नयी दिल्ली: राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवल किशोर ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान रैलियों में नीतीश कुमार उटपटांग भाषा बोलते थे. लालू पारिवार पर निजी हमले कर रहे थे. उसी समय लग गया था कि वे थके हुए मुख्यमंत्री हो चुके हैं. चुनावी नतीजे आये तो देखा गया कि जदयू जनादेश में तीसरे नंबर पर चली गयी. सिर्फ 43 सीट जीत पायी.
कई करीबी अधिकारियों का तबादला
नवल किशोर ने कहा कि 43 सीट जीतकर नीतीश सीएम बन गए लेकिन बोलते थे कि बीजेपी के दबाव में बना हूं. उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए जदयू के 6 विधायक अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी ने बड़ा झटका दिया. लेकिन नीतीश अरुणाचल मामले पर कुछ नहीं बोल पाए. बिहार में बीजेपी ने सुशील मोदी को डिप्टी सीएम नहीं बनाया. जबकि वे नीतीश के करीबी थे. बीजेपी ने दो डिप्टी सीएम बना दिया. बीजेपी के दबाव में नीतीश के कई करीबी अधिकारियों का तबादला हो गया.
बीजेपी के कारण मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं
बीजेपी के कारण नीतीश मंत्रीमंडल का विस्तार नहीं कर पा रहे हैं. नीतीश सीएम जरूर हैं लेकिन उनकी चल नहीं रही. राजद नेता श्याम रजक ने जब कहा कि जदयू के 17 विधायक राजद के संपर्क में हैं, तो नीतीश को खुद सफाई देना पड़ा कि ऐसा नहीं है. नीतीश को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है. नवल किशोर ने कहा कि बिहार में रोज हत्या, अपहरण, लूट जैसी घटनाएं हो रही हैं. गृह विभाग नीतीश के पास है. वहीं बीजेपी के लोग बोल रहे हैं कि कानून व्यवस्था बिहार में चरमरा गई है. नीतीश जदयू को भी ठीक से नहीं चला पा रहे थे इसलिये राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को बना दिया.
कई विधायकों को हरवाया गया
नवल किशोर ने कहा, जदयू के कई विधायक यह देख रहे हैं. नीतीश के कद में कमी दिख रही है. मुझे आश्चर्य नहीं होगा कि जदयू विधायक यह सोच रहे होंगे कि बिहार में एनडीए सरकार ज्यादा दिन नहीं चलेगी. जल्द कई जदयू विधायक जदयू छोड़कर किसी और पार्टी में चले जाएंगे. जदयू विधायकों को राजद में भविष्य सुरक्षित दिख रहा है. नीतीश को खुद ही नहीं पता है कि उनकी सरकार कितने दिन चलेगी. तेजस्वी यादव रोजगार देने की बात कर रहे थे. कानून व्यवस्था दुरुस्त करने का वादा कर चुके थे. जनता ने बदलाव के लिए वोट दिया भी था, लेकिन राजद के कई विधायकों को हरवाया गया.