेफरः दरअसल, मामला नवादा के गढ़ पर का है, जहां शिव शंकर प्रसाद का पुत्र प्रिंस कुमार के अचानक से तबियत बिगड़ गई. परिजनों ने कई बार एंबुलेंस वाले को कॉल किया लेकिन फोन नहीं उठाने पर आनन-फानन में परिजनों ने मरीज को अपने ठेले पर लेकर नवादा सदर अस्पताल पहुंच गए. लेकिन डॉक्टर ने मरीज को बिना देखे रेफर कर दिया. जिसके बाद परिजन ने मरीज को दोबारा अस्पताल लेकर पहुंचे और डॉक्टर से इलाज करने की बात कही तब जाकर इलाज शुरू किया गया.

हमेशा सुर्खियों में रहा नवादा सदर अस्पतालः बता दें कि नवादा सदर अस्पताल हमेशा सुर्खियों में रहता है. इसके पूर्व सदर अस्पताल में डॉक्टर सोते नजर आ रहे थे. वही उनके चेले पर्चे पर मरीजों का दवाई लिखते और सिक्योरिटी गार्ड मरीजों का ब्लड प्रेशर जांच करते दिखाई दिए थे. वहीं ताजा मामला शुक्रवार का जहां एंबुलेंस नहीं मिलने पर मरीज को ठेले पर लेकर इलाज कराने सदर अस्पताल लाया गया. इसके बाद नवादा सदल अस्पताल की सुविधाओं पर सवाल उठने लगा है.

"कई दिनों से बीमार था. दवा चल रही थी लेकिन अचानक तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद एंबुलेंस वाले को फोन किया गया लेकिन व्यस्त बता रहा था. आनन-फानन में ठेला पर ही लेकर अस्पताल आना पड़ा. जहां इलाज किया जा रहा है." -मरीज के परिजन

नवादाः बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के दावे तो बहुत किए जा रहे हैं, लेकिन आए दिन सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुलती नज़र आ रही है. मामला बिहार के नवादा जिला का है. यहां मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई हैं. शुक्रवार को सदर अस्पताल (Sadar Hospital Nawada) में एक मरीज को ठेले पर लिटाकर इलाज के लिए लाया (Patient on handcart in Nawada) गया. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की सुविधाओं पर सवाल उठने लगे है.

यह भी पढ़ेंः लावारिस मरीज की सहरसा सदर अस्पताल में मौत, 24 घंटे से हॉस्पिटल में पड़ा है शव, बदबू से लोग परेशान

बिना देखे कर दिया रेफरः दरअसल, मामला नवादा के गढ़ पर का है, जहां शिव शंकर प्रसाद का पुत्र प्रिंस कुमार के अचानक से तबियत बिगड़ गई. परिजनों ने कई बार एंबुलेंस वाले को कॉल किया लेकिन फोन नहीं उठाने पर आनन-फानन में परिजनों ने मरीज को अपने ठेले पर लेकर नवादा सदर अस्पताल पहुंच गए. लेकिन डॉक्टर ने मरीज को बिना देखे रेफर कर दिया. जिसके बाद परिजन ने मरीज को दोबारा अस्पताल लेकर पहुंचे और डॉक्टर से इलाज करने की बात कही तब जाकर इलाज शुरू किया गया.

हमेशा सुर्खियों में रहा नवादा सदर अस्पतालः बता दें कि नवादा सदर अस्पताल हमेशा सुर्खियों में रहता है. इसके पूर्व सदर अस्पताल में डॉक्टर सोते नजर आ रहे थे. वही उनके चेले पर्चे पर मरीजों का दवाई लिखते और सिक्योरिटी गार्ड मरीजों का ब्लड प्रेशर जांच करते दिखाई दिए थे. वहीं ताजा मामला शुक्रवार का जहां एंबुलेंस नहीं मिलने पर मरीज को ठेले पर लेकर इलाज कराने सदर अस्पताल लाया गया. इसके बाद नवादा सदल अस्पताल की सुविधाओं पर सवाल उठने लगा है.

"कई दिनों से बीमार था. दवा चल रही थी लेकिन अचानक तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद एंबुलेंस वाले को फोन किया गया लेकिन व्यस्त बता रहा था. आनन-फानन में ठेला पर ही लेकर अस्पताल आना पड़ा. जहां इलाज किया जा रहा है." -मरीज के परिजन

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