नालंदाः पूरे देश में जगह-जगह नागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसके तहत जिले में बिहार शरीफ भैसासुर और काशी तकिया मोहल्ले के निवासी नागरिकता कानून के विरोध में अनिश्चितकालीन आंदोलन पर बैठे है.
अनिश्चितकालीन धरना
अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे लोगों ने नागरिकता कानून को काला कानून बताया. उन्होंने सरकार से नागरिकता कानून को वापस लेने की मांग की. उनका कहना है कि जब तक इस कानून को वापस नहीं लिया जात तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.
नालंदाः CAA के विरोध में अनिश्चितकालीन धरना, बताया इसे काला कानून - बिहार
अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे लोगों ने नागरिकता कानून को काला कानून बताया. उन्होंने सरकार से नागरिकता कानून को वापस लेने की मांग की. उनका कहना है कि जब तक इस कानून को वापस नहीं लिया जात तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.
नालंदाः पूरे देश में जगह-जगह नागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसके तहत जिले में बिहार शरीफ भैसासुर और काशी तकिया मोहल्ले के निवासी नागरिकता कानून के विरोध में अनिश्चितकालीन आंदोलन पर बैठे है.
अनिश्चितकालीन धरना
अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे लोगों ने नागरिकता कानून को काला कानून बताया. उन्होंने सरकार से नागरिकता कानून को वापस लेने की मांग की. उनका कहना है कि जब तक इस कानून को वापस नहीं लिया जात तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.
बिहार शरीफ में अनिश्चितकालीन धरना शुरू
नालंदा। नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर का विरोध लगातार जारी है । इस कानून को वापस लेने की मांग करते हुए अनिश्चितकालीन धरना पर शुरू कर दिया गया है। बिहार शरीफ के भैसासुर, काशी तकिया मोहल्ले के निवासियों के द्वारा यह धरना शुरू किया गया। धरना के माध्यम से सरकार से कानून को वापस लेने की मांग की जा रही है और जब तक यह कानून वापस नहीं होगा तब तक इस आंदोलन को जारी रखने की बात की जा रही है।
Body: काशी तकिया, भैसासुर मोहल्ले के लोगों के द्वारा यह आंदोलन शुरू किया गया और यह अनिश्चितकालीन आंदोलन है। इस आंदोलन के माध्यम से लोग धरने पर बैठे हैं और सरकार से अपनी मांग को रखने का काम कर रहे हैं। इनका कहना है कि सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून लाया गया व काला कानून है । एनपीआर में भी संशोधन किया गया है उसे वापस लेना चाहिए क्योंकि 10 साल पूर्व जिस बिंदु पर एनपीआर हुआ था उसी पर एनपीआर को कराना चाहिए।
धरनार्थियों द्वारा बताया गया कि गृह मंत्री द्वारा एनआरसी को पूरे देश में लागू करने की बात की जाती वही प्रधानमंत्री द्वारा है एनआरसी की बात नहीं की बात कही जाती है । इससे देश की जनता दिग्भ्रमित है, इसलिए सरकार को सदन में यह बात बताना चाहिए।
Conclusion:धरनार्थियों द्वारा कहा गया कि इस कानून से देश के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। लोगों को कतार में खड़ा होना पड़ेगा । कई लोगों को डॉट फुल नागरिकता दिया जाएगा, इसलिए इस आंदोलन के माध्यम से सरकार को कानून वापस लेने की मांग की जा रही है।
बाइट। अली अहमद, धरनार्थी