नवादाः एक ओर सरकार शारीरिक शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है तो वहीं, दूसरी ओर ग्रामीण लड़के-लड़कियां फिटनेस प्रैक्टिस के लिए मैदान से महरूम हैं. जान-जोख़िम में डालकर ये अभ्यर्थी सड़क किनारे फिजिकल फिटनेस की तैयारी करने में जुटे हैं.
सड़क पर दौड़ लगा रही हैं लड़कियां
एक समय था जब गांव की लड़कियां घर से बाहर निकलकर फिजिकल एक्सरसाइज करने से कतराती थीं. लेकिन अब देश बदल रहा और इसी बदलते समय में लड़कियां अपने कैरियर को लेकर अपने आप को फिट रखने लगी हैं. इसलिए ये अब फिजिकल फिटनेस बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. शायद यही वजह है कि जगह नहीं होने पर भी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ये लड़कियां सड़क पर दौड़ लगा रही हैं.
बेफिक्र है जिला प्रशासन और सरकार
यह समस्या जिले के काशीचक प्रखंड के चंडीनुआ गांव के लड़के-लड़कियों की है. बताया जा रहा है कि गांव में एक छोटी सी परती जमीन थी. जिस पर ये लोग रोजाना बिहार पुलिस और आर्मी की परीक्षा को लेकर फिजिकल एक्सरसाइज करने के लिए जाते थे.
लेकिन वहां तालाब की खुदाई हो जाने और जमीन पर तालाब की मिट्टी भर जाने के कारण प्रैक्टिस करने में दिक्कतें आने लगीं. कई युवा लड़के और लड़कियां अब सड़क किनारे प्रतियोगी परीक्षा की प्रैक्टिस कर रहे हैं. लेकिन इनकी समस्या से जिला प्रशासन और सरकार बेफिक्र है.
'एक अच्छा सा ग्राउंड बनवा दे सरकार'
बिहार पुलिस की तैयारी कर रही जानकी कहती हैं 'हमारे गांव में एक अच्छा मैदान नहीं है. जहां डिफेंस की तैयारी कर सकें. इसलिए सरकार से मेरा निवेदन है कि एक अच्छे से ग्राउंड का निर्माण करा दे. ताकि हमलोग फिजिकल की तैयारी सही तरीके से कर सकें'.
वहीं, भरत कुमार का कहना है- मेरे गांव में कोई बड़ा ग्राउंड नहीं था तो हमने देखा कि यहां मिट्टी भरी हुई है, तो यहीं फिजिकल की तैयारी कर लेते हैं, ताकि फिजिकल देने में सक्षम हो सकूं.