नवादा: कोरोना महामारी के कारण दूसरे राज्यों से वापस लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जा रहा है. इसी उद्देश्य से जिला के रजौली प्रखंड सभागार में सात निश्चय योजना को लेकर प्रखंड स्तरीय बैठक आयोजित की गई. जिसमें डीएम के आदेशानुसार सात निश्चय योजना को 15 जून तक समाप्त करने की बात कही गई.
इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे एसडीएम चंद्रशेखर आजाद ने बताया कि सात निश्चय योजना को लेकर प्रखंड के सभी पंचायतों के मुखिया, वार्ड सदस्य और पंचायत समितियों को काम जल्दी से पूरा करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि लेंगुरा पंचायत में किए गए कार्यों की जानकारी नहीं मिली है. वहीं, फरकाबुजुर्ग पंचायत में 19 योजना के कार्य में से 9 योजनाओं पर कार्य हो रहा है. मुरहेना में 18 कार्यों में से 10 कार्य पूरे नहीं हुए हैं. अन्धरवाड़ी पंचायत में 9 कार्यों में 8 कार्य अधूरे हैं. अमावां पूर्वी में 97 कार्य अधूरे हैं. रजौली पूर्वी में 40 कार्य अधूरे हैं. रजौली पशिचमी पंचायत में सभी योजना का कार्य पूरा हो गया है. टकुआटांर पंचायत में 40 कार्य अधूरे हैं. हरदिया में 30 योजना के कार्य अधूरे हैं. सबैयाटांर पंचायत में सभी योजनाओं के कार्य अधूरे हैं. वहीं, जो भी कार्य रुका हुआ है या पेंडिंग है. उसे जल्द से जल्द निपटाने को लेकर युद्ध स्तर पर कार्य करने की भी बात कही गई.
आचार संहिता लागू होने से पहले कार्यों का निष्पादन
इसके अलावे एसडीएम ने बताया कि 70 सालों से जंगली और पहाड़ी क्षेत्र दूधी माटी में पेय जल का सुविधा नहीं थी. जहां जिंदल कंपनी के सहयोग से पेयजल पहुंचाया गया है. इसलिए जब पहाड़ों पर सरकारी योजना का कार्य हो सकता है. तो समतल जमीन पर काम करना आसान है. इसीलिए सभी लोग जल्द से जल्द सात निश्चय योजना के कार्य को निपटाएं. इसके लिए सभी पंचायतों को 60 फीसदी फंड दे दिया गया है. बिहार में विधानसभा चुनाव को देखते हुए जुलाई माह में ही सभी कार्यों को निपटा देना है. नहीं तो उसके बाद आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के बाद कोई भी कार्य नहीं हो पाएगा.
बैठक में शामिल नहीं होती है महिला मुखिया
इस मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रेम सागर मिश्रा, अंचलाधिकारी संजय कुमार झा, जिंदल कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रशांत पांडा, सभी पंचायतों के मुखिया, वार्ड सदस्य और पंचायत समिति सदस्य उपस्थित रहे. बता दें कि इस बैठक में एक भी महिला मुखिया शामिल नहीं हुई. जिससे क्षेत्र के लोगों में महिला मुखिया के प्रति गुस्सा देखा जा रहा है.