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नवादा : जर्जर भवन में चल रहा होमगार्ड कार्यालय, न पीने का पानी, न शौचालय की सुविधा

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Published : Feb 13, 2020, 10:39 AM IST

Updated : Feb 13, 2020, 11:01 AM IST

नवादा में होमगार्ड जवान को एक अपना भवन भी नसीब नहीं है. एक तरफ जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया, लेकिन यहां कार्यालय में न एक शौचालय है और न ही पीने का पानी है.

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नवादा: जिले में होमगार्ड जवान को अबतक अपना भवन नसीब नहीं हुआ है. वर्तमान में यह कार्यालय पुरानी जेल भवन शिफ्ट कर दिया गया है, जो काफी दयनीय स्थिति में है. बरसात में इस भवन का छत से पानी गिरता रहता है. फाइल रखने के लिए कोई रैक नहीं है. फर्श पर रखकर काम चलाना पड़ता है.

कार्यालय में नहीं है एक भी शौचालय
एक तरफ जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है, वहीं जिले के होमगार्ड कार्यालय में एक भी शौचालय नहीं है. इसके अलावा पीने के पानी की समुचित व्यवस्था तक नहीं है. इस वजह से यहां काम करनेवाले कर्मियों को काफी दिक्कतें होती है.

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कार्यालय भवन की स्थिति

अधिकारी व कर्मी की है कमी
होमगार्ड विभाग में अधिकारियों और कर्मियों की कमी है. जिले में होमगार्ड कार्यालय के लिए करीब 30 स्वीकृत पद हैं, लेकिन मात्र 5 कर्मियों से काम चलाया जा रहा है. होमगार्ड महासंघ के अध्यक्ष पारस कुमार का कहना है कि जिला समादेष्टा का पद सालभर से रिक्त पड़ा हुआ है. किसी बड़े अधिकारी के आने की खबर सुनते ही जिला समादेष्टा कार्यालय में पहुंच जाते हैं. बाकि दिन कार्यालय में समादेष्टा के न आने की वजह से कई काम समय पर नहीं हो पाते हैं. फिलहाल, नालंदा जिला के समादेष्टा जयंत प्रताप सिंह नवादा के प्रभार में हैं.

पेश है रिपोर्ट

नए कार्यालय निर्माण की प्रक्रिया धीमी
होमगार्ड विभाग के कार्यालय के लिए 1 एकड़ जमीन उपलब्ध करा दी गई है. वर्ष 2018 में ही जमीन आवंटित की गई. भवन निर्माण विभाग ने बकायदा नक्शा भी बना दिए हैं. लेकिन, अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है.

यह भी पढ़ें- सिलीगुड़ी कॉरिडोर या चिकन गलियारा का क्यों है महत्व, जानें

इनकी है कार्यालय में कमी
होमगार्ड कार्यालय में जिला समादेष्टा, निरीक्षक, कंपनी कमांडेंट जैसे अहम पदों पर नियुक्ति की सख्त जरूरत है. फिलहाल, एक हवलदार, सिपाही और 3 चतुर्थीय कर्मचारी कार्य कर रहे हैं.

नवादा: जिले में होमगार्ड जवान को अबतक अपना भवन नसीब नहीं हुआ है. वर्तमान में यह कार्यालय पुरानी जेल भवन शिफ्ट कर दिया गया है, जो काफी दयनीय स्थिति में है. बरसात में इस भवन का छत से पानी गिरता रहता है. फाइल रखने के लिए कोई रैक नहीं है. फर्श पर रखकर काम चलाना पड़ता है.

कार्यालय में नहीं है एक भी शौचालय
एक तरफ जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है, वहीं जिले के होमगार्ड कार्यालय में एक भी शौचालय नहीं है. इसके अलावा पीने के पानी की समुचित व्यवस्था तक नहीं है. इस वजह से यहां काम करनेवाले कर्मियों को काफी दिक्कतें होती है.

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कार्यालय भवन की स्थिति

अधिकारी व कर्मी की है कमी
होमगार्ड विभाग में अधिकारियों और कर्मियों की कमी है. जिले में होमगार्ड कार्यालय के लिए करीब 30 स्वीकृत पद हैं, लेकिन मात्र 5 कर्मियों से काम चलाया जा रहा है. होमगार्ड महासंघ के अध्यक्ष पारस कुमार का कहना है कि जिला समादेष्टा का पद सालभर से रिक्त पड़ा हुआ है. किसी बड़े अधिकारी के आने की खबर सुनते ही जिला समादेष्टा कार्यालय में पहुंच जाते हैं. बाकि दिन कार्यालय में समादेष्टा के न आने की वजह से कई काम समय पर नहीं हो पाते हैं. फिलहाल, नालंदा जिला के समादेष्टा जयंत प्रताप सिंह नवादा के प्रभार में हैं.

पेश है रिपोर्ट

नए कार्यालय निर्माण की प्रक्रिया धीमी
होमगार्ड विभाग के कार्यालय के लिए 1 एकड़ जमीन उपलब्ध करा दी गई है. वर्ष 2018 में ही जमीन आवंटित की गई. भवन निर्माण विभाग ने बकायदा नक्शा भी बना दिए हैं. लेकिन, अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है.

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इनकी है कार्यालय में कमी
होमगार्ड कार्यालय में जिला समादेष्टा, निरीक्षक, कंपनी कमांडेंट जैसे अहम पदों पर नियुक्ति की सख्त जरूरत है. फिलहाल, एक हवलदार, सिपाही और 3 चतुर्थीय कर्मचारी कार्य कर रहे हैं.

Last Updated : Feb 13, 2020, 11:01 AM IST
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