नवादा: नवादा शहर के लोग पिछले चार दशक से सरकार से एक पार्क की आस लगाए बैठे हैं. शहर में पार्क नहीं रहने के कारण शहरवासी मॉर्निंग वॉक से वंचित रह जाते हैं. सरकार से उम्मीद लगाए लोगों का कहना है कि एक पार्क होने से हमें मॉर्निंग वॉक करने में मदद होगी.
4 दशक बाद भी नहीं बन सका पार्क
नवादा जिले की स्थापना 26 जनवरी 1973 में हुआ. स्थापना के बाद भी नवादावासियों के दिन नहीं बहुर पाए. शहर में बच्चों के खेलकूद, मनोरंजन, बुजुर्गों के लिए मॉनिंग वॉक से लेकर युवाओं को फिटनेस के लिए पार्क की जरूरत है. लेकिन विडम्बना है कि शहर को एक अच्छा पार्क तक नसीब नहीं हो सका है.
सड़क और छत पर करते हैं मॉर्निंग वॉक
पार्क के अभाव में शहरवासी घर के छत पर या फिर सड़क पर ही मॉर्निंग वॉक करने को मजबूर हैं. हालांकि शहर में सुबह-सुबह सड़क पर मॉर्निंग वॉक करते हैं. जो किसी खतरे से कम नहीं है. सीएम नीतीश कुमार ने भी शहर में पार्क बनाने की घोषणा की थी. पहले कार्यकाल में मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना के तहत पार्क निर्माण की बात कही थी. कई शहरों में इस योजना के तहत पार्क का निर्माण भी हुआ. लेकिन नवादा इससे अभी तक अछूता है. पार्क निर्माण चुनावी मुद्दा बनता है. लेकिन चुनाव खत्म होते ही मुद्दा 'जुमला' साबित हो जाता है. शहर में पार्क नहीं रहने से बुढ़े, बुजुर्ग और महिलाएं काफी नाराज हैं. लोगों का कहना है कि शहर में जमीन रहने के बाद भी एक पार्क नहीं बन पाया है.
नदी के दोनों तरफ पार्क बनाने की योजना
नगर परिषद कार्यपालक अभियंता देवेंद्र सुमन ने बताया कि शहर में घनी आबादी है. शहर में जगह की कमी है. शहर के किनारे खुरी नदी बहती है. इसके दोनों तरफ पार्क बनाने का प्रस्ताव सशक्त कार्य समिति की ओर से की गई है.