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सीएम नीतीश की घोषणा भी नहीं आया काम, पार्क के लिए तरस रहे नवादा के लोग - शहरी विकास योजना

CM नीतीश कुमार ने 2009 में ही शहरी विकास योजना के तहत पार्क निर्माण की घोषणा की थी. लेकिन नवादा शहर के लोगों की पार्क की मांग अबतक पूरी नहीं हुई है.

नवादा शहर
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Published : Jul 10, 2019, 2:47 PM IST

नवादा: नवादा शहर के लोग पिछले चार दशक से सरकार से एक पार्क की आस लगाए बैठे हैं. शहर में पार्क नहीं रहने के कारण शहरवासी मॉर्निंग वॉक से वंचित रह जाते हैं. सरकार से उम्मीद लगाए लोगों का कहना है कि एक पार्क होने से हमें मॉर्निंग वॉक करने में मदद होगी.

नवादा में पार्क नहीं बनने से नाराज शहरवासी

4 दशक बाद भी नहीं बन सका पार्क
नवादा जिले की स्थापना 26 जनवरी 1973 में हुआ. स्थापना के बाद भी नवादावासियों के दिन नहीं बहुर पाए. शहर में बच्चों के खेलकूद, मनोरंजन, बुजुर्गों के लिए मॉनिंग वॉक से लेकर युवाओं को फिटनेस के लिए पार्क की जरूरत है. लेकिन विडम्बना है कि शहर को एक अच्छा पार्क तक नसीब नहीं हो सका है.

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नवादा शहर

सड़क और छत पर करते हैं मॉर्निंग वॉक
पार्क के अभाव में शहरवासी घर के छत पर या फिर सड़क पर ही मॉर्निंग वॉक करने को मजबूर हैं. हालांकि शहर में सुबह-सुबह सड़क पर मॉर्निंग वॉक करते हैं. जो किसी खतरे से कम नहीं है. सीएम नीतीश कुमार ने भी शहर में पार्क बनाने की घोषणा की थी. पहले कार्यकाल में मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना के तहत पार्क निर्माण की बात कही थी. कई शहरों में इस योजना के तहत पार्क का निर्माण भी हुआ. लेकिन नवादा इससे अभी तक अछूता है. पार्क निर्माण चुनावी मुद्दा बनता है. लेकिन चुनाव खत्म होते ही मुद्दा 'जुमला' साबित हो जाता है. शहर में पार्क नहीं रहने से बुढ़े, बुजुर्ग और महिलाएं काफी नाराज हैं. लोगों का कहना है कि शहर में जमीन रहने के बाद भी एक पार्क नहीं बन पाया है.

nawada
सरकार से पार्क की आस लगाए बुजुर्ग

नदी के दोनों तरफ पार्क बनाने की योजना
नगर परिषद कार्यपालक अभियंता देवेंद्र सुमन ने बताया कि शहर में घनी आबादी है. शहर में जगह की कमी है. शहर के किनारे खुरी नदी बहती है. इसके दोनों तरफ पार्क बनाने का प्रस्ताव सशक्त कार्य समिति की ओर से की गई है.

नवादा: नवादा शहर के लोग पिछले चार दशक से सरकार से एक पार्क की आस लगाए बैठे हैं. शहर में पार्क नहीं रहने के कारण शहरवासी मॉर्निंग वॉक से वंचित रह जाते हैं. सरकार से उम्मीद लगाए लोगों का कहना है कि एक पार्क होने से हमें मॉर्निंग वॉक करने में मदद होगी.

नवादा में पार्क नहीं बनने से नाराज शहरवासी

4 दशक बाद भी नहीं बन सका पार्क
नवादा जिले की स्थापना 26 जनवरी 1973 में हुआ. स्थापना के बाद भी नवादावासियों के दिन नहीं बहुर पाए. शहर में बच्चों के खेलकूद, मनोरंजन, बुजुर्गों के लिए मॉनिंग वॉक से लेकर युवाओं को फिटनेस के लिए पार्क की जरूरत है. लेकिन विडम्बना है कि शहर को एक अच्छा पार्क तक नसीब नहीं हो सका है.

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नवादा शहर

सड़क और छत पर करते हैं मॉर्निंग वॉक
पार्क के अभाव में शहरवासी घर के छत पर या फिर सड़क पर ही मॉर्निंग वॉक करने को मजबूर हैं. हालांकि शहर में सुबह-सुबह सड़क पर मॉर्निंग वॉक करते हैं. जो किसी खतरे से कम नहीं है. सीएम नीतीश कुमार ने भी शहर में पार्क बनाने की घोषणा की थी. पहले कार्यकाल में मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना के तहत पार्क निर्माण की बात कही थी. कई शहरों में इस योजना के तहत पार्क का निर्माण भी हुआ. लेकिन नवादा इससे अभी तक अछूता है. पार्क निर्माण चुनावी मुद्दा बनता है. लेकिन चुनाव खत्म होते ही मुद्दा 'जुमला' साबित हो जाता है. शहर में पार्क नहीं रहने से बुढ़े, बुजुर्ग और महिलाएं काफी नाराज हैं. लोगों का कहना है कि शहर में जमीन रहने के बाद भी एक पार्क नहीं बन पाया है.

