नवादाः बिहार के नवादा में एक ही परिवार के छह लोगों की एक साथ अर्थी (cremation of six people in same family in nawada ) उठी. एक दंपती सहित तीन बेटी और एक बेटे की चिता को आग दी गई. पूरे इलाके में इस घटना से मातम छाया हुआ. हर किसी की आंखे यह घटना को जानकर नम हो गई. नवादा में कर्ज तले दबे परिवार के छह सदस्यों ने जहर खाकर अपनी इहलीला समाप्त कर ली. शुक्रवार को जब एक साथ सब की अर्थी निकली तो लोगों की आंखें खुद-ब-खुद नम हो गई. सभी 6 चिता को मुखाग्नि केदार के बड़े बेटे ने दी.
ये भी पढ़ेंः मौत सामने थी और खौफ सूदखोरों का था.. मरने से पहले क्या बोला नवादा का परिवार?
बड़े बेटे ने दी मुखाग्निः नवादा के मिर्जापुर मोहल्ला स्थित बिहारी घाट पर सभी छह सदस्यों का अंतिम संस्कार कर दिया गया. अब इस हृदय विदारक घटना की परतें भी खुलकर सामने आने लगी है कि कैसे केदार लाल गुप्तता के पूरे परिवार को सूदखोर लोग प्रताड़ित करते थे. मृतक के बड़े बेटे अमित ने शवों को मुखाग्नि देने के बाद मीडिया से बात की. उसने कहा कि पापा से अक्सर बात होती थी. वह बताते थे कि जिनसे कर्ज लिया है, वे अक्सर परेशान कर रहे हैं. जीना मुश्किल हो गया है.
देते थे बेटा-बेटी को उठाने की धमकी: अपने पूरे परिवार को एक झटके में खोने के बाद सदमे में आए अमित ने बताया कि पापा ने कहा था कि सूदखोर भाई व बहन को उठा लेने की धमकी दे रहे थे. खास कर मनीष सिंह नामक सूदखोर ने ज्यादा आजिज कर रखा था. अमित ने पुलिस से ऐसे सूदखोर पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है, जिसके कारण परिवार के छह सदस्यों ने आत्महत्या कर ली. हालांकि इस पूरे मामले पर नवादा पुलिस एक्शन में है और अब तक तीन लोगों को धर दबोचा है. तीनों से विशेष पूछताछ भी की जा रही है. अब अमित के खुलासा के बाद पुलिस एक बड़ी कार्रवाई भी कर सकती है.
"मेरे भाई ने बताया था कि पापा बोलते रहते थे कि 10-12 लाख कर्जा हो गया है. सूदखोर भाई व बहन को उठा लेने की धमकी दे रहे थे. मनीष सिंह उर्फ टाइगर सबसे ज्यादा परेशान करता था. मैंने कहा भी था मेरे पास आ जाइए, मिलकर कुछ करेंगे. लेकिन उनको यही अच्छा लगा और सब मिलकर आत्महत्या कर लिये. मेरी बहन ने भी मरने से पहले काॅलकर बोला था कि भैया अब सब खत्म हो गया. मेरी यही मांग है कि जिन लोगों के कारण मेरा पूरा परिवार खत्म हुआ उनलोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिले " - अमित कुमार, बड़ा पुत्र
नवादा में कर्ज के दबाव में पूरे परिवार ने खा लिया था जहर: स्थानीय लोगों के मुताबिक रजौली के रहने वाले केदारनाथ गुप्ता नवादा शहर के न्यू एरिया में किराए के मकान में रहते थे. मृतक घर के मुखिया केदार लाल गुप्ता शहर के विजय बाजार में फल का दुकान चलाते थे और उन पर काफी कर्ज था. इसी वजह से परिवार के सदस्यों ने सामूहिक रूप से जहर खा लिया. परिवार के सभी सदस्यों ने किराए के मकान में जहर ना खाकर नवादा शहर से दूर आदर्श सिटी के पास मजार के पास जाकर जहर खाया.
गाली-गलौच और धमकी से परेशान था पूरा परिवार: स्थानीय लोगों के मुताबिक गुप्ता परिवार कर्ज से परेशान था. आए दिन कर्ज वसूली के लिए उनसे गाली-गलौच और धमकी दी जा रही थी. जिससे तंग आकर परिवार के सदस्यों ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने इन सभी को सदर अस्पताल में भर्ती कराया. जहर खाने वालों में केदार लाल गुप्ता, उनकी पत्नी अनिता देवी, 20 वर्षीय बेटी गुड़िया कुमारी, 18 वर्षीय साक्षी कुमारी, 17 वर्षीय बेटा प्रिंस कुमार, 19 वर्षीय शबनम कुमारी शामिल हैं. सभी ने अस्पताल में दम तोड़ दिया.
मरने से पहले छोड़ा था सुसाइड नोटः आदर्शनगर मोहल्ले में रहने वाले परिवार ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था, जिसमें उन्होंने अपनी मौत का जिम्मेदार 'समाज के दीमक' सूदखोरों को बताया है. इस परिवार के मुखिया ने 6 सूदखोरों से कर्ज लिया हुआ था. सूदखोर द्वारा दी जा रही जलालत का बोझ इनके ऊपर पड़े कर्ज के बोझ से कहीं ज्यादा था. इसीलिए परिवार ने मौत को गले लगाने के लिए जहर पी लिया. महाजन का आतंक इतना था कि उनकी दो-दो दुकानें थीं लेकिन इन महाजनों के खौफ के चलते महीनों से बंद पड़ीं थीं. दुकान नहीं खुलने से आर्थिक तंगी ने भी घेर लिया था. ऊपर से ब्याज और जलालत का बोझ बढ़ता ही जा रहा था. जहां तक भाग सकते थे तब तक भागे फिर हारकर मजबूरी में मौत को सभी ने गले लगा लिया.