नवादा: बिहार के नवादा (Nawada) जिले के हिसुआ डीह के वार्ड नंबर 17 में अवैध रूप से चलाए जा रहे चांदनी नर्सिंग होम को स्थानीय प्रशासन की मौजूदगी में सील किया गया. सिविल सर्जन के आदेश के बाद मेडिकल टीम ने यह कार्रवाई की.
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सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ बृज बिहारी सिंह ने कहा कि नर्सिंग होम का ताला तोड़कर अंदर जाकर निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान यह प्रतीत हुआ कि यहां फर्जी तरीके से गर्भपात और डिलीवरी कराया जाता था. नर्सिंग होम में अन्य किसी प्रकार का ऑपरेशन नहीं होता होगा. चिकित्सक द्वारा कागजात और मेडिकल उपकरण पीछे के दरवाजे से रात में निकाल लिया होगा.'
" नर्सिंग होम का बोर्ड हटा दिया गया है. नर्सिंग होम में दो दरवाजे थे. निरीक्षण के बाद दोनों दरवाजे को हिसुआ अंचलाधिकारी और थानाध्यक्ष तथा डॉ योगेंद्र प्रसाद, डॉ स्वीटी कुमारी व राजीव कुमार की मौजूदगी में सील किया गया."- डॉ बृज बिहारी सिंह, चिकित्सक, सदर अस्पताल
बता दें कि उक्त क्लीनिक में एक अप्रशिक्षित नर्स फूलन देवी और झोलाछाप डॉक्टर परमानंद शर्मा ने गर्भपात के लिए एक 5 माह की गर्भवती महिला को भर्ती किया था. गर्भपात के दौरान महिला की मौत हो गई थी, जिसको लेकर परिजनों ने हंगामा किया था. मौके पर हिसुआ थाना की पुलिस पहुंची थी. परिजनों ने पुलिस को दिए आवेदन में बताया था कि गर्भपात कराने के नाम पर नर्स ने 10 हजार रुपए लिए थे. गर्भवती को कई तरह के इंजेक्शन दिए गए थे, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई थी.
स्थिति को भांपते हुए डॉक्टर और नर्स ने महिला को एक ऑटो पर लादकर हटाने का प्रयास किया तभी महिला की मौत हो गयी. अकेली महिला को बिना परिजन बुलाए पैसे के लोभ में गर्भपात की तैयारी थी. गर्भपात हुआ भी नहीं. इंजेक्शन लगाते ही महिला की मौत हो गयी. जब परिजनों को सूचना मिली तो वे मौके पर पहुंचे. इससे पहले ही डॉक्टर क्लीनिक बंद कर फरार हो गया.
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