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नवादा: PM के RECP से समझौते पर किसान संगठनों ने निकाला विरोध मार्च - खिल भारतीय किसान संघर्ष

किसान नेता शिव सागर शर्मा ने कहा कि इस समझौते से किसानों का आर्थिक उत्पादन और बिक्री नष्ट हो जाएगा. साथ ही देश के 12 करोड़ किसान पुरी तरह तबाही के मंजर को झेलेंगे

निकाला प्रतिरोध मार्च
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Published : Nov 4, 2019, 6:25 PM IST

नवादा: जिले में अखिल भारतीय किसान समिति के बैनर तले किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से किए जा रहे आरईसीपी से समझौते के खिलाफ प्रतिरोध मार्च निकाला. इस प्रतिरोध मार्च में किसानों ने किसान हित के नारे लगाए और सरकार से सहयोग की मांग की.

'किसानों की हालत दयनीय'
किसान नेता शिव सागर शर्मा ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान के हित के लिए कोई कार्य नहीं कर रहे हैं. जिस कारण किसानों को अब कृषि कार्य में नुकसान हो रहा है. जिसकी भरपाई नहीं होने से किसानों की हालत दयनीय होती जा रही है. उन्होंने कहा कि बैंकॉक में बैठकर नरेन्द्र मोदी आरईसीपी से समझौता कर रहे हैं. इस समझौते से किसान को काफी नुकसान होगा.

nawada
किसानों का विरोध प्रदर्शन

'220 किसान संगठन कर रहे विरोध'
किसान नेता ने कहा कि इस समझौते से किसानों का आर्थिक उत्पादन और विक्री नष्ट हो जाएगी. साथ ही देश के 12 करोड़ किसान पूरी तरह तबाही के मंजर को झेलेंगे. वहीं, समझौते को रोकने के लिए देश में 220 किसान संगठनों ने विरोध किया है.

किसान संगठनों ने निकाला विरोध मार्च

'सरकार ने नहीं की कोई ठोस पहल'
किसान नेता शिव सागर शर्मा ने कहा किसानों की कर्ज माफी और उनके उत्पादन की उचित मूल्य देने आदि समेत कई मांगों को किसान संगठन सरकार के समक्ष रख रही हैं. लेकिन सरकार किसानों के हक और उन्नति के लिए कोई भी ठोस पहल नहीं कर रही है.

नवादा: जिले में अखिल भारतीय किसान समिति के बैनर तले किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से किए जा रहे आरईसीपी से समझौते के खिलाफ प्रतिरोध मार्च निकाला. इस प्रतिरोध मार्च में किसानों ने किसान हित के नारे लगाए और सरकार से सहयोग की मांग की.

'किसानों की हालत दयनीय'
किसान नेता शिव सागर शर्मा ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान के हित के लिए कोई कार्य नहीं कर रहे हैं. जिस कारण किसानों को अब कृषि कार्य में नुकसान हो रहा है. जिसकी भरपाई नहीं होने से किसानों की हालत दयनीय होती जा रही है. उन्होंने कहा कि बैंकॉक में बैठकर नरेन्द्र मोदी आरईसीपी से समझौता कर रहे हैं. इस समझौते से किसान को काफी नुकसान होगा.

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किसानों का विरोध प्रदर्शन

'220 किसान संगठन कर रहे विरोध'
किसान नेता ने कहा कि इस समझौते से किसानों का आर्थिक उत्पादन और विक्री नष्ट हो जाएगी. साथ ही देश के 12 करोड़ किसान पूरी तरह तबाही के मंजर को झेलेंगे. वहीं, समझौते को रोकने के लिए देश में 220 किसान संगठनों ने विरोध किया है.

किसान संगठनों ने निकाला विरोध मार्च

'सरकार ने नहीं की कोई ठोस पहल'
किसान नेता शिव सागर शर्मा ने कहा किसानों की कर्ज माफी और उनके उत्पादन की उचित मूल्य देने आदि समेत कई मांगों को किसान संगठन सरकार के समक्ष रख रही हैं. लेकिन सरकार किसानों के हक और उन्नति के लिए कोई भी ठोस पहल नहीं कर रही है.

Intro:*

*नवादा :* अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले किसान संगठनों ने बैंकॉक में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जा रहे आरसीईपी से समझौते के खिलाफ सोमवार क़ो नवादा में प्रतिरोध मार्च निकाला । इस प्रतिरोध मार्च में किसानों ने किसानहित के नारे लगाए औऱ सरकार से किसानों क़ो सहयोग की मांग किया । इस दरम्यान हाथ में स्लोगन की तख्ती लिए किसानों द्वारा निकाली गयी प्रतिरोध मार्च बाजारों में भ्रमण करते हुए प्रजातंत्र चौक पर पहुंचाया , जहां सभा में तब्दील हो गया । Body:इस मौके पर किसान नेता शिव सागर शर्मा ने कहा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान के हित के लिए कोई कार्य नहीं कर रहे हैं जिस कारण किसानों क़ो अब कृषि कार्य में घाटे हो रहे हैं , जिसकी भरपाई नहीं होने से किसानों की हालत दयनीय होता जा जा रहा है । उन्होंने कहा आज बैंकॉक में बैठकर नरेन्द्र मोदी आरसीईपी से समझौता करने के लिए वहां टेबुल पर बैठे हैं । इस समझौते से किसानों क़ो काफी नुकसान होगा । यह क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक समझौते से किसानों का उत्पादन औऱ बिक्री नष्ट हो जाएगा । किसान क़ो काफी नुकसान होंगे साथ हीं जुट का उत्पादन पुरी तरह नष्ट हो जाएगा । आज की इस समझौते से देश के 12 करोड़ किसान पुरी तरह तबाही के मंजर क़ो झेलेंगे । किसान व्यापार पुरी तरह से नष्ट हो जाएंगे जिसे रोकने के लिए देश में 220 किसान संगठनों द्वारा प्रतिवाद जारी है । हम किसानों के लिए संघर्ष कर रहे हैं ताकि उन्हें सहायता मिल सके । किसानों के कर्जे क़ो माफ करने , किसानों क़ो बिना सूद के आर्थिक सहायता कर कृषि क़ो बढ़ावा देने , कृषि कार्यों के उपकरण देने , किसानों क़ो उनके उत्पादन की उचित मूल्य देने आदि समेत कई मांगों क़ो हम सरकार के समक्ष रख रहे हैं । लेकिन सरकार द्वारा किसानों के हक औऱ उन्नति के कोई भी ठोस पहल नहीं किया जा रहा है । भारत कृषि प्रधान देश है औऱ कृषि भारत की पहचान है । लेकिन नरेन्द्र मोदी की सरकार में किसानों की हालत फटेहाल होता जा रहा है । बाढ़ औऱ सुखाड़ का दंश झेल रहे किसान आर्थिक बोझ के नीचे दबाता चला जा रहा है । किसान कृषि कार्य छोड़ काम के तलाश में दूसरे राज्य पलायन क़ो मजबूर हो रहे हैं । जो सरकार किसानों के हक के लिए काम नहीं कर रही है वैसे सरकार क़ो गद्दी छोड़ देनी चाहिए । इस मौके पर दर्जनों किसानों ने अपना मंतव्य दिया ।Conclusion:
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