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ईटीवी इम्पेक्ट: गर्मी में प्यासे मर रहे थे लोग, ईटीवी भारत ने दिलाया पीने का पानी तो चमक उठी आंखें

ईटीवी भारत ने यह बीड़ा उठाया और गांव गांव जाकर पेयजल के लिए आवाज उठाने लगे. हमारी खबर का असर हुआ. और इस गांव में विभाग ने पीने का पानी टैंकर में भरकर भेजा.

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Published : May 31, 2019, 12:58 AM IST

ईटीवी इम्पेक्ट

नवादा: एक तो प्रचंड गर्मी उपर से पीने का पानी नहीं. ऐसे में जनजीवन बेहाल होना लाजमी है. ऐसी ही एक तस्वीर नवादा की है. जहां कई गांवों में पेयजल नहीं है. ऐसे ही एक गांव रहीम बिगहा में ईटीवी भारत प्यासे लोगों के लिए वरदान साबित हुआ.

etv bharat
सूखा पड़ा कुंआ

ईटीवी भारत ने यह बीड़ा उठाया और गांव गांव जाकर पेयजल के लिए आवाज उठाने लगे. हमारी खबर का असर हुआ. और इस गांव में विभाग ने पीने का पानी टैंकर में भरकर भेजा. खास बात यहा है कि जहां लोग स्वच्छ जल के लिए तरस रहे थे. लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं था. नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी हर घर नल-जल योजना भी यहां धरातल पर दम तोड़ चुकी थी.

ईटीवी इम्पेक्ट: गांव में पहुंचा पानी का टैंकर

टैंकर के लिए टोल फ्री नंबर

हालांकि प्रशासन ने पीने के पानी के लिए टॉल फ्री नंबर जारी किया है लेकिन उसके बारे में ग्रामीण कुछ नहीं जानते लिहाजा उन्हें प्यासा रहना पड़ता था. जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर गोविंदपुर प्रखंड के रहीम बिगहा में पानी की भारी किल्लत है.

ईटीवी भारत की पहल पर पहुंचा पानी का टैंकर

लोगों से जब इस बारे में हमने पूछा तो लोगों को विभाग से पानी का टैंकर मंगवाने की कोई जानकारी नहीं थी. ऐसे में ईटीवी भरत संवादादाता ने लोगों को टॉल फ्री नंबर देकर उस पर फोन करवाया. फिर क्या था थोड़ी ही देर बाद विभाग ने गांव में टैंकर भेज दिया. और लोगों को पीने का पानी मिल गया.

धरातल पर दम तोड़ रही नल-जल योजना

हर घर नल से जल योजना की शुरुआत जनवरी 2016 में हुई थी. लक्ष्य था घर-घर पेयजल का लेकिन यह योजना फिस्स हो गई. क्योंकि विभाग ने वॉटर टैंकर के लिए टॉल फ्री नंबर तो जारी किया लेकिन लोगों को इसके लिए जागरूक नहीं किया. आलम यह है कि आज भी नवादा के रहीम बिगहा, सीतारामपुर, पंचरुखी के अलावा कई गांवों में पेयजल नहीं है.

ग्रामीणों ने क्या कहा
गांव के लोगों का कहना है कि हम लोगो प्यासे थे. कम पानी में बहुत से लोगों को प्यास बुझानी पड़ती थी. विभाग की योजन के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं थी. लेकिन जब ईटीवी भारत ने हमें एक नंबर दिया. तो नंबर पर फोन करते ही पहली बार हमारे गांव में पानी का टैंकर आ गया. मदद के लिए ईटीवी का धन्यवाद. जल ही जीवन है डीएम साहब को भी धन्यवाद.

क्या है हर घर नल-जल योजना

  • मुख्यमंत्री की सात निश्चय योजनाओं में से एक है हर घर नल-जल योजना.
  • हर घर में एक व्यक्ति के लिए 70 लीटर पानी हर दिन के हिसाब से दिया जायेगा.
  • गरीबी रेखा से नीचे वाले को 30 रुपये और गरीबी रेखा से ऊपर वाले को 60 रुपये महीने का देना होगा.
  • जो चापाकल खराब हैं, उन्हें दुरुस्त किया जायेगा.
  • सामुदायिक कुएं को मनरेगा के तहत जोड़ा जायेगा.
  • कुआं व तालाबों में से गाद हटाया जायेगा और इसे गहरा किया जायेगा.
  • राज्य सरकार को 30 लाख घरों में जल का पानी देना है.
  • इस योजना के तहत घर-घर पेयजल की व्यवस्था कराना है.

पानी के लिए यह व्यवस्था है

  • इसके लिए जिन गांवों में वाटर सप्लाई की व्यवस्था अभी नहीं हो पाई है.
  • उन गांवों के लिए वाटर टैंकर से पानी आपूर्ति की व्यवस्था है.
  • प्रशासन ने पेय जल के लिए टोल फ्री नंबर जारी किए हैं.
  • इन नंबरों पर कॉल करते ही लोगों को वाटर टैंकर उपलब्ध हो जाता है.
  • अभियंताओं को इन नंबरों की जानकारी आम लोगों तक देने की जिम्मेदारी है.
  • विभाग द्वारा नवादा के लिए जारी किया गया टोल फ्री नंबर है 06324-210036.

