नालंदा: नालंदा पुलिस ने पिछले 25 फरवरी को पुलिस सप्ताह दौरान दीपनगर के नादियौना गांव को गोद लिया था. लेकिन, लॉकडाउन के 11 वें दिन पुलिस को गांव की याद आई. इस दौरान पुलिस ने थानाध्यक्ष की मौजूदगी में फूड पैकेट के साथ-साथ जरूरत के कई सामान उपलब्ध कराए गए. इसके साथ ही कोरोना वायरस महामारी को लेकर गांव के लोगों को जागरूक भी किया गया.
महादलित परिवारों के बीच भोजन का वितरण
पुलिस सप्ताह के दौरान गांव को गोद लिया गया था. मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने बताया था कि गांव के गरीबों को पूरी मदद की जाएगी. लेकिन, गोद लेने के बाद पुलिस वाले गांव को पुलिस भूल गए थे. इसको लेकर स्थानीय लोगो ने बताया कि देर ही सही लेकिन इस विपदा की घड़ी में पुलिस वालों को गोद लिए हुए गांव की याद तो आई. इस मौके पर पुलिस वालों के साथ कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने महादलित परिवारों के बीच भोजन का वितरण किया. मौके पर थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि उनका प्रायस है कि त्रासदी के इस दौर में कोई भी भूखा नहीं रहे. गांव के लोगों को लॉक डाउन के दौरान यानी 14 अप्रैल तक संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए हर जरूरी संसाधन मुहैया कराया जाएगा. इसके साथ ही सभी असहायों और बेबस लोगों को अवाश्यक सामग्रियों की लगातार आपूर्ति की जाएगी.
बिहार में जारी है हाई अलर्ट
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण के लिए पीएम मोदी ने पूरे देश में लॉक डाउन करने का आदेश जारी किया गया है. जिला प्रशासन नालंदा में पूरी सख्ती से लॉक डाउन का पालन करवा रही है. बता दें कि देश में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को रात 12 बजे से पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया था. पूरे देशभर में लॉक डाउन 14 अप्रैल तक लागू रहेगा. देश में कोरोना से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पूरे देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 2 हजार की संख्या को पार कर चुका है. इस वायरस के दंश से लगभग 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, प्रदेश में कोरोना के 31 मामले पॉजिटिव पाए गए है. जबकि, इस वायरस के कारण 1 की मौत हो चुकी है.