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सरकार से पार्क की आस लगाए बुजुर्ग

नदी के दोनों तरफ पार्क बनाने की योजना
नगर परिषद कार्यपालक अभियंता देवेंद्र सुमन ने बताया कि शहर में घनी आबादी है. शहर में जगह की कमी है. शहर के किनारे खुरी नदी बहती है. इसके दोनों तरफ पार्क बनाने का प्रस्ताव सशक्त कार्य समिति की ओर से की गई है.

Intro:नवादा। आज के भागमभाग भरी जिंदगी में आराम और सुकून लोगों से दूर हो चला है फिर अगर नवादा शहरवासियों थोड़ी देर के लिए आराम और सुकून की चाह करे तो वो भी उनके नसीब में नहीं है क्योंकि, जिले की स्थापना को हुए चार दशक बाद भी उन्हें एक अच्छे पार्क तक नसीब नहीं हुआ है।

बाइट-सुखदेव सिंह, शहरवासी
बाइट-आनंदी सिंह, शहरवासी
बाइट-संध्या भारती, शहरवासी
बाइट- देवेंद्र सुमन, कार्यपालक अभियंता, नगर परिषद



Body:स्थापना के 4 दशक बाद भी नहीं बन सका पार्क

जिले की स्थापना 26 जनवरी 1973 में हुई थी। इसे गया से अलग कर बनाया गया था। स्थापना के बाद नवादावासियों को लगा की अब हमारे भी दिन बहुरेंगे। अपने शहर में ही सारे सुविधा मिल जाएगा लेकिन विडम्बना देखिए की आज उनके लिए आराम और सुकून से सांस लेने के लिए अच्छे पार्क तक नसीब नहीं हो सका है।

सड़क और छत पर मॉर्निंग वॉक कर चलाते हैं काम

पार्क के अभाव में शहरवासी या तो अपने घर के छत पर या फिर सड़क पर मॉर्निंग वॉक करने को मजबूर हैं। नवादा शहर में सुबह के समय सड़क पर मॉर्निंग वॉक करना किसी खतरे से कम नहीं है।


CM नीतीश कुमार ने 2009 में ही की सूबे की हर शहर में पार्क बनवाने की घोषणा

सीएम नीतीश कुमार ने अपने पहले ही कार्यकाल में मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना के तहत छोटे-छोटे शहर में पार्क तालाब और झील का निर्माण करने की बात कही थी। जिसके तहत कई शहरों में पार्क का निर्माण भी हुआ पर नवादा अभी तक ऐसा हो न सका है।

कई बार चुनावी मुद्दे भी बने, फिर भी नहीं बनी पार्क

शहर में एक बेहतरीन पार्क हो इसकी मांग आज से नहीं हो रही है। कई वर्षों से तो ये चुनावी मुद्दे बने हुए हैं। हालहि में संपन्न हुए विधानसभा उपचुनाव में भी हर उम्मीदवार ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया था लेकिन अभी तक यह मुद्दे जुमले ही साबित हुए हैं।

क्या कहते हैं शहरवासी


शहरवासी सुखदेव सिंह का कहना है शहर में एक पार्क होना जरूरी है। लेकिन अभी तक नहीं बन पाया है जबकि ज़मीन भी है। सरकार ने सूबे के सभी जिले में पार्क बनाने की बात कही थी जिसके बावजूद नहीं बन पाया जोकि दुःखद है...दुखद...। वहीं, आनंदी सिंह का कहना है कि पार्क नहीं होने से टहलने में दिक्कत होती। आज कोई भी प्रशासन इसपे ध्यान नहीं दिया है। उनको चाहिए कि इसका जल्द से निर्माण हो। वहीं, महिला संध्या भारती कहती है पार्क नहीं होने से बच्चों को काफी दिक्कतें होती है। बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलना भी जरूरी है इसलिए यहां पार्क होना बहुत आवश्यक है।


क्या कहते हैं अधिकारी

नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता देवेंद्र सुमन का कहना है यह शहर घना बसा है इस तरह की कोई जगह पहले से छोड़ी नहीं गई है जिसे पास है उसमें स्कूल और कॉलेज हैं लेकिन उसमें सार्वजनिक कार्य नहीं कर सकते। फिलहाल हमलोगों ने शहर के किनारे खुरी नदी बहती है उसी के दोनों तरफ पार्क बनाने की प्रस्ताव हमलोगों अपने सशक्त कार्य समिति की ओर से कर दी है।


















Conclusion:शहरवासियों को पार्क की सुविधा मिलेगी यह एक बहुत आवश्यक और आम लोगों एवं उनके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है अब देखनेवाली बात होगी कि इस ओर प्रशासन की ध्यान कब तक जाती है।
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