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शराबबंदी मामले में HC की फटकार पर बोले श्रवण कुमार- निर्देशों का सख्ती से होगा पालन

जस्टिस सुधीर सिंह की खंडपीठ ने इस मामले पर बुधवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि था इतनी बड़ी संख्या में मुकदमों का निपटारा कैसे होगा. इसपर राज्य सरकार ने कहा कि इन मामलों की सुनवाई के लिए बड़े पैमाने पर जजों और बुनियादी सुविधाओं की जरूरत है.

ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार
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Published : Sep 19, 2019, 8:22 PM IST

नालंदा: शराबबंदी मामले में हाईकोर्ट के सवाल पर ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि कोर्ट के निर्देशों का सख्ती से पालन होगा. सरकार कोर्ट के आदेशों को गंभीरता से लेती है और उसके निपटारे के लिए काम भी करती है. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने जो भी आदेश दिए हैं सरकार उसका जरूर पालन करेगी और हमेशा करती रही है.

2016 में लागू हुआ था शराबबंदी
दरअसल, 2015 के विधानसभा चुनावों में मतदाता से किए अपने वादे पर अमल करते हुए नीतीश कुमार ने तीन साल पहले बिहार में शराब पीना और बेचना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया था. 2016 में इसे लागू किया गया था. शराबबंदी लागू होने के बाद से अब तक तीन सालों में बिहार में इस कानून के तहत लगभग पौने दो लाख लोग गिरफ्तार किए गए हैं.

श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री

बड़े पैमाने पर जजों की जरूरत
जस्टिस सुधीर सिंह की खंडपीठ ने इस मामले पर बुधवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि था इतनी बड़ी संख्या में मुकदमों का निपटारा कैसे होगा. इसपर राज्य सरकार ने कहा कि इन मामलों की सुनवाई के लिए बड़े पैमाने पर जजों और बुनियादी सुविधाओं की जरूरत है.

  • तेजस्वी की मौजूदगी के बावजूद खाली रह गई कुर्सियां, RJD कार्यकर्ताओं में नहीं दिखा उत्साह
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अगली सुनवाई 24 अक्टूबर को
कोर्ट ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में शराबबंदी संबंधी मामलों की सुनवाई युद्ध स्तर पर करने की जरूरत है. कोर्ट ने इस बात पर चिंता जताई कि मुकदमों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. लेकिन जजों की संख्या और अन्य सुविधाओं की काफी कमी है. जिसके चलते राज्य के सभी अदालतों में शराबबंदी मामले की लाखों सुनवाई लंबित पड़ी है. इसके साथ ही कोर्ट ने बताया कि इस मामले पर अगली सुनवाई 24 अक्टूबर को होगी.

नालंदा: शराबबंदी मामले में हाईकोर्ट के सवाल पर ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि कोर्ट के निर्देशों का सख्ती से पालन होगा. सरकार कोर्ट के आदेशों को गंभीरता से लेती है और उसके निपटारे के लिए काम भी करती है. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने जो भी आदेश दिए हैं सरकार उसका जरूर पालन करेगी और हमेशा करती रही है.

2016 में लागू हुआ था शराबबंदी
दरअसल, 2015 के विधानसभा चुनावों में मतदाता से किए अपने वादे पर अमल करते हुए नीतीश कुमार ने तीन साल पहले बिहार में शराब पीना और बेचना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया था. 2016 में इसे लागू किया गया था. शराबबंदी लागू होने के बाद से अब तक तीन सालों में बिहार में इस कानून के तहत लगभग पौने दो लाख लोग गिरफ्तार किए गए हैं.

श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री

बड़े पैमाने पर जजों की जरूरत
जस्टिस सुधीर सिंह की खंडपीठ ने इस मामले पर बुधवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि था इतनी बड़ी संख्या में मुकदमों का निपटारा कैसे होगा. इसपर राज्य सरकार ने कहा कि इन मामलों की सुनवाई के लिए बड़े पैमाने पर जजों और बुनियादी सुविधाओं की जरूरत है.

  • तेजस्वी की मौजूदगी के बावजूद खाली रह गई कुर्सियां, RJD कार्यकर्ताओं में नहीं दिखा उत्साह
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अगली सुनवाई 24 अक्टूबर को
कोर्ट ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में शराबबंदी संबंधी मामलों की सुनवाई युद्ध स्तर पर करने की जरूरत है. कोर्ट ने इस बात पर चिंता जताई कि मुकदमों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. लेकिन जजों की संख्या और अन्य सुविधाओं की काफी कमी है. जिसके चलते राज्य के सभी अदालतों में शराबबंदी मामले की लाखों सुनवाई लंबित पड़ी है. इसके साथ ही कोर्ट ने बताया कि इस मामले पर अगली सुनवाई 24 अक्टूबर को होगी.

Intro:नालंदा । शराबबंदी को बाद दर्ज हुए प्राथमिकी को लेकर पटना उच्च न्यायालय द्वारा किए गए सरकार से सवाल पर बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि कोर्ट के निर्देश का अक्षरशः पालन होगा । कोर्ट के निर्देशों का सरकार और भी गंभीरता से लेती है उसके निपटारा के लिए काम करती है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार है वैसे तो हर मामलों को गंभीरता से लेती है लेकिन कोर्ट के मामले को और भी गंभीरता से लिया जाता है । कोर्ट के द्वारा जो निर्देश जारी किया गया पूरी तरह से पालन किया जाएगा।


Body:मालूम हो कि बिहार में सरकार द्वारा शराब बंदी लागू किया गया था जिसके बाद उसे पालन करने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही थी । पुलिस कार्रवाई के दौरान शराबबंदी कानून को तोड़ने वालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जा रही है । अब तक करीब 2 लाख मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इसी को लेकर कोर्ट द्वारा बिहार सरकार से सवाल किया गया और पूछा गया कि इन मामलों को कैसे निपटारा किया जाएगा।
बाइट। श्रवण कुमार, मंत्री


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