नालंदा: विश्व को शांति और अहिंसा का संदेश देने वाला विश्व शांति स्तूप के 50वें वार्षिकोत्सव समारोह की तैयारियां जोर शोर से की जा रही है. ये समारोह राजगीर के रत्नागिरी पर्वत पर आयोजित किया जाएगा. इस समारोह में मुख्य अतिथि भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद होंगे. प्रत्येक वर्ष वार्षिकोत्सव समारोह का आयोजन 25 अक्टूबर को किया जाता है.
विदेशों से भी आते हैं श्रद्धालु
जापान के फुजि गुरुजी के प्रेरणा से विश्व शांति स्तूप का निर्माण कराया गया था. इस स्तूप का डिजाइन वास्तुकार उपेंद्र महारथी ने तैयार किया था. विश्व शांति स्तूप का गुंबद 72 फीट ऊंचा है. रत्नागिरी पर्वत पर स्थित विश्व शांति स्तूप को देखने के लिए बड़ी संख्या में भारत और विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं. भगवान बुद्ध ने इसी स्थल से विश्व को शांति का उपदेश दिया था. विश्व शांति स्तूप का शिलान्यास 6 मार्च 1965 को तत्कालीन राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णन ने किया था.
दो रास्ते हैं स्तूप पर पहुंचने के लिए
विश्व शांति स्तूप का उद्घाटन 25 अक्टूबर 1969 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति वेंकटगिरी ने किया था, तब से प्रत्येक वर्ष 25 अक्टूबर को इसका वार्षिक समारोह का आयोजन किया जाता रहा है. विश्व शांति स्तूप पर पहुंचने के लिए दो रास्ते हैं एक एरियल रोपवे और दूसरा सीढ़ी के माध्यम से पैदल. फिलहाल 1 सीट वाले रोपवे के माध्यम से जाया जा रहा है. जिसे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयास से 8 सीट वाला केविन नुमा रोपवे का निर्माण कराया जा रहा है.
300 बौद्ध धर्मावलंबी के आने की संभावना
जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि कार्यक्रम को लेकर सारी तैयारियां की जा रही है. कार्यक्रम के पहले तैयारियों को पुरा करा लिया जाएगा, ताकि कार्यक्रम के दौरान किसी प्रकार की कोई दिक्कत का सामना ना करना पड़े. वहीं, उन्होंने कहा कि इस बार समारोह में भारत ही नहीं विदेशों से भी करीब 300 बौद्ध धर्मावलंबी के आने की संभावना है. इसको देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं.