नालंदा: बिहार में नीतीश कुमार सुशासन बाबू कहे जाते हैं. सुशासन का मतलब अच्छा शासन. लेकिन, बिहार में तेजी से बढ़ते अपराध के बीच नीतीश सरकार के सुशासन की पोल खुलती नजर आ रही है. प्रदेश में बढ़ते अपहरण, लूटपाट, हत्या, छेड़खानी, महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. सरकार को आइना दिखाने के लिए ईटीवी भारत की टीम आम लोगों से बात कर रही है. आइए जानते हैं प्रदेश की जनता लॉ एंड ऑर्डर पर क्या बोलती है.
बात करें, सीएम नीतीश कुमार के गृह जनपद नालंदा की तो यहां अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. अपराधी यहां एक के बाद एक ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम दें रहे हैं. हाल ही में राजगीर में घटित हुई सामूहिक दुष्कर्म की वारदात ने सभी को हिला कर रख दिया है. वहीं, दूसरी तरफ दीपनगर थाना क्षेत्र के बियाबानी में राजद नेता के भाई की हत्या कर दी गई. यही नहीं, गिरियक प्रखंड में ट्रांसपोर्टर की हत्या का मामला हो या लूट का सीएम के गृह जनपद में क्राइम ग्राफ तेजी से बढ़ा है.
'खुले में घूम रहे अपराधी'
जिला अधिवक्ता संघ के सचिव दिनेश कुमार का कहना है कि नालंदा में अपराधियों का बोलबाला है. बिहार में जंगलराज की स्थिति व्याप्त है. यहां पुलिस सोई हुई है. सामूहिक दुष्कर्म की वारदात सरकार पर काला धब्बा है और अपराधी खुले आम घूम रहे हैं.
अब के हालात बदतर- समाजसेवी
समाजसेवी सरफराज का कहना है कि नालंदा ही क्या पूरे बिहार में अपराध बढ़ा हुआ है. आए दिन हो रही घटनाओं ने लोगों को डरा रखा है. एक समय सबकुछ सामान्य हो गया था. लेकिन फिर से हालात बेकाबू हैं.
बेटियों को स्कूल भेजने में डर लगता है- गृहिणी
गृहिणी रेणु देवी का कहना है कि महिलाओं के लिए कानून बने तो हमने सोचा था कि हम सुरक्षित होंगे लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. मुझे तो बच्चियों को स्कूल भेजने में भी डर लगता है. उन्होंने कहा कि महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं. घर से निकलने में डर लगता है.
अपराधी धांय-धांय चला रहे गोली- युवक
अपराधियों के खौफ में शुभम कुमार का कहना है कि अपराधी धांय-धांय गोलियां चला रहे हैं. यहीं नहीं, उन्हें पकड़ने वाला कोई नहीं हैं. प्रशासन सोया हुआ है. किसी पर कोई कार्रवाई नहीं होती.
अब सुशासन नहीं-स्थानीय
बढ़ते क्राइम पर दिलीप का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार ने जब सत्ता मे वापसी की थी, तो एक्शन में थे. कुछ दिन हालात सही रहे लेकिन अब हालात बेकाबू हो गए हैं. अपराधियों का कहर इतना है कि शाम के समय घर से बाहर निकलने में डर लगता है.
हाल ही की बड़ी वारदातें...
- हिलसा थाना क्षेत्र में बैंक जा रही महिला का अपहरण
- बिहारशरीफ में आरजेडी नेता के भाई की हत्या.
- राजगीर में युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म.
- कतरीसराय थाना क्षेत्र के बरीठ गांव में युवक की गला रेतकर हत्या.
- कपसियामा गांव में दहेज दानवों ने नवविवाहिता की हत्या कर दी.
- हिलसा शहर के स्टेशन रोड कुसुम मोहल्ले में वकील और जदयू नेता के घर से 10 लाख की लूट.
बिहार पुलिस का क्राइम रिकॉर्ड
अब अगर बिहार पुलिस के जुलाई तक के क्राइम रिकॉर्ड पर गौर करें तो जुलाई 2019 तक 893 दुष्कर्म की घटना दर्ज की गई है. वहीं 1,853 हत्या के मुकदमे लिखे जा चुके हैं. ऐसे में सवाल जस के तस हैं कि आखिर कब सुरक्षित होंगी बिहार में बेटियां. आखिर कब अपराध मुक्त बनेगा बिहार क्योंकि इतनी घटनाओं के बाद भी अब तक पुलिस प्रशासन की अंतरात्मा नहीं जागी है. तो दूसरी तरफ लोग पूछ रहे हैं कि कहां हैं सुशासन बाबू?