नालंदाः बिहार में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. वहीं प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है. बावजूद इसके कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच नालन्दा में अंतराष्ट्रीय पर्यटन स्थल नालंदा खंडहर, म्यूजियम में पर्यटक नहीं पहुंच पा रहे हैं. वैश्विक महामारी कोरोना के कारण करीब 102 दिनों तक पर्यटन स्थल में ताला लटका रहा लेकिन अनलॉक में प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय को भी खोल दिया गया है.
पर्यटकों को थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन के बाद ही प्रवेश की अनुमति दी जा रही है. लेकिन हालात ऐसे हैं यहां इक्के दुक्के ही पर्यटक नजर आ रहे हैं. कभी शिक्षा का प्रमुख केंद्र रहा प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष को देखने के लिए यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते थे. यहां पहुंच कर लोग नालंदा के इतिहास को जानकारी लेने के साथ विश्वविद्यालय के खंडर को नजदीक से देखते थे. शिक्षा का प्रमुख केंद्र रहा प्राचीन विश्वविद्यालय आज भी लोगों को शिक्षा के महत्व को बताने का काम करता है.
नालंदा विश्वविद्यालय में पसरा सन्नाटा
नालंदा विश्वविद्यालय को देखने के लिए भारत ही नहीं पूरे विश्व के कोने-कोने से पर्यटक यहां पहुंचते हैं. लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के कारण पर्यटन उद्योग पर बुरा असर पड़ा है. हालांकि, अनलॉक में पर्यटन स्थल का दरवाजा तो खोल दिया गया है लेकिन पर्यटक यहां नहीं पहुंच पा रहे हैं. देश-विदेश के पर्यटकों से गुलजार रहने वाला प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय का भग्नावशेष में सन्नाटा पसरा है. यहां कोरोना का डर और दहशत का वातावरण ही पर्यटन स्थल में वीरानगी का मुख्य कारण बताया जा रहा है.
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