नवादा: सांसद चंदन सिंह ने सोमवार को जिले सदर अस्पताल परिसर में ब्लड बैंक के लिए नए भवन का शिलान्यास किया है. इसके बन जाने से जो ब्लड बैंक सरकारी मानकों पर खड़ी नहीं उतर पा रही थी और उनके ऊपर लाइसेंस रिन्यू करवाने में दिक्कतें हो रही थी, वो समस्याएं दूर हो जाएंगी.
नये भवन निर्माण का शिलान्यास
इससे स्वास्थ्यकर्मियों के अलावे डोनरों को भी पहले की अपेक्षा काफी सुविधाएं मिलेंगी. इस अवसर पर सांसद ने बताया कि ब्लड बैंक के लिए नये भवन निर्माण का शिलान्यास किया गया है. इसके बन जाने से स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ नवादवासियों को काफी लाभ मिलेगा. इस मौके पर सिविल सर्जन विमल प्रसाद सिंह सहित स्वास्थ्य विभाग के कई वरीय पदाधिकारी मौजूद रहे.
लाइसेंस रिन्यू में समस्याएं
बता दें जिले के सदर अस्पताल परिसर में स्थित ब्लड बैंक सरकारी मानकों पर खड़ा नहीं उतरा था. जिसके कारण इसके लाइसेंस रिन्यू में भी समस्याएं हो रही थी. सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने भी अपनी रिपोर्ट में बिहार के कई ब्लड बैंकों के भवन की स्थिति अच्छी नहीं होने का जिक्र किया है. जिसमें नवादा का ब्लड बैंक भी शामिल है.
आवश्यक क्षेत्रफल 1074 वर्ग फीट
ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1945 में निर्धारित मापदंडों के अनुरूप अगर जिले के ब्लड बैंक को देखें तो, वर्तमान में यह 100 वर्ग मीटर जगह की आवश्यकता पूरी नहीं करती है. इसके लिए आवश्यक क्षेत्रफल 1074 वर्ग फीट और ब्लड यूनिट के लिए 1500 वर्ग फिट होनी चाहिए.
ब्लड बैंक का निरीक्षण
बता दें 2019 के अगस्त महीने में सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन, ईस्ट जोन से प्रतिनियुक्ति टीम ने ब्लड बैंक का निरीक्षण किया था. जिसकी रिपोर्ट बिहार राज्य औषधि नियंत्रण को सौंपी गई थी. जिसके आलोक में नियंत्रण विभाग ने पत्र जारी कर मानकों की अनदेखी करने पर सिविल सर्जन से स्पष्टीकरण मांगा था.
7 कमरे की जरूरत
सरकारी ब्लड बैंक के लिए 7 कमरे की जरूरत होती है. जिसमें ब्लड डोनर के रजिस्ट्रेशन और चिकित्सीय परीक्षण, ब्लड कलेक्शन, ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन, लैबोरेट्रीज, वॉशिंग, रिफ्रेशमेंट, रूम रिकॉर्ड और स्टोर रूम की जरूरत पड़ती है. हालांकि, मौजूदा ब्लड बैंक भवन में कुछ कमरे हैं. लेकिन स्थिति कुछ खास नहीं है.