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नालंदा: छठ महापर्व की तैयारियां हुई शुरू, श्रमदान से तालाब की सफाई कर रहे लोग

बिहारशरीफ के तकियाकला मोहल्ले के तालाब को लोग श्रमदान कर सफाई कर रहे हैं. गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था की जा रही है. ताकि छठ पर्व के दौरान छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो.

नालंदा में श्रमदान से तालाब की सफाई कर रहे लोग
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Published : Oct 28, 2019, 10:39 PM IST

नालंदा: लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की तैयारियां शुरू हो गई हैं. चार दिनों तक चलने वाली इस पूजा में पवित्रता और सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. प्रदेश में इसकी तैयारी काफी पहले शुरू हो जाती है. विभिन्न तालाबों और नदियों में घाटों के निर्माण का काम किया जा रहा है.

वहीं, कई इलाके ऐसे भी हैं जो प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है. छठ महापर्व के मौके पर प्रशासन की ओर से साफ सफाई नहीं शुरू किए जाने से परेशान युवाओं ने खुद श्रमदान से साफ-सफाई की कमान संभाली है.

मोटर की व्यवस्था की गई
बिहारशरीफ के तकियाकला मोहल्ले के तालाब को लोग श्रमदान कर सफाई कर रहे हैं. वहीं गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था की जा रही है. ताकि छठ पर्व के दौरान छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो. गंदे पानी के निकासी के लिए मोटर की व्यवस्था की गई है. स्थानीय लोगों ने बताया कि इस छठ घाट पर ना तो जिला प्रशासन का कोई ध्यान है, ना ही नगर निगम का. जिसकी वजह से यह पूरी तरह से उपेक्षित है.

पेश है रिर्पोट

पूरा तालाब गंदगी से भरा था
छठ पर्व के दौरान इस घाट पर तकियाकला के अलावा चक दिलावर, नबीनगर, नया टोला, महलपुर, खैराबाद, बनौलिया, खंदकपुर, नीमगंज, सालू गंज के अलावा कई मुहल्ले के लोग अर्घ्य देने आते हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि पूरा तालाब गंदगी से भरा हुआ था. जिसके बाद लोगों ने खुद इसकी सफाई का काम शुरू कर दिया.

नालंदा: लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की तैयारियां शुरू हो गई हैं. चार दिनों तक चलने वाली इस पूजा में पवित्रता और सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. प्रदेश में इसकी तैयारी काफी पहले शुरू हो जाती है. विभिन्न तालाबों और नदियों में घाटों के निर्माण का काम किया जा रहा है.

वहीं, कई इलाके ऐसे भी हैं जो प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है. छठ महापर्व के मौके पर प्रशासन की ओर से साफ सफाई नहीं शुरू किए जाने से परेशान युवाओं ने खुद श्रमदान से साफ-सफाई की कमान संभाली है.

मोटर की व्यवस्था की गई
बिहारशरीफ के तकियाकला मोहल्ले के तालाब को लोग श्रमदान कर सफाई कर रहे हैं. वहीं गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था की जा रही है. ताकि छठ पर्व के दौरान छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो. गंदे पानी के निकासी के लिए मोटर की व्यवस्था की गई है. स्थानीय लोगों ने बताया कि इस छठ घाट पर ना तो जिला प्रशासन का कोई ध्यान है, ना ही नगर निगम का. जिसकी वजह से यह पूरी तरह से उपेक्षित है.

पेश है रिर्पोट

पूरा तालाब गंदगी से भरा था
छठ पर्व के दौरान इस घाट पर तकियाकला के अलावा चक दिलावर, नबीनगर, नया टोला, महलपुर, खैराबाद, बनौलिया, खंदकपुर, नीमगंज, सालू गंज के अलावा कई मुहल्ले के लोग अर्घ्य देने आते हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि पूरा तालाब गंदगी से भरा हुआ था. जिसके बाद लोगों ने खुद इसकी सफाई का काम शुरू कर दिया.

Intro:नालंदा। शुद्धता एवं स्वच्छता का पर्व छठ महापर्व की तैयारियां की जा रही है । विभिन्न तालाबों एवं घाटों का निर्माण का काम किया जा रहा है। वहीं कई इलाके ऐसे भी है जो कि प्रशासनिक उपेक्षा का पूरी तरह से स्वीकार है। छठ महापर्व के मौके पर प्रशासन के द्वारा साफ सफाई नहीं शुरू किए जाने से परेशान युवाओं द्वारा खुद श्रमदान से साफ सफाई की कमान संभाली है। बिहारशरीफ के तकियाकला मोहल्ले में स्थित तालाब को श्रमदान कर लोगों द्वारा सफाई किया जा रहा है। वही गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था की जा रही है ताकि छठ पर्व के दौरान छठ व्रतियों एवं श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो।


Body:स्थानीय लोगों ने बताया कि यह महत्वपूर्ण छठ घाट पर ना तो जिला प्रशासन का कोई ध्यान है और ना ही नगर निगम का जिसके कारण या पूरी तरह से उपेक्षित है । छठ पर्व के दौरान इस घाट पर तकियाकला के अलावा चक दिलावर, नबीनगर, नया टोला, महल पर, खैराबाद, बनौलिया, खंदक पर, नीमगंज, सालू गंज के अलावा कई मुहल्ले के लोग अर्घ्य देने के लिए यहां आते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि पूरा तालाब गंदगी से भरा हुआ था जिसके बाद वे लोग खुद इसकी सफाई के काम शुरू किया। गंदे पानी के निकासी के लिए मोटर की व्यवस्था की।
बाइट। रामाश्रय प्रसाद, स्थानीय नागरिक


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