नवादा: एक तो प्रचंड गर्मी उपर से पीने का पानी नहीं. ऐसे में जनजीवन बेहाल होना लाजमी है. ऐसी ही एक तस्वीर नवादा की है. जहां कई गांवों में पेयजल नहीं है. ऐसे ही एक गांव रहीम बिगहा में ईटीवी भारत प्यासे लोगों के लिए वरदान साबित हुआ.

etv bharat
सूखा पड़ा कुंआ

ईटीवी भारत ने यह बीड़ा उठाया और गांव गांव जाकर पेयजल के लिए आवाज उठाने लगे. हमारी खबर का असर हुआ. और इस गांव में विभाग ने पीने का पानी टैंकर में भरकर भेजा. खास बात यहा है कि जहां लोग स्वच्छ जल के लिए तरस रहे थे. लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं था. नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी हर घर नल-जल योजना भी यहां धरातल पर दम तोड़ चुकी थी.

ईटीवी इम्पेक्ट: गांव में पहुंचा पानी का टैंकर

टैंकर के लिए टोल फ्री नंबर

हालांकि प्रशासन ने पीने के पानी के लिए टॉल फ्री नंबर जारी किया है लेकिन उसके बारे में ग्रामीण कुछ नहीं जानते लिहाजा उन्हें प्यासा रहना पड़ता था. जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर गोविंदपुर प्रखंड के रहीम बिगहा में पानी की भारी किल्लत है.

ईटीवी भारत की पहल पर पहुंचा पानी का टैंकर

लोगों से जब इस बारे में हमने पूछा तो लोगों को विभाग से पानी का टैंकर मंगवाने की कोई जानकारी नहीं थी. ऐसे में ईटीवी भरत संवादादाता ने लोगों को टॉल फ्री नंबर देकर उस पर फोन करवाया. फिर क्या था थोड़ी ही देर बाद विभाग ने गांव में टैंकर भेज दिया. और लोगों को पीने का पानी मिल गया.

धरातल पर दम तोड़ रही नल-जल योजना

हर घर नल से जल योजना की शुरुआत जनवरी 2016 में हुई थी. लक्ष्य था घर-घर पेयजल का लेकिन यह योजना फिस्स हो गई. क्योंकि विभाग ने वॉटर टैंकर के लिए टॉल फ्री नंबर तो जारी किया लेकिन लोगों को इसके लिए जागरूक नहीं किया. आलम यह है कि आज भी नवादा के रहीम बिगहा, सीतारामपुर, पंचरुखी के अलावा कई गांवों में पेयजल नहीं है.

ग्रामीणों ने क्या कहा
गांव के लोगों का कहना है कि हम लोगो प्यासे थे. कम पानी में बहुत से लोगों को प्यास बुझानी पड़ती थी. विभाग की योजन के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं थी. लेकिन जब ईटीवी भारत ने हमें एक नंबर दिया. तो नंबर पर फोन करते ही पहली बार हमारे गांव में पानी का टैंकर आ गया. मदद के लिए ईटीवी का धन्यवाद. जल ही जीवन है डीएम साहब को भी धन्यवाद.

क्या है हर घर नल-जल योजना

  • मुख्यमंत्री की सात निश्चय योजनाओं में से एक है हर घर नल-जल योजना.
  • हर घर में एक व्यक्ति के लिए 70 लीटर पानी हर दिन के हिसाब से दिया जायेगा.
  • गरीबी रेखा से नीचे वाले को 30 रुपये और गरीबी रेखा से ऊपर वाले को 60 रुपये महीने का देना होगा.
  • जो चापाकल खराब हैं, उन्हें दुरुस्त किया जायेगा.
  • सामुदायिक कुएं को मनरेगा के तहत जोड़ा जायेगा.
  • कुआं व तालाबों में से गाद हटाया जायेगा और इसे गहरा किया जायेगा.
  • राज्य सरकार को 30 लाख घरों में जल का पानी देना है.
  • इस योजना के तहत घर-घर पेयजल की व्यवस्था कराना है.

