नवादाः जिले के माया बिगहा गांव में रहने वाले एक किसान को जब परंपरागत खेती से घर चलाना मुश्किल हो गया, तो उसने कुछ अलग करने की सोच ली और शुरू कर दी मशरूम की खेती. किसान अमित कुमार की इस सोच ने उनके परिवार की जिंदगी ही बदल डाली. आज वह इसी खेती से सालाना 15 से 20 लाख रुपये कमा रहे हैं.
तरकारी मेले में किया गया पुरस्कृत
जिला मुख्यालय से करीब 10 किमी दूर माया बिगहा गांव में रहने वाले किसान अमित कुमार पिछले 5 सालों से अपने फॉर्म हाउस में मशरूम की खेती करते आ रहे हैं. एक समय ऐसा था जब अमित को पारंपरिक खेती से घर चलाना मुश्किल हो रहा था. आज वही अमित सालाना 15-20 लाख रुपये तक की कमाई कर लेते हैं. इन्हें बटन मशरूम की गुणवत्तापूर्ण खेती करने के लिए हाल ही में पटना में लगे तरकारी मेले में पुरस्कृत भी किया गया.
सालाना कमा लेते हैं 15-20 लाख रुपए
अमित बताते हैं कि वह 1999 में मशरूम की खेती से जुड़े थे. उस समय ऑयस्टर मशरूम की खेती करते थे. फिर उनके दिमाग में आया कि मशरूम प्लांट कैसे लगाया जाए. सरकार से लोन लेकर इसकी शुरुआत की. आज तकरीबन 25-30 किवंटल मशरूम का उत्पादन कर लेते हैं. जिससे 15-20 लाख रुपए सलाना कमा लेते हैं.
कई शहरों में होती है इसकी सप्लाई
अमित कहते हैं कि शुरुआती दिनों में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. लेकिन अब किसी चीज की परेशानी नहीं है. वह बताते हैं कि हमारे यहां से बटन मशरूम के कंपोस्ट पूरे नवादा, जमुई, बांका, मुंगेर, गया और नालंदा तक जाता है.
हजारों लोगों को दे चुके हैं प्रशिक्षण
अमित सिर्फ मशरूम ही नहीं उपजाते हैं, बल्कि उपजाने के लिए प्रशिक्षण भी देते हैं. 2013 तक अपने संस्था, ग्रामीण विकास अधिकरण और नावार्ड के सहयोग से करीब हजारों महिलाओं को प्रशिक्षण दे चुके हैं.
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नवादा को मशरूम सिटी बनाने की है ख्वाईश
अमित की ख्वाइश है कि वो नवादा को मशरूम सिटी बनायें. इस दिशा में वो काफी मेहनत कर रहे हैं. उन्हें विश्वास भी है कि बहुत जल्द ही वह इसमें कामयाब होंगे. मशरूम में प्रोटीन ज्यादा होता है. साथ ही साथ यह विटामिन डी और बी कॉम्प्लेक्स भी प्रदान करता है. जो शुगर और हृदय रोग के रोगियों के लिए लाभदायक है.
ऐसे कर सकते हैं मशरूम की खेती
हाल ही में पटना में तरकारी महोत्सव का आयोजन किया गया था. जहां पूसा के कृषि वैज्ञानिक डॉ. दया ने बताया कि मशरूम की खेती खेत और कमरे में दोनों में की जा सकती है. कमरे के लिए तापमान को नियंत्रित रखना जरूरी होता है. इसलिए एसी की जरूरत पड़ती है. बिहार में बटन मशरूम की खपत ज्यादा है, उन्होंने बताया कि एक लाख से मशरूम खेती की शुरूआत हो सकती है. ठीक से खेती करने पर एक चक्र में तीन लाख की आमदनी होती है.
कम जमीन वाले किसानों के लिए वरदान
मशरूम की खेती कम जमीन वाले किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. लोग एक छोटे से कमरे में भी इसकी खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं. यह एक ऐसी फसल है जो अपने लागत मूल्य से तिगुना प्रॉफिट देने में सक्षम है. सिर्फ जरूरत है इस दिशा में किसानों को आगे आने की.