नालंदा: बिहार के नालंदा में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है. बिहार शरीफ सदर अस्पताल (Bihar Sharif Sadar Hospital) से लापरवाही की तीन तस्वीरें सामने आई है. पहली तस्वीर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड से आई है. जहां टॉर्च की रोशनी में डॉक्टर मरीज का इलाज करते दिखे. वहीं, दूसरी तस्वीर में अस्पताल आए घायल मरीज को स्ट्रेचर की जगह टांग कर वार्ड में ले जाते देखा गया. वहीं, तीसरी तस्वीर अस्पताल के पोस्टमार्टम कक्ष के पास दिखी. जहां एक पति अपनी पत्नी का शव लेकर पोस्टमार्टम के लिए रात भर इंतजार करता रहा. रात से दिन हो गया लेकिन उसकी सुध लेने कोई नहीं आया.
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मर चुकी है सिस्टम की नैतिकता: तीनों घटना नालंदा के एक मात्र आईएसओ प्रमाणित बिहार शरीफ सदर अस्पताल की है. जहां के स्वास्थ्य कर्मियों का बर्ताव ऐसा कि आप भी परेशान हो जाएंगे. पहला मामला जिले के चंडी थाना क्षेत्र स्थित ठाकुर स्थान गांव का है. जहां के रहने वाले शंकर रविदास की 32 वर्षीया पत्नी सीमा देवी की मौत सर्पदंश के बाद झाड़-फूंक के चक्कर में हो गई. जिसके शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए उसका पति शव लेकर रात भर अस्पताल में बैठा रहा, लेकिन कोई नहीं आया. 15 घंटे बाद शव का पोस्टमार्टम हुआ. महिला के शव के साथ पति को देखकर ऐसा लग रहा था मानो स्वास्थ्य महकमा की नैतिकता मर चुकी है.
अस्पताल कर्मी के व्यवहार से हो जाएंगे परेशान: वहीं, दूसरी तस्वीर बीती रात की है, जब बिहार शरीफ सदर के इमरजेंसी वार्ड में बिजली कट जाने से डॉक्टर के साथ अन्य स्वास्थ कर्मी मोबाइल और टॉर्च से मरीज का इलाज करते दिखे. तीसरी तस्वीर सारे थाना क्षेत्र की है, जहां देर शाम सड़क हादसे में दो युवक गंभीर रूप से जख्मी हो गए. जिन्हें इलाज के लिए स्थानीय थाने की पुलिस ने भर्ती कराया. दोनों घायलों को स्ट्रेचर की जगह पुलिस कर्मी टांग कर वार्ड में भर्ती कराया. बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे करने वाले नेता और मंत्री और मुख्यमंत्री के गृह जिले का ये हाल है कि बाकी जगहों की तो बात ही छोड़ दी जाए.
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