पानी के लिए यह व्यवस्था है

  • इसके लिए जिन गांवों में वाटर सप्लाई की व्यवस्था अभी नहीं हो पाई है.
  • उन गांवों के लिए वाटर टैंकर से पानी आपूर्ति की व्यवस्था है.
  • प्रशासन ने पेय जल के लिए टोल फ्री नंबर जारी किए हैं.
  • इन नंबरों पर कॉल करते ही लोगों को वाटर टैंकर उपलब्ध हो जाता है.
  • अभियंताओं को इन नंबरों की जानकारी आम लोगों तक देने की जिम्मेदारी है.
  • विभाग द्वारा नवादा के लिए जारी किया गया टोल फ्री नंबर है 06324-210036.
Intro:नवादा। जिले में बढ़ती गर्मी के साथ पेयजल समस्या बढ़ गई है। चापाकल जवाब दे दिया। जो बचा है भी तो उसमें पानी सही से निकल पाती है। लोग दो बूंद पानी के लिए तरसते रहते हैं लेकिन इनकी आवाज प्रशासन तक नहीं पहुंच पाती है।

भलेहि तमाम चीजें कागजों पर हो जाती है पर इसका निराकारण जमीनी स्तर पर नहीं हो पाती है। ये बात इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि हमने गोविंदपुर प्रखंड के रहीम बिगहा में देखी है। एक ओर जिला प्रशासन की ओर से नियंत्रण कक्ष नंबर 06324-210036 जारी कर यह कहा गया है कि, इस नंबर पर जल से संबंधित समस्याओं का निराकरण हो जाएगा। निर्देश जारी हुए दो दिन बीतने के बाद भी लोगों को इस नंबर की कोई जानकारी थी।

नोट: (डीएम साहब से बातचीत का रिकॉर्ड 9121292572 के व्हाट्सएप नंबर पर भेज दिए हैं. सुजीत सर को इस खबर की जानकारी है बात कर लीजिएगा)



Body:जब ख़बर के सिलसिले में ईटीवी भारत के संवाददाता ग्रामीणों के बीच पहुंचे और उनसे नियंत्रण कक्ष के नंबर के बारे में पूछा, तो ग्रामीणों इसकी कोई जानकारी नहीं होने की बात कही। तब ईटीवी भारत के रिपोर्टर ने नियंत्रण कक्ष के नंबर की जानकारी दी। और ग्रामीणों को उस नंबर पर कॉल करने को कहा तब जाके लोगों को घंटे भर के भीतर पानी पहुंच पाया।

पानी की समस्या से फौरन निज़ात पाने से गदगद हो ग्रामीणों ने कहा, हमलोग पानी बग़ैर तरस रहे थे। हमलोगों को टोल फ्री/नियंत्रण कक्ष नंबर की जानकारी नहीं थी। हमें यह भी पता नहीं था कि इस नंबर पर कॉल करने से पानी मिल जाएगा। हम धन्यवाद देते हैं ईटीवी भारत को जिन्होंने इस नंबर की जानकारी दी। नंबर मिलते ही कॉल किया तो एक घंटे के भीतर पानी मिल गया।

बाइट- ग्रामीण, हीरा लाल चंद्रवंशी


वहीं पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता चंदेश्वर राम से सवाल पूछे गये तो उन्होंने कहा कि,पानी की समस्याओं की निदान हेतु हमलोगों ने जिले में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं इसके अलावे सभी 14 प्रखंडों में पेयजल शिकायत केंद्र संचालित किए हैं। इसके अलावे अगर कहीं पानी की शीघ्र जरूर होती है तो वहां तुरत टैंकर भेजते हैं और अगर चापाकल बंद है तो ठीक करवाते हैं और अगर किसी चापाकल का लेयर गिर गया होता है तो उसमें पाइप जुड़वा देते हैं ताकि आगे कोई दिक्कत न हो। वहीं, जब उनसे यह पूछा गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को नियंत्रण कक्ष के नंबर के बारे में किसी को जानकारी नहीं थी जब हमने इसकी जानकारी उन्हें दी तो उसके बाद उन्होंने कॉल किया और तब जाके उनकी प्यास बुझी इसपे आपका क्या कहना है? तो उन्होंने कहा, यह बात सच है। हमलोगों ने नियंत्रण कक्ष के नंबर की जानकारी अखबार व अन्य माध्यमों से दिए हैं। ग्रामीण क्षत्रों में कई ऐसे लोग हैं जो अखबार नहीं पढ़ पाते हैं। लेकिन वो चाहे तो वहां के जनप्रतिनिधि मुखिया, समिति व वार्ड सदस्यों से नंबर ले सकते हैं या नहीं तो प्रखंड विकास पदाधिकारी से भी नियंत्रण कक्ष का नंबर ले सकते ।



वहीं जब लोगों तक नियंत्रण कक्ष की नंबर नहीं पहुंच पाने की बात सामने आई तो ईटीवी भारत के संवाददाता ने इसपर प्रतिक्रिया जानने के लिए जिलाधिकारी कौशल कुमार से फोन पर बात की तो उसपर उन्होंने कहा, इसकी जानकारी हम मीडिया के माध्यम से दे ही रहे हैं सभी को पता गांव मुखिया, समिति, वार्ड को इसकी जानकारी दे दी गई है लेकिन फिर भी अगर नंबर नहीं पहुंची है तो उपलब्ध करवा देते हैं।






Conclusion:ईटीवी भारत का असर डीएम ने कहा जिन ग्रामीणों तक नहीं पहुंच पाई है नियंत्रण कक्ष नंबर वो अपने वार्ड सदस्य ले सकते है नंबर।
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