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लॉकडाउन की वजह से फूल की खेती करने वाले किसानों को भारी क्षति

किसान कुमार विनय कहते हैं कि लॉकडाउन की वजह सारा फसल बर्बाद हो गया है. इसी से परिवार चलता था. सब खत्म हो गया है. इस साल अभी तक बोहनी भी नहीं हुआ है.

फूल की खेती
फूल की खेती
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Published : May 5, 2020, 10:30 PM IST

नवादा : कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से फूल उत्पादन करने वाले किसानों को भारी क्षति हुई हैं. जहां पहले इन किसानों के चेहरे फूलों की तरह खिले हुए रहते थे. अब लॉकडाउन में मुरझाये-मुरझाये से रह रहे है.

दरअसल, जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर स्थित अतौआं गांव की जहां के दर्जनों किसान अपनी पारंपरिक खेती में अधिक नुकसान के कारण वृहत रूप से फूलों की खेती कर रहे हैं. लेकिन कोरोना के कहर ने इन्हें इस कदर झकझोर कर रख दिया है की इससे फिलहाल पार पाना भी मुश्किल दिख रहा है. किसान जबरदस्त आर्थिक संकटों से गुजर रहा है. लेकिन उन्हें इस परिस्थिति में कोई और दूसरा मार्ग भी नहीं दिखाई दे रहा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

लॉकडाउन की वजह सारा फसल हो गया बर्बाद
वैशाख के महीने में अमूमन इस समय शादी-विवाह की धूम मची रहती थी. लेकिन लॉकडाउन की वजह से ना शादी-विवाह हो रही है और ना ही मंदिर खुल रहे हैं. ऐसे में ना खरीददार मिल रहा है और ना ही फूल खरीदने वाले लोग. लॉकडाउन ने फूल की खेती करने वाले किसानों के लिए सारे रास्ते बंद कर दिए हैं. वहीं, किसान कुमार विनय कहते हैं कि लॉकडाउन की वजह सारा फसल बर्बाद हो गया है. इसी से परिवार चलता था. सब खत्म हो गया है. इस साल अभी तक बोहनी भी नहीं हुआ है. वहीं, किसान संतोष कुमार नुकसान के बाद से सरकार पर उम्मिन्दें लगाए बैठे हैं.

nawada
फूल की खेती

क्या कहते हैं अधिकारी
हालांकि अब शहर में कुछ फूलों की दुकाने खुलने लगी है. लेकिन शहर में लोगों का आवाजाही नहीं होने की वजह से किसान की स्थिती जस की तस बनी हुई है. ऐसे में किसानों ने सरकार और जिला प्रशासन से क्षतिपूर्ति की मांग की है. वहीं, जिला सहायक उद्यान पदाधिकारी शंभू शरण सिंह का कहना है, सारे प्रखंड उद्यान पदाधिकारी के द्वारा उन सभी स्थानों का जांच किए हैं, जो भी क्षतिपूर्ति होगी. वह दिया जाएगा साथ ही जो अगले साल फूल की खेती करेंगे, उन्हें अनुदान इस बार की योजना में जोड़ देंगे.

नवादा : कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से फूल उत्पादन करने वाले किसानों को भारी क्षति हुई हैं. जहां पहले इन किसानों के चेहरे फूलों की तरह खिले हुए रहते थे. अब लॉकडाउन में मुरझाये-मुरझाये से रह रहे है.

दरअसल, जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर स्थित अतौआं गांव की जहां के दर्जनों किसान अपनी पारंपरिक खेती में अधिक नुकसान के कारण वृहत रूप से फूलों की खेती कर रहे हैं. लेकिन कोरोना के कहर ने इन्हें इस कदर झकझोर कर रख दिया है की इससे फिलहाल पार पाना भी मुश्किल दिख रहा है. किसान जबरदस्त आर्थिक संकटों से गुजर रहा है. लेकिन उन्हें इस परिस्थिति में कोई और दूसरा मार्ग भी नहीं दिखाई दे रहा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

लॉकडाउन की वजह सारा फसल हो गया बर्बाद
वैशाख के महीने में अमूमन इस समय शादी-विवाह की धूम मची रहती थी. लेकिन लॉकडाउन की वजह से ना शादी-विवाह हो रही है और ना ही मंदिर खुल रहे हैं. ऐसे में ना खरीददार मिल रहा है और ना ही फूल खरीदने वाले लोग. लॉकडाउन ने फूल की खेती करने वाले किसानों के लिए सारे रास्ते बंद कर दिए हैं. वहीं, किसान कुमार विनय कहते हैं कि लॉकडाउन की वजह सारा फसल बर्बाद हो गया है. इसी से परिवार चलता था. सब खत्म हो गया है. इस साल अभी तक बोहनी भी नहीं हुआ है. वहीं, किसान संतोष कुमार नुकसान के बाद से सरकार पर उम्मिन्दें लगाए बैठे हैं.

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फूल की खेती

क्या कहते हैं अधिकारी
हालांकि अब शहर में कुछ फूलों की दुकाने खुलने लगी है. लेकिन शहर में लोगों का आवाजाही नहीं होने की वजह से किसान की स्थिती जस की तस बनी हुई है. ऐसे में किसानों ने सरकार और जिला प्रशासन से क्षतिपूर्ति की मांग की है. वहीं, जिला सहायक उद्यान पदाधिकारी शंभू शरण सिंह का कहना है, सारे प्रखंड उद्यान पदाधिकारी के द्वारा उन सभी स्थानों का जांच किए हैं, जो भी क्षतिपूर्ति होगी. वह दिया जाएगा साथ ही जो अगले साल फूल की खेती करेंगे, उन्हें अनुदान इस बार की योजना में जोड़ देंगे.

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