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पारंपरिक खेती से घर चालाना था मुश्किल, अब मशरूम की खेती कर सालाना कमा रहे 15-20 लाख - बिहार में मशरूम की मांग

मशरूम की खेती कम जमीन वाले किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. लोग एक छोटे से कमरे में भी इसकी खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं.

mushroom cultivation
मशरूम की खेती
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Published : Jan 24, 2020, 12:26 PM IST

Updated : Jan 24, 2020, 1:01 PM IST

नवादाः जिले के माया बिगहा गांव में रहने वाले एक किसान को जब परंपरागत खेती से घर चलाना मुश्किल हो गया, तो उसने कुछ अलग करने की सोच ली और शुरू कर दी मशरूम की खेती. किसान अमित कुमार की इस सोच ने उनके परिवार की जिंदगी ही बदल डाली. आज वह इसी खेती से सालाना 15 से 20 लाख रुपये कमा रहे हैं.

तरकारी मेले में किया गया पुरस्कृत
जिला मुख्यालय से करीब 10 किमी दूर माया बिगहा गांव में रहने वाले किसान अमित कुमार पिछले 5 सालों से अपने फॉर्म हाउस में मशरूम की खेती करते आ रहे हैं. एक समय ऐसा था जब अमित को पारंपरिक खेती से घर चलाना मुश्किल हो रहा था. आज वही अमित सालाना 15-20 लाख रुपये तक की कमाई कर लेते हैं. इन्हें बटन मशरूम की गुणवत्तापूर्ण खेती करने के लिए हाल ही में पटना में लगे तरकारी मेले में पुरस्कृत भी किया गया.

mushroom cultivation
मशरूम की खेती करती महिला

सालाना कमा लेते हैं 15-20 लाख रुपए
अमित बताते हैं कि वह 1999 में मशरूम की खेती से जुड़े थे. उस समय ऑयस्टर मशरूम की खेती करते थे. फिर उनके दिमाग में आया कि मशरूम प्लांट कैसे लगाया जाए. सरकार से लोन लेकर इसकी शुरुआत की. आज तकरीबन 25-30 किवंटल मशरूम का उत्पादन कर लेते हैं. जिससे 15-20 लाख रुपए सलाना कमा लेते हैं.

कई शहरों में होती है इसकी सप्लाई
अमित कहते हैं कि शुरुआती दिनों में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. लेकिन अब किसी चीज की परेशानी नहीं है. वह बताते हैं कि हमारे यहां से बटन मशरूम के कंपोस्ट पूरे नवादा, जमुई, बांका, मुंगेर, गया और नालंदा तक जाता है.

mushroom cultivation
मशरूम की खेती

हजारों लोगों को दे चुके हैं प्रशिक्षण
अमित सिर्फ मशरूम ही नहीं उपजाते हैं, बल्कि उपजाने के लिए प्रशिक्षण भी देते हैं. 2013 तक अपने संस्था, ग्रामीण विकास अधिकरण और नावार्ड के सहयोग से करीब हजारों महिलाओं को प्रशिक्षण दे चुके हैं.

ये भी पढ़ेंः बिहार की इस टीचर ने उंगली को बनाया कैलकुलेटर, मुरीद हुए शाहरुख खान

नवादा को मशरूम सिटी बनाने की है ख्वाईश
अमित की ख्वाइश है कि वो नवादा को मशरूम सिटी बनायें. इस दिशा में वो काफी मेहनत कर रहे हैं. उन्हें विश्वास भी है कि बहुत जल्द ही वह इसमें कामयाब होंगे. मशरूम में प्रोटीन ज्यादा होता है. साथ ही साथ यह विटामिन डी और बी कॉम्प्लेक्स भी प्रदान करता है. जो शुगर और हृदय रोग के रोगियों के लिए लाभदायक है.

नवादा से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ऐसे कर सकते हैं मशरूम की खेती
हाल ही में पटना में तरकारी महोत्सव का आयोजन किया गया था. जहां पूसा के कृषि वैज्ञानिक डॉ. दया ने बताया कि मशरूम की खेती खेत और कमरे में दोनों में की जा सकती है. कमरे के लिए तापमान को नियंत्रित रखना जरूरी होता है. इसलिए एसी की जरूरत पड़ती है. बिहार में बटन मशरूम की खपत ज्यादा है, उन्होंने बताया कि एक लाख से मशरूम खेती की शुरूआत हो सकती है. ठीक से खेती करने पर एक चक्र में तीन लाख की आमदनी होती है.

mushroom cultivation
अपने मशरूम को देखते अमित कुमार

कम जमीन वाले किसानों के लिए वरदान
मशरूम की खेती कम जमीन वाले किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. लोग एक छोटे से कमरे में भी इसकी खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं. यह एक ऐसी फसल है जो अपने लागत मूल्य से तिगुना प्रॉफिट देने में सक्षम है. सिर्फ जरूरत है इस दिशा में किसानों को आगे आने की.

नवादाः जिले के माया बिगहा गांव में रहने वाले एक किसान को जब परंपरागत खेती से घर चलाना मुश्किल हो गया, तो उसने कुछ अलग करने की सोच ली और शुरू कर दी मशरूम की खेती. किसान अमित कुमार की इस सोच ने उनके परिवार की जिंदगी ही बदल डाली. आज वह इसी खेती से सालाना 15 से 20 लाख रुपये कमा रहे हैं.

तरकारी मेले में किया गया पुरस्कृत
जिला मुख्यालय से करीब 10 किमी दूर माया बिगहा गांव में रहने वाले किसान अमित कुमार पिछले 5 सालों से अपने फॉर्म हाउस में मशरूम की खेती करते आ रहे हैं. एक समय ऐसा था जब अमित को पारंपरिक खेती से घर चलाना मुश्किल हो रहा था. आज वही अमित सालाना 15-20 लाख रुपये तक की कमाई कर लेते हैं. इन्हें बटन मशरूम की गुणवत्तापूर्ण खेती करने के लिए हाल ही में पटना में लगे तरकारी मेले में पुरस्कृत भी किया गया.

mushroom cultivation
मशरूम की खेती करती महिला

सालाना कमा लेते हैं 15-20 लाख रुपए
अमित बताते हैं कि वह 1999 में मशरूम की खेती से जुड़े थे. उस समय ऑयस्टर मशरूम की खेती करते थे. फिर उनके दिमाग में आया कि मशरूम प्लांट कैसे लगाया जाए. सरकार से लोन लेकर इसकी शुरुआत की. आज तकरीबन 25-30 किवंटल मशरूम का उत्पादन कर लेते हैं. जिससे 15-20 लाख रुपए सलाना कमा लेते हैं.

कई शहरों में होती है इसकी सप्लाई
अमित कहते हैं कि शुरुआती दिनों में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. लेकिन अब किसी चीज की परेशानी नहीं है. वह बताते हैं कि हमारे यहां से बटन मशरूम के कंपोस्ट पूरे नवादा, जमुई, बांका, मुंगेर, गया और नालंदा तक जाता है.

mushroom cultivation
मशरूम की खेती

हजारों लोगों को दे चुके हैं प्रशिक्षण
अमित सिर्फ मशरूम ही नहीं उपजाते हैं, बल्कि उपजाने के लिए प्रशिक्षण भी देते हैं. 2013 तक अपने संस्था, ग्रामीण विकास अधिकरण और नावार्ड के सहयोग से करीब हजारों महिलाओं को प्रशिक्षण दे चुके हैं.

ये भी पढ़ेंः बिहार की इस टीचर ने उंगली को बनाया कैलकुलेटर, मुरीद हुए शाहरुख खान

नवादा को मशरूम सिटी बनाने की है ख्वाईश
अमित की ख्वाइश है कि वो नवादा को मशरूम सिटी बनायें. इस दिशा में वो काफी मेहनत कर रहे हैं. उन्हें विश्वास भी है कि बहुत जल्द ही वह इसमें कामयाब होंगे. मशरूम में प्रोटीन ज्यादा होता है. साथ ही साथ यह विटामिन डी और बी कॉम्प्लेक्स भी प्रदान करता है. जो शुगर और हृदय रोग के रोगियों के लिए लाभदायक है.

