नालंदा: जिले में एनआरसी और सीएए के खिलाफ अंजुमन मुफीदुल इस्लाम के बैनर तले मौन जुलूस का आयोजन किया गया था, लेकिन डीएम योगेंद्र सिंह ने इसे बीच में ही रोक दिया. इस विरोध-प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे.
यह मौन जुलूस शहर के बड़ी दरगाह स्थित मेला मैदान से निकाला गया था जिसे शहर के सद्भावना मार्ग से होते हुए समाहरणालय तक जाना था. जुलूस के लिए जिला प्रशासन से कोई आदेश नहीं लिया गया था, जिस वजह से डीएम ने खुद से कमान संभालते हुए सोगरा कॉलेज मोड़ के पास जुलूस को आगे जाने से रोक दिया.
'गरीबों को होगा सबसे ज्यादा नुकसान'
यह विरोध-प्रदर्शन अंजुमन मुफदिल इस्लाम की ओर से आयोजित किया गया था. लोग सुबह से ही मेला मैदान में जुटने लगे थे. धीरे-धीरे इस प्रदर्शन में हजारों लोग पहुंच गये. जुलूस का नेतृत्व पूर्व विधायक पप्पू खान और राजद जिलाध्यक्ष हुमायूं अख्तर तारिक कर रहे थे. इस, बाबत उन्होंने कहा कि यह कानून देश के खिलाफ है. इस कानून से सबसे ज्यादा नुकसान गरीबों को होगा.
बड़ी संख्या मे पुलिस बल रही तैनात
विरोध-प्रदर्शन को लेकर विधि व्यवस्था की समस्या को देखते हुए पुलिस अधीक्षक निलेश कुमार सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रही. इस मामले में ईटीवी भारत संवाददाता से बात कर करते हुए डीएम योगेंद्र सिंह ने बताया कि जुलूस को लेकर कोई परमिशन नहीं लिया गया था, जिस वजह से प्रशासन ने इसे रोक दिया. प्रदर्शनकारियों ने एक ज्ञापन सौंपा है, जिसे आगे बढ़ा दिया जाएगा.