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लॉकडाउन से सीजनल व्यापारियों में छाई मायूसी, बोले- अब घर चलाना भी मुश्किल - Fruit sellers

लॉकडाउन से मौसम के अनुसार व्यापार करने वालों में मायूसी है. लोग घरों में बंद हैं. जिससे इनकी बिक्री बंद है.

फल विक्रेता
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Published : May 15, 2020, 2:22 PM IST

नालंदा: कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन है. इस वजह से लोग घरों में बंद हैं. इससे मजदूरों और छोटे व्यवसायियों की परेशानी बढ़ गई है. खासकर मौसम के अनुसार व्यापार करने वाले लोग एक मौसम की कमाई से पूरे साल घर का खर्चा चलाते थे, लेकिन इस समय में उनके सामने भुखमरी की हालात उत्पन्न हो गई है.

प्रदेश में अभी गर्मी का मौसम है. इस मौसम में मौसमी फल, गन्ने का जूस, अन्य प्रकार के शीतल पेय पदार्थों से बाजार गुलजार हुआ करता था. लेकिन इस बार लॉकडाउन से बाजार की रौनक भी गायब है. ऐसे में मौसम के अनुसार व्यवसाय करने वालों के सामने घर चलाना एक चुनौती बन गया है. फल विक्रेताओं का कहना है कि फल बेचकर ही अपने परिवार को चलाते हैं. इस बार उम्मीद थी कि इस सीजन में अच्छी कमाई होगी. लेकिन कोरोना महामारी की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन लग गया है, जिससे उम्मीदों पर पूरी तरह से पानी फिर गया है.

पेश है रिपोर्ट

'घर परिवार चलाना भी मुश्किल'
गन्ने का जूस बेचने वाले अनिल कुमार का कहना है कि सामान्य मौसम में प्रतिदिन दो से तीन हजार रुपये का गन्ने का जूस बेचकर कमा लिया करता था. लेकिन आज ये स्थिति है कि 2 से 3 सौ रुपये ही कमा पा रहा हूं. आय का स्रोत काफी कम गया है, जिससे घर परिवार चलाना भी मुश्किल हो रहा है. वहीं, तरबूज, डाब और अन्य मौसमी फल की बिक्री पर भी काफी बुरा प्रभाव पड़ा है. जिसके कारण पूरा सीजनल व्यवसाय ठप सा पड़ गया है.

नालंदा: कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन है. इस वजह से लोग घरों में बंद हैं. इससे मजदूरों और छोटे व्यवसायियों की परेशानी बढ़ गई है. खासकर मौसम के अनुसार व्यापार करने वाले लोग एक मौसम की कमाई से पूरे साल घर का खर्चा चलाते थे, लेकिन इस समय में उनके सामने भुखमरी की हालात उत्पन्न हो गई है.

प्रदेश में अभी गर्मी का मौसम है. इस मौसम में मौसमी फल, गन्ने का जूस, अन्य प्रकार के शीतल पेय पदार्थों से बाजार गुलजार हुआ करता था. लेकिन इस बार लॉकडाउन से बाजार की रौनक भी गायब है. ऐसे में मौसम के अनुसार व्यवसाय करने वालों के सामने घर चलाना एक चुनौती बन गया है. फल विक्रेताओं का कहना है कि फल बेचकर ही अपने परिवार को चलाते हैं. इस बार उम्मीद थी कि इस सीजन में अच्छी कमाई होगी. लेकिन कोरोना महामारी की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन लग गया है, जिससे उम्मीदों पर पूरी तरह से पानी फिर गया है.

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'घर परिवार चलाना भी मुश्किल'
गन्ने का जूस बेचने वाले अनिल कुमार का कहना है कि सामान्य मौसम में प्रतिदिन दो से तीन हजार रुपये का गन्ने का जूस बेचकर कमा लिया करता था. लेकिन आज ये स्थिति है कि 2 से 3 सौ रुपये ही कमा पा रहा हूं. आय का स्रोत काफी कम गया है, जिससे घर परिवार चलाना भी मुश्किल हो रहा है. वहीं, तरबूज, डाब और अन्य मौसमी फल की बिक्री पर भी काफी बुरा प्रभाव पड़ा है. जिसके कारण पूरा सीजनल व्यवसाय ठप सा पड़ गया है.

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