नवादा से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ऐसे कर सकते हैं मशरूम की खेती
हाल ही में पटना में तरकारी महोत्सव का आयोजन किया गया था. जहां पूसा के कृषि वैज्ञानिक डॉ. दया ने बताया कि मशरूम की खेती खेत और कमरे में दोनों में की जा सकती है. कमरे के लिए तापमान को नियंत्रित रखना जरूरी होता है. इसलिए एसी की जरूरत पड़ती है. बिहार में बटन मशरूम की खपत ज्यादा है, उन्होंने बताया कि एक लाख से मशरूम खेती की शुरूआत हो सकती है. ठीक से खेती करने पर एक चक्र में तीन लाख की आमदनी होती है.

mushroom cultivation
अपने मशरूम को देखते अमित कुमार

कम जमीन वाले किसानों के लिए वरदान
मशरूम की खेती कम जमीन वाले किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. लोग एक छोटे से कमरे में भी इसकी खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं. यह एक ऐसी फसल है जो अपने लागत मूल्य से तिगुना प्रॉफिट देने में सक्षम है. सिर्फ जरूरत है इस दिशा में किसानों को आगे आने की.

Intro:समरी- पारंपरिक खेती जब घर चलाना हुआ मुश्किल तो लोन लेकर शुरू की मशरूम की खेती आज तक़रीबन 15-20 लाख रुपए कमाते हैं सालाना।


नवादा। पारंपरिक खेती से नहीं बदली घर की हालत तो शुरू किया मशरूम की खेती आज कमा रहा सालाना 15-20 लाख रुपए। जी हां, जिला मुख्यालय से करीब 10 किमी की दूर माया बिगहा गांव में रहने वाले किसान अमित कुमार पिछले 5 सालों से अपने फॉर्म हाउस में मशरूम की खेती करते आ रहे हैं। एक ऐसा भी वक़्त था जब अमित को पारंपरिक खेती से घर चलाना मुश्किल हो रहा था आज वही, अमित सालाना 15-20 लाख रुपए तक की कमाई कर लेता है। इन्हें बटन मशरूम की गुणवत्तापूर्ण खेती करने के लिए हालहिं में पटना में लगे तरकारी मेले में पुरस्कृत भी किया गया है।

बाइट- अमित कुमार, मशरूम किसान


Body:सालाना कमा लेते हैं 15-20 लाख रुपए

अमित बताते हैं कि वो 1999 से मशरूम की खेती से जुड़े थे। ऑयस्टर मशरूम की खेती करते थे। फिर हमारे दिमाग मे आया कि मशरूम प्लांट लगाया जाए। सरकार से लोन लेकर इसकी शुरुआत की। आज तक़रीबन 25-30 किवंटल मशरूम का उत्पादन कर लेते हैं। जिससे 15-20 लाख रुपए सलाना कमा लेते हैं।


कई शहरों में होती है इसकी सप्लाई

शुरुआती दिनों में काफ़ी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ा था लेकिन अब किसी चीज की दिक्कत नहीं है। उनका कहना है कि हमारे यहां से बटन मशरूम के कंपोस्ट पूरे नवादा, जमुई, बांका, मुंगेर, गया और नालंदा तक जाती है।

अब तक दे चुके हैं हजारों लोगों को प्रशिक्षण

अमित सिर्फ मशरूम ही नहीं उपजाते हैं बल्कि उपजाने के लिए प्रशिक्षण भी देते है। 2013 तक अपने संस्था, ग्रामीण विकास अधिकरण और नावार्ड के सहयोग से करीब हजारों महिलाओं को प्रशिक्षण दे चुके हैं।

नवादा को मशरूम सिटी बनाने का है ख्वाईश

अमित का एक ख्वाइश भी है वो है, नवादा को मशरूम सिटी बनाये। इसके दिशा में वो काफी मेहनत कर रहे हैं और उन्हें यह विश्वाश भी है कि बहुत जल्द इसमें कामयाब होंगे।









Conclusion:मशरूम की खेती कम जमींवाले किसान के लिए वरदान साबित हो रही है लोग एक छोटे से कमरे में भी इसकी खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं। यह एक ऐसा फसल है जो अपने लागत मूल्य से तिगुना प्रॉफिट देने में सक्षम है। जरूरत है इस दिशा में किसानों को आगे आने की।
Last Updated : Jan 24, 2020, 1:01 PM IST
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