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नालंदा: पृथ्वी दिवस के मौके पर लगाए गए पौधे, लोगों से पेड़ लगाने की अपील - नालंदा में पौधारोपण का कार्यक्रम

नालंदा में पृथ्वी दिवस के मौके पर कई पौधे लगाये गये. इस दौरान संयोजक ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सभी लोगों को आगे आना चाहिए और पौधा लगाना चाहिए.

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बिहार पृथ्वी दिवस के मौके पर लगाए गए पौधे
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Published : Aug 9, 2020, 7:38 PM IST

नालंदा (हरनौत): पृथ्वी दिवस के अवसर पर पौधारोपण के कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान संयोजक रवि कुमार, राजीव कुमार और निरंजन नारायण ने कहा कि बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग और प्रदूषण से भविष्य में होने वाली भयंकर परेशानी को लेकर वैज्ञानिकों की ओर से लगातार चेतावनी दी जा रही है. इसके बावजूद भी लोग सही कदम नहीं उठा रहे हैं.

पौधारोपण का कार्यक्रम
संयोजक ने कहा कि इसकी वजह से भविष्य में पीने का बढ़िया पानी और सांस लेने के लिये अच्छी हवा नहीं मिलेगी. जल जीवन हरियाली को लेकर पौधारोपण के दौरान संयोजक ने यह बातें ग्रामीणों को बताया. उन्होंने कहा कि बिहार पृथ्वी दिवस के मौके पर जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सभी लोगों को आगे आना चाहिए.

1804 में हमारी पृथ्वी पर मानव की आबादी सौ करोड़ थी. इसके ठीक 123 वर्ष बाद 1927 में यह आबादी 200 करोड़ हो गई. इसके बाद मात्र 43 वर्षो में यह आबादी 1970 में 400 करोड़ हो गई. आज यह आबादी बढ़कर 750 करोड़ है और अगले चालीस वर्षों में 1000-1200 करोड़ होना तय है.

भयावह होने वाली है स्थिति
इस बढ़ती हुई आबादी में सबसे बड़ा योगदान भारत और चीन का है. दोनों मिलकर 280 करोड़ आबादी के स्वामी हैं. 60-70 साल के बाद स्थिति बहुत ही भयावह होने वाली है. जहां रोजगार की बात तो छोड़ ही दीजिए, स्वास्थ्य की चिंता कर ली जाये, वही बहुत है.

पर्यावरण का चहुमुखी विनाश
आज जिस तरह पर्यावरण का चहुमुखी विनाश देखने को मिल रहा है और उससे होने वाली बीमारी जो लगभग हर परिवार में घर कर गई है. जो सिर्फ शुरुआत है. इस मौके पर पूनम लाल, राजीव कुमार, आकाश कुमार सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे. अश्विनी कुमार ने कहा कि समाज के लोगों को हरियाली को लेकर आगे आना होगा. ताकि वातावरण शुद्ध हो सके.

नालंदा (हरनौत): पृथ्वी दिवस के अवसर पर पौधारोपण के कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान संयोजक रवि कुमार, राजीव कुमार और निरंजन नारायण ने कहा कि बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग और प्रदूषण से भविष्य में होने वाली भयंकर परेशानी को लेकर वैज्ञानिकों की ओर से लगातार चेतावनी दी जा रही है. इसके बावजूद भी लोग सही कदम नहीं उठा रहे हैं.

पौधारोपण का कार्यक्रम
संयोजक ने कहा कि इसकी वजह से भविष्य में पीने का बढ़िया पानी और सांस लेने के लिये अच्छी हवा नहीं मिलेगी. जल जीवन हरियाली को लेकर पौधारोपण के दौरान संयोजक ने यह बातें ग्रामीणों को बताया. उन्होंने कहा कि बिहार पृथ्वी दिवस के मौके पर जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सभी लोगों को आगे आना चाहिए.

1804 में हमारी पृथ्वी पर मानव की आबादी सौ करोड़ थी. इसके ठीक 123 वर्ष बाद 1927 में यह आबादी 200 करोड़ हो गई. इसके बाद मात्र 43 वर्षो में यह आबादी 1970 में 400 करोड़ हो गई. आज यह आबादी बढ़कर 750 करोड़ है और अगले चालीस वर्षों में 1000-1200 करोड़ होना तय है.

भयावह होने वाली है स्थिति
इस बढ़ती हुई आबादी में सबसे बड़ा योगदान भारत और चीन का है. दोनों मिलकर 280 करोड़ आबादी के स्वामी हैं. 60-70 साल के बाद स्थिति बहुत ही भयावह होने वाली है. जहां रोजगार की बात तो छोड़ ही दीजिए, स्वास्थ्य की चिंता कर ली जाये, वही बहुत है.

पर्यावरण का चहुमुखी विनाश
आज जिस तरह पर्यावरण का चहुमुखी विनाश देखने को मिल रहा है और उससे होने वाली बीमारी जो लगभग हर परिवार में घर कर गई है. जो सिर्फ शुरुआत है. इस मौके पर पूनम लाल, राजीव कुमार, आकाश कुमार सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे. अश्विनी कुमार ने कहा कि समाज के लोगों को हरियाली को लेकर आगे आना होगा. ताकि वातावरण शुद्ध हो सके.

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