नालंदा: कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर पिछले 15 दिनों से लॉक डाउन के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले महादलितों के सामने खाने की समस्या उत्पन्न हो गई है. जहां शहर के गरीबों को नगर निगम, स्वयं सेवी संगठन और वार्ड पार्षदों की ओर से खाद्य सामग्री और खाना का वितरण किया जा रहा है. वहीं कुछ लोगों तक अभी तक कोई मदद नहीं पहुंची है.
घोंघा खा कर काट रहे दिन
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों के सामने फांका कशी का दौर शुरू हो गया है. जिसका सबूत बिहार शरीफ प्रखंड के तियुरी पंचायत अंतर्गत अलोदिया गांव के मुसहरी में देखा जा सकता है. इस टोले के 28 परिवारों की कुल आबादी लगभग एक सौ से अधिक है. जिन्हें अब तक ना तो मुखिया और ना ही गांव के लोगों ने किसी प्रकार का सहयोग किया है.
जिसकी वजह से ये लोग घोंघा खा कर अपने बच्चों का पेट पाल रहे हैं. इन गरीबों का कहना है कि हमारे घर में ना तो अनाज है और ना ही काम. ऐसे में पेट भरने के लिए जो भी मिल रहा है, उसे खा लेते हैं.
सरकार ने नहीं की कोई मदद
बता दें इस गांव के सभी महादलित परिवार के लोग ईंट भट्ठे पर काम करने वाले मजदूर हैं. जो प्रतिदिन काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे. लेकिन अब उनके सामने कोई सहारा नहीं बचा है. जिले में बहुत लोग ऐसे हैं, जहां सरकार अभी तक नहीं पहुंच पाई है. इनमें से कुछ लोगों का बीपीएल कार्ड है और कुछ लोगों का बीपीएल कार्ड आज तक नहीं बना है. ऐसे में यह लोग दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं.