नालंदा: शराबबंदी मामले में हाईकोर्ट के सवाल पर ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि कोर्ट के निर्देशों का सख्ती से पालन होगा. सरकार कोर्ट के आदेशों को गंभीरता से लेती है और उसके निपटारे के लिए काम भी करती है. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने जो भी आदेश दिए हैं सरकार उसका जरूर पालन करेगी और हमेशा करती रही है.
2016 में लागू हुआ था शराबबंदी
दरअसल, 2015 के विधानसभा चुनावों में मतदाता से किए अपने वादे पर अमल करते हुए नीतीश कुमार ने तीन साल पहले बिहार में शराब पीना और बेचना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया था. 2016 में इसे लागू किया गया था. शराबबंदी लागू होने के बाद से अब तक तीन सालों में बिहार में इस कानून के तहत लगभग पौने दो लाख लोग गिरफ्तार किए गए हैं.
बड़े पैमाने पर जजों की जरूरत
जस्टिस सुधीर सिंह की खंडपीठ ने इस मामले पर बुधवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि था इतनी बड़ी संख्या में मुकदमों का निपटारा कैसे होगा. इसपर राज्य सरकार ने कहा कि इन मामलों की सुनवाई के लिए बड़े पैमाने पर जजों और बुनियादी सुविधाओं की जरूरत है.
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तेजस्वी की मौजूदगी के बावजूद खाली रह गई कुर्सियां, RJD कार्यकर्ताओं में नहीं दिखा उत्साह
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अगली सुनवाई 24 अक्टूबर को
कोर्ट ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में शराबबंदी संबंधी मामलों की सुनवाई युद्ध स्तर पर करने की जरूरत है. कोर्ट ने इस बात पर चिंता जताई कि मुकदमों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. लेकिन जजों की संख्या और अन्य सुविधाओं की काफी कमी है. जिसके चलते राज्य के सभी अदालतों में शराबबंदी मामले की लाखों सुनवाई लंबित पड़ी है. इसके साथ ही कोर्ट ने बताया कि इस मामले पर अगली सुनवाई 24 अक्टूबर को